ओमेगा-6 फैटी एसिड वसा के प्रकार हैं. यह कुछ प्रकार के वनस्पति तेलों में पाया जाता है, जिसमें मकई तेल, ईवनिंग प्रिमरोज तेल और सोयाबीन तेल शामिल हैं. ओमेगा-6 फैटी एसिड कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करके हृदय रोग के जोखिमों को कम करने में ओमेगा-6 फैटी एसिड का अहम योगदान है. इसके अलावा, यह कैंसर के जोखिमों को भी कम करता है. हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में करने की आवश्यकता होती है.

आज हम इस लेख में ओमेगा-6 के लाभ, नुकसान और स्त्रोत के बारे में जानेंगे -

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  1. क्या है ओमेगा-6?
  2. ओमेगा-6 के लाभ
  3. ओमेगा-6 के नुकसान
  4. ओमेगा-6 के स्रोत
  5. सारांश
ओमेगा-6 क्या है, लाभ, नुकसान और स्रोत के डॉक्टर

ओमेगा-6 वसा असंतृप्त वसा के समूह से संबंधित है, जिसे पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड के रूप में जाना जाता है. यह भोजन और सप्लीमेंट्स से प्राप्त हो सकता है. हमारा शरीर ओमेगा-6 को बिल्कुल भी निर्माण नहीं करता है, लेकिन यह मस्तिष्क के लिए बहुत ही आवश्यक फैटी एसिड है. इसके सेवन से ही शारीरिक और मानसिक कार्यों में सुधार लाया जा सकता है. मस्तिष्क के विकास के लिए यह फैटी एसिड बहुत ही आवश्यक है. साथ ही यह स्किन और बालों के लिए काफी आवश्यक है. हड्डियों और मेटाबॉलिज्म के लिए भी ओमेगा-6 का काफी महत्व होता है.

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ओमेगा-6 के सेवन से शरीर में कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है. नियमित रूप से अगर आप इसे अपने आहार में शामिल करते हैं, तो कोलेस्ट्रॉल स्तर में सुधार किया जा सकता है. वहीं, यह मानसिक समस्याओं, सूजनहाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचाव कर सकता है. आइए, विस्तार से जानते हैं ओमेगा-6 फैटी एसिड के बारे में -

हड्डियों के लिए लाभकारी

ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर आहार का सेवन करने से आपकी हड्डियों का विकास सही ढंग से हो सकता है. रिसर्च के मुताबिक, रीढ़ की हड्डियों में सुधार और हड्डियों के ढांचे को सही रखने के लिए आपको अपने आहार में ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर आहार की आवश्यकता होती है. साथ ही यह हड्डियों को संरक्षित करने में आपकी मदद करता है.

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आंखों के लिए फायदेमंद

ओमेगा-6 फैटी एसिड आंखों के लिए भी लाभकारी है. रिसर्च के मुताबिक, ओमेगा-6 फैटी एसिड सप्लीमेंट, जिसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड के साथ-साथ बीटा-कैरोटीन और अन्य तत्व मौजूद होते हैं, लेने से आंसू उत्पादन में सुधार किया जा सकता है. साथ ही यह लेजर आई सर्जरी के बाद आंखों की चिकित्सा में सुधार करने में आपकी मदद कर सकता है.

ओमेगा-6 के अन्य फायदे-

  • कोलेस्ट्रॉल स्तर में करे सुधार
  • आंखों में सूखेपन की समस्या को करे कम
  • बच्चों को डायरिया की समस्याओं से दिलाए राहत
  • मानसिक स्वास्थ्य में करे सुधार
  • कैंसर के जोखिमों को करे कम
  • अर्थराइटिस में होने वाली समस्याओं को करे कम
  • डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी

हृदय रोग के जोखिम को करे कम

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, लिनोलिक एसिड (यह एक पीयूएफए है, ​​जो नट्स और बीजों के अलावा वनस्पति तेलों से प्राप्त होता है) युक्त आहार का सेवन करने से कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है. संतृप्त वसा के बजाय पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर वनस्पति तेलों को भोजन में शामिल करने से हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है. साथ ही यह स्वस्थ व्यक्तियों के हृदय रोग के जोखिमों को कम करने में असरदार है.

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हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम करे कम

अगर स्वस्थ व्यक्ति अपने आहार में ओमेगा-6 फैटी एसिड को शामिल करते हैं, तो इससे हाई ब्लड प्रेशर के जोखिमों को कम किया जा सकता है. हालांकि, डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति अपने आहार में ओमेगा -6 फैटी एसिड अधिक मात्रा में शामिल करते हैं, तो इससे हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ सकती है. इसलिए, अपने आहार में ओमेगा-6 फैटी एसिड को सीमित मात्रा में शामिल करें.

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सूजन करे कम

शरीर में सूजन होने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. यह कई बीमारियों का कारण बनती हैं. डायबिटीज, कैंसर, दिल से जुड़ी बीमारियां, अर्थराइटिस और अल्जाइमर जैसी बीमारियां सूजन की वजह से बढ़ सकती हैं. ऐसे में ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर आहार आपके लिए आवश्यक होता है. इससे आपके शरीर में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

तंत्रिका तंत्र दर्द को करे कम

न्यूरोपैथी रोगियों के तंत्रिका तंत्र में होने वाले दर्द को सुधारने में ओमेगा-6 फैटी एसिड लाभदायक हो सकता है. रिसर्च में पता चला है कि छह महीने या उससे अधिक समय तक गामा लिनोलेनिक एसिड (जीएलए) लेने से डायबिटीज न्यूरोपैथी वाले रोगियों के लक्षण कम होते हैं. ऐसे में अगर आपको न्यूरो से जुड़ी समस्या है, तो आप ओमेगा-6 फैटी एसिड से युक्त आहर को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.

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ओमेगा-6 फैटी एसिड स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी माना जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसका सेवन असुरक्षित हो सकता है. खासतौर से ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है. इसके नुकसान निम्न प्रकार से हैं -

उच्च ट्राइग्लिसराइड्स

ओमेगा-6 फैटी एसिड ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकता है. यदि आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर ज्यादा है, तो ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन न करें.

डायबिटीज

आहार में ओमेगा-6 फैटी एसिड का अधिक सेवन डायबिटीज वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के जोखिमों को बढ़ा सकता है. अगर आपको डायबिटीज है, तो ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन सीमित मात्रा में करें.

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फेफड़ों से जुड़ी समस्या

फेफड़ों से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त मरीजों (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज या सीओपीडी) के ओमेगा-6 फैटी एसिड का अधिक मात्रा में सेवन करने से सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है. अगर आपको सीओपीडी है, तो ओमेगा-6 फैटी एसिड का इस्तेमाल न करें.

गर्भावस्था और स्तनपान

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अगर सीमित मात्रा में ओमेगा -6 फैटी एसिड का सेवन करते हैं, तो यह उनके लिए सुरक्षित हो सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में ओमेगा-6 फैटी एसिड का सेवन करना असुरक्षित हो सकता है, क्योंकि इसका अधिक सेवन करने से शिशु को एक्जिमा होने का खतरा रहता है.

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ओमेगा-6 आपको कई तरह के नट्स और बीज जैसे- अखरोट, सूरजमुखी के बीज व टोफू से प्राप्त हो सकता है. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं -

अखरोट

अखरोट एक लोकप्रिय ट्री नट है, जो फाइबर और खनिजों जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसके अलावा, इसमें ओमेगा-6 और ओमेगा-3 की भी अधिकता होती है. वहीं, यह मैंगनीज, तांबा, फास्फोरस और मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.

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एवोकाडो ऑयल

एवोकाडो ऑयल ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर है. इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है. रिसर्च में पाया गया है कि एवोकाडो तेल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को सुधारने में आपकी मदद कर सकता है.

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पीनट बटर

मूंगफली से तैयार बटर ओमेगा-6 फैटी एसिड से भरपूर होता है. इसके अलावा, यह प्रोटीन में समृद्ध है. साथ ही इसमें नियासिन, मैंगनीज, विटामिन-ई और मैग्नीशियम जैसे प्रमुख पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है.

सनफ्लार सीड्स

सूरजमुखी का बीज कई तरह के विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है. इसमें ओमेगा-6 फैटी एसिड काफी अच्छी मात्रा में होता है. इसके अलावा, इसमें विटामिन-ई और सेलेनियम मौजूद होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं. इसके अलावा, यह सेल क्षति, सूजन और पुरानी बीमारी को कम करने में असरदार है.

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आंखों की समस्या व मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने से लेकर कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में ओमेगा-6 फैटी एसिड लाभकारी होता है. हालांकि, इसका सेवन अधिक मात्रा में न करें. खासतौर पर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है. वहीं, अगर आप डायबिटीज से ग्रसित हैं, तो अधिक मात्रा में ओमेगा-6 एसिड का सेवन न करें.

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