सोडियम एक ऐसा तत्व है जो मानव शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। सोडियम हमारे शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और साथ-साथ शरीर के अंगों से दिमाग तक सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में मदद करता होती है। मांसपेशियों को सही से काम करने में भी सोडियम अहम भूमिका निभाता है। शरीर में सोडियम की कमी पूरा करने के लिए नमक प्रमुख स्रोत है।

  1. सोडियम के स्रोत
  2. सोडियम के फायदे
  3. सोडियम की अधिकता से नुकसान
  4. सोडियम की कमी के लक्षण और नुकसान
  5. एक दिन में कितना नमक खाना सही है?
  6. सारांश

हमारे शरीर में सोडियम की पूर्ति का अच्छा और प्राकृतिक स्रोत नमक है। साथ-साथ गाजर, चुकन्दर, पालक, दूध, पनीर, अण्डे में भी सोडियम अल्प मात्रा में पाया जाता है। अनाजों में भी सोडियम अति अल्प मात्रा में पाया जाता है।

सोडियम हमारे शरीर (acid ) में अम्ल व क्षारीय (Alkaline ) स्थिति में सन्तुलन बनायें रखने में मदद करता है। सोडियम हमारे शरीर के ऊतक द्रवों व प्लाज्मा के रसाकर्षण दबाब (Osmose pressure ) को नियन्त्रित रखने में भी मदद करता है। यह हमारे शरीर में उचित जल सन्तुलन बनाये रखने में मदद करता है। सोडियम हमारे ह्रदय की माँसपेशियों के संकुचन व नाड़ी ऊतकों की संवेदन शक्ति को नियमित रखता है। ह्रदय की धड़कन को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।

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आप जानते ही होंगे कि किसी भी खनिज की ज्यादा मात्रा हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है। वैसे ही सोडियम की मात्रा हमारे शरीर में बढ़ जाए तो हम बहुत से समस्या के शिकार हो जाते हैं। सोडियम की अधिक मात्रा से रक्तचाप बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप हृदय से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ अन्य रोगों को जन्म देता है। सोडियम की अधिकता से टखने (ankle )में सूजन और मोटापे की समस्या बढ़ जाती है। सोडियम की अधिकता से हड्डियां पतली होने लगती हैं जिस के कारण ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis ) का खतरा भी बढ़ जाता है। सोडियम की अधिक मात्रा से पेट के कैंसरअस्थमा और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

सोडियम हमारे शरीर को सूचारू रूप से काम करने के लिए बहुत जरूरी है पर जब भी हमारे शरीर में इस की कमी होती है यह हमारे शरीर में अनेको रोगों को जन्म देता है। सोडियम की कमी से सिर दर्दथकान और भ्रम, मांसपेशियों में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी और पेट में दर्द, बार-बार भूख का एहसास, बैचेनी और घबराहट महसूस होना आदि समस्याओं का जन्म होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकरक हैं। 

(और पढ़ें - सिर दर्द के घरेलू उपाय)

अनुशंसित आहार भत्ता (Recommended Daily Allowances) के अनुसार सोडियम की मात्रा जन्म से 6 महीने के उम्र के शिशु को 0.12 ग्राम के करीब लेनी चाहिए। 9 से 13 साल के बच्चे को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए। 14 से 18 साल के पुरुष को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए। 14 से 18 साल की महिला को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए। 19 से 50 साल के पुरुष को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए। 19 से 50 साल की महिला को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए। गर्भवती महिला को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए और स्तनपान कराने वाली महिला को 1.5 ग्राम के करीब लेनी चाहिए।

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सोडियम एक आवश्यक खनिज है, जो शरीर में पानी के संतुलन और मांसपेशियों व नसों के सही कार्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके मुख्य स्रोतों में टेबल सॉल्ट (नमक), डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, अचार, सॉस और नमकीन स्नैक्स शामिल हैं। सोडियम के फायदे यह हैं कि यह शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करता है और मांसपेशियों के संकुचन और तंत्रिका सिग्नलिंग में मदद करता है। हालांकि, अधिक मात्रा में सोडियम का सेवन हानिकारक हो सकता है। ज्यादा सोडियम से उच्च रक्तचाप, दिल के रोग, और किडनी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, सोडियम का संतुलित सेवन बेहद जरूरी है ताकि शरीर सही ढंग से काम कर सके और किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।

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