सेलिब्रिटी स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भावस्था के बाद भी माताएं फिट रह सकती हैं। इस विशेषज्ञ ने बॉलीवुड की एक मशहूर अदाकारा की डिलिवरी के बाद उनके वज़न को घटाने में काफी मदद की थी।
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सेलिब्रिटी स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भावस्था के बाद भी माताएं फिट रह सकती हैं। इस विशेषज्ञ ने बॉलीवुड की एक मशहूर अदाकारा की डिलिवरी के बाद उनके वज़न को घटाने में काफी मदद की थी।
चिकित्सक के मुताबिक दोनों सूर्तों में फिटनेस को लेकर कोई अंतर नहीं होता है। महिलाओं को जोड़ों में दर्द, कमर में दर्द और गर्दन में परेशानी का गर्भावस्था के बाद सामना करना पड़ता है। कमज़ोर मांसपेशियों और साथ ही जोड़ों के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। डिलीवरी के बाद भी फिट रहने के लिए आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद व्यायाम बढ़ा देना चाहिए जिससे आप वापिस पहले जैसे आकार में आ सकें। इसके बाद आपको कार्डियो व्यायाम करने चाहिए ताकि आपकी शक्ति बढ़ सके। इससे आपकी फुर्ती में सुधार होगा और आपको तेज़ी से वज़न कम करने में मदद मिलेगी।
आपको गर्भावस्था के दौरान एक संतुलित आहार का पालन करना चाहिए जिसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी शामिल हों क्योंकि गर्भावस्था के बाद कई महिलाओं को हड्डी की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के बाद आपको अपना डी3 टेस्ट करवाना चाहिए, इससे आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा पता चलती है। उचित दवाएं संभव कमी को दूर करने में मदद करती हैं और आपको स्वस्थ एवं मज़बूत बनाती हैं।
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स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए आपको उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनमें विटामिन ई की मात्रा पाई जाती हो। इसके अलावा कुछ व्यायामों के साथ एक संतुलित आहार का पालन करना चाहिए, जिनसे निश्चित रूप से स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में मदद मिलेगी।
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योग सबसे बेहतरीन विकल्प होता है। आपको शरीर के लचीलेपन पर ज़्यादा और वज़न प्रशिक्षण (weight training) पर कम ध्यान देना चाहिए। धीरे-धीरे वज़न प्रशिक्षण में वृद्धि करें। अलग-अलग व्यायामों का एक संयोजन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अलग अलग तकनीक से अलग लाभ मिलता है।
इस अभिनेत्री का शरीर प्राकृतिक रूप से ही पतला है। ऐसे शरीर को ‘एक्टोमॉर्फ’ कहा जाता है और इसीलिए ये गर्भावस्था से पहले पतली थीं। लेकिन खान पान की खराब आदतों और कम हिलने और व्यायाम की कमी की वजह से उनके शरीर का वजन बढ़ गया जिससे उन्होनें अपनी ताकत और फिटनेस को खो दिया था। वो भी जोड़ों के दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और गर्दन के दर्द का शिकार हुई थीं। इसलिए उनके लिए गर्भावस्था के बाद वर्कआउट करना बहुत मुश्किल हो गया था। इसके लिए उन्होंने अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली, अपनी भीतरी-बाहरी जांघ की मांसपेशियों और अपने को अंदर से मज़बूत बनाने पर काम किया।
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इसी के साथ उन्होंने धीरे-धीरे कार्यात्मक, पशु प्रवाह कसरत, कंडीशनिंग कसरत और इस जैसी अलग अलग कसरतें करनी शुरू कीं जो उन्होनें इससे पहले कभी नही की थीं। उन्होंने अपने खान पान पर भी काफी नियंत्रण रखा। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम कर दी और सब्जियों, फलों और प्रोटीन के संतुलन के साथ एक सख्त आहार का पालन किया। जिसके चलते उन्होंने स्वाभाविक रूप से 3.5 महीने में 21 किलो वज़न कम कर लिया। इसलिए सही मार्गदर्शन और दृढ़ निश्चय से कुछ भी संभव है।
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