कांजी पानी को ब्राउन राइस से तैयार किया जाता है। यह पचाने में हल्का होता है। यह निर्जलीकरण, दस्त, हैजा (cholera) और गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (gastroenteritis) में सहायक चिकित्सा के रूप में प्रयोग किया जाता है। परंपरागत रूप से, यह ल्‍यूकोरिया का इलाज करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में, कांजी को कुछ जहरीले पदार्थ डी‌‌टॉक्सिफ़ाई और शुद्ध करने के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, गुलगुंजी (rosary peas) को कांजी पानी में 3 से 6 घंटे के लिए विषाक्त प्रभाव को कम करने के लिए उबाला जाता है। शायद आप ने चावल के पानी का सेवन किया होगा जब अब बच्चे या जब आप बीमार थे। हो सकता है कि आपको इसका स्वाद पसंद न आएं, लेकिन इस मिश्रण से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। तो आइए जानते हैं कांजी पानी यानि चावल के पानी के बारे में -

  1. चावल के पानी के लाभ - Chawal ke pani ke labh
  2. चावल का पानी कैसे बनाये - Chawal ka pani kaise banaye

चावल के पानी को पीने के कई लाभ निम्नलिखित हैं -

चावल का पानी पीने के फायदे एनर्जी के लिए - Chawal ka pani peene ke fayde energy in Hindi

कांजी या चावल का पानी कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध होता है और इसलिए यह ऊर्जा का एक उत्कृष्ट स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर शरीर आसानी से ऊर्जा प्राप्त कर सकता है। सुबह बाहर निकलने से पहले एक गिलास चावल के पानी का पिएं और इससे आपको ऊर्जा की कमी के कारण कभी भी चक्कर आना या कमजोर नहीं लगेगा।

कांजी पानी दिलाएं कब्ज से राहत - Kanji pani dilaye kabj se raahat

यह फाइबर में समृद्ध होता है और स्मूथ बोवेल मूव्मेंट्स की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद स्टार्च स्वस्थ आँतों के कार्यों को बढ़ावा देकर पेट में उपयोगी बैक्टीरिया की वृद्धि को उत्तेजित करता है जिससे कब्ज जैसी समस्या से राहत मिलती है। 

(और पढ़ें - कब्ज का रामबाण इलाज)

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चावल के पानी के लाभ बचाएं निर्जलीकरण से - Chawal ke pani ke labh bachaye dehydration se

एक गर्म धूप वाले दिन आप चावल का पानी पी सकते हैं। गर्मियों में, शरीर पसीना के माध्यम से पानी और नमक खो देता है और चावल का पानी खोने वाले पोषक तत्वों और पानी की भरपाई करने में मदद करता है, जिससे निर्जलीकरण की संभावना कम हो जाती है। 

(और पढ़ें - निर्जलीकरण के लक्षण​)

कांजी पानी है वायरल इन्फेक्शन में उपयोगी - Kanji water ke fayde viral infection me

चावल का पानी बुखार के लिए एक उपाय के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है क्योंकि यह वायरल संक्रमण के दौरान बुखार और उल्टी के कारण पानी के नुकसान को रोकता है। यह खोए पोषक तत्वों की भरपाई करने में मदद करता है और रिकवरी प्रक्रिया की गति को बढ़ाता है। 

(और पढ़ें - वायरल फीवर का उपचार)

राइस वाटर के फायदे दस्त में - Rice water ke fayde dast me

दस्त का इलाज करने के लिए चावल का पानी एक उत्कृष्ट घरेलु उपाय है, न केवल बड़ों में बल्कि शिशुओं में भी। शिशुओं में दस्त जैसी बिमारियों से ग्रस्त होने की सम्भावना अधिक होती है और यदि सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो गंभीर निर्जलीकरण हो सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि शिशुओं में मल उत्पादन की मात्रा और आवृत्ति कम करके चावल का पानी दस्त को नियंत्रित करने में अधिक प्रभावी है।

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चावल का पानी बच्चों के लिए लाभदायक होता है - Chawal ka pani bacho ke liye labhdayak hota hai

चावल के पानी का इस्तेमाल एशियाई संस्कृति में शिशुओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शिशुओं के पेट को व्यवस्थित करने के लिए चावल के पानी को पिलाया जाता है।

चावल के पानी के फायदे से शरीर स्वस्थ रहता है - Chawal ke pani ke fayde se shareer swasth rehta hai

चावल के पानी को पीने से एक्जिमा, बुखार और अन्य बैक्टीरियल संक्रमण को ठीक करने में काफी मदद मिलती है। यह ऊर्जा से भरपूर होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है।

चावल के पानी का उपयोग मांसपेशियों को बढ़ाए - Chawal ke pani ka upyog maspeshiyo ko badhaye

आप सभी अपनी मांसपेशियों को अच्छा बनाना चाहते हैं। इसके लिए अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है। लेकिन ये कार्य इतना आसान नहीं होता। ऐसे समय में, चावल के पानी में मौजूद एमिनो एसिड मांसपेशियों को बढ़ाने में मदद करता है। इस प्रकार, अगर आप बेहतरीन मांसपेशियां चाहते हैं तो चावल के पानी के साथ-साथ रोजाना व्यायाम भी जरूर करें।

चावल का पानी फ्री रेडिकल्स से बचाए - Chawal ka pani free radicals se bachaye

अभी किये गए एक शोध में पता चला है कि एक अच्छा और सही आहार खाने से फ्री रेडिकल्स से बचने में मदद मिलती है। बल्कि, फ्री रेडिकल्स एक प्रक्रिया है जिसमें असंतुलित हानिकारक इलेक्ट्रोन मौजूद होते हैं। फ्री रेडिकल्स से लड़ने के लिए आपको सही आहार खाने की जरूरत है जो एंटीऑक्सीडेंट्स से समृद्ध हो। इसलिए चावल के पानी में विटामिन सी और विटामिन ए होता है, जो फ्री रेडिकल्स से आपको बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स सूरज की किरणों और अशुद्ध वातावरण से निकलते हैं, तो जरूरी है कि आप चावल का पानी जरूर पियें। 

चावल के पानी में सूजनरोधी गुण होते हैं - Chawal ke pani se shareer ka tapman santulit rehta hai

चावल के पानी में विटामिन, खनिज और एमिनो एसिड होता है, जिसकी वजह से यह प्राकृतिक सूजनरोधी गुण की भूमिका निभाता है। इस प्रकार यह शरीर को कई बीमारियों से दूर रखता है।

आप घर में दो तरीकों से चावल का पानी बना सकते हैं -

पहला तरीका - चावलों को उबालकर –

सामग्री -

  1. एक या दो कप कच्चे चावल (बासमती, ब्राउन, सफेद या जो भी चावल आपके पास हो)
  2. दो से तीन कप पानी।

कैसे बनाएं -

  1. चावलों का पानी बनाने के लिए, सबसे पहले चावलों को पानी में डालकर धो लें। जिससे चावल में मौजूद सभी अशुद्धियां साफ हो जाएं।
  2. अब चावलों को एक बर्तन में डालें और हमेशा से ज्यादा पानी को चावलों में मिलाएं।
  3. कुछ समय के लिए चावलों को उबालें।
  4. जब चावल उबाल जाएं तो उसमें मौजूद पानी को छान लें।
  5. फिर पानी को थोड़ा गुनगुना होने के बाद पी जाएं।
  6. अगर चावलों का पानी बच जाता है तो आप उसे फ्रिज में रख सकते हैं और अगले दिन पीने के लिए पहले उसे चला लें।

दूसरा तरीका - खमीरयुक्त चावल –

सामग्री –

  1. एक कप कच्चे चावल।
  2. दो कप पानी।

कैसे बनाएं –

  1. सबसे पहले आधा कप चावलों को पानी में धो लें।
  2. फिर इन चावलों को अलग बर्तन में डालें और अब इनके ऊपर दो कप पानी डाल दें।
  3. पानी को चावलों से ऊपर ही रखें।
  4. फिर 15 से 30 मिनट के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें।
  5. अब चावलों को छान लें और पानी को अलग कर लें।
  6. फिर पानी को एक बर्तन में करके एक या दो दिन के लिए घर के तापमान में ही रखें।
  7. जब आपको बर्तन से अलग महक आने लगे तो खमीरयुक्त प्रक्रिया को रोक दें और फिर बर्तन को फ्रिज में रख दें।
  8. अब जब भी आप इन चावलों के पानी का इस्तेमाल करें तो एक या दो कप गर्म पानी को उसमें मिला लें। सीधे तौर पर इस पानी का उपयोग न करें।
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