भारतीय रसोई में सेहत के कई खजाने मौजूद हैं जिनमें से एक सरसों का तेल भी है। सरसों के तेल की तीखी खुशबू इसे बाकी तेलों से अलग करती है। भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्‍सों में हर घर में सरसों के तेल का इस्‍तेमाल किया जाता है। सरसों के तेल में कुछ ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो फंगल इंफेक्‍शन के इलाज में उपयोगी हैं। ये जुकाम को दूर, बालों और इम्‍यु‍निटी को बढ़ाने एवं मुंह को साफ रखने में मदद करता है।

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सरसों के काले, भूरे या सफेद बीजों से सरसों का तेल तैयार किया जाता है। उत्तर और पूर्वी भारत, बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान और नेपाल में सरसों के तेल का बहुत इस्‍तेमाल किया जाता है। हालांकि, अपने गुणों के कारण अब सरसों का तेल काफी लोकप्रिय हो चुका इसलिए शेफ भी अब खाना पकाने में इसका इस्‍तेमाल करने लगे हैं। खाना पकाने के अलावा सरसों के तेल को सलाद में भी इस्‍तेमाल‍ किया जाता है। इससे शिशु की मालिश भी की जाती है। सरसों का तेल बालों, चेहरे और शरीर के लिए भी फायदेमंद होता है।

सरसों के तेल के बारे में तथ्‍य:

  • वानस्‍पतिक नाम: ब्रैसिका जन्सिया
  • कुल: ब्रैसिकेसी
  • सामान्‍य नाम: सरसों का तेल
  • संस्‍कृत नाम: सर्षप तेल
  • उपयोगी भाग: सरसों के बीजों से सरसों का तेल तैयार किया जाता है।
  • भौगोलिक विवरण: पूर्वी और उत्तर भारत, बांग्‍लादेश एवं नेपाल में खाना पकाने के लिए सरसों के तेल का इस्‍तेमाल किया जाता है।
  • रोचक तथ्‍य: विभिन्‍न त्‍योहारों और अवसरों पर सरसों के तेल का इस्‍तेमाल किया जाता है। भारत में सरसों के तेल को पारंपरिक और सांस्‍कृतिक महत्‍व दिया जाता है।
  1. सरसों के तेल के फायदे - Sarso ke Tel ke Fayde in Hindi
  2. सरसों के तेल के अन्य फायदे - Other Benefits of Mustard Oil in Hindi
  3. सरसों के तेल के नुकसान - Mustard oil side effects in Hindi
  4. सरसों के तेल की तासीर - Sarso ke tel ki taseer
  5. सरसों के तेल का उपयोग - Sarso ke tel ka upyog

सरसों का तेल बालों के लिए लाभकारी - Mustard Oil for Hair in Hindi

सरसों के तेल से मालिश करने से सिर में रक्त परिसंचरण बढ़ता है जिसके कारन बालों को बढ़ाने में मदद करती है। इसमें विटामिन, खनिज और बीटा कैरोटीन आदि तत्व पाएँ जाते हैं। इसके अलावा इसमें लोहा, फैटी एसिड, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल होते हैं। सरसों का तेल समय से पहले बाल सफेद हो जाने की समस्या को रोककर स्वाभाविक रूप से आपके बालों को काला करने में मदद करता है। अच्छे परिणाम देखने के लिए आप सरसों के तेल से अपने बालों को हर रात मालिश कर सकते हैं।

सरसों का तेल बालों के झड़ने और गंजेपन का मुकाबला करने के लिए बहुत उपयोगी है। यह बालों को कवक संक्रमण से बचाता है। इसके लिए हल्का गर्म सरसों का तेल, नारियल तेल, जैतून तेल और बादाम के तेल का एक मिश्रण बनाकर और 15 से 20 मिनट के लिए अपने बालों की मालिश करें। एक शॉवर कैप से अपने बालों को कवर करें और एक हल्के शैम्पू का उपयोग कर 2 से 3 घंटे के बाद अपने बालों को धो लें। इससे आपके बाल लंबे, घने और चमकदार बनेंगें। 

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सरसों के तेल की मालिश त्वचा के लिए - Mustard Oil for Skin in Hindi

अपने चेहरे की त्वचा को मुलायम बनाने के लिए, अपने चेहरे पर सरसों के तेल और नारियल तेल का एक मिश्रण लगाएँ और 5-6 मिनट के लिए हल्के हाथ से मालिश करें। धीरे धीरे एक मुलायम और गीले सूती कपड़े से अपना चेहरा साफ कर लें। इस प्रकार यह आपकी त्वचा का रंग हल्का करने के साथ-साथ पिंपल्स से भी छुटकारा दिलाता है। यह उम्र बढ़ने और झुर्रियों से बचाता है और इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ई एक सनशील्ड के रूप में भी काम करता है। सरसों के तेल के साथ शरीर की मालिश रक्त परिसंचरण में वृद्धि के साथ साथ आपकी त्वचा को साफ और युवा रखता है। 

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सरसों के तेल के लाभ हैं फंगल संक्रमण में - Mustard Oil for Fungal Infection in Hindi

अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों के कारण, सरसों का तेल त्वचा पर चकत्तें और अन्य त्वचा संक्रमण के इलाज में कारगर है। सरसों के तेल में एलिल आइसोथियोसाइनेट नामक तत्व पाया जाता है जो अपने एंटी-फंगल गुणों के कारण कवक के विकास को रोकता है। इस प्रकार यह सूखेपन, सुस्ती और खुजली से आपकी त्वचा को बचाकर कवक और अन्य घातक रोगाणुओं को बढ़ने से रोकता है। इसका सेवन करने से यह मूत्र मार्ग, पेट, आंतों और पाचन तंत्र के अन्य भागों में जीवाणु संक्रमण के साथ खांसी और जुकाम पैदा करने वाले जीवाणु संक्रमण से भी लड़ता है। जबकि त्वचा पर मालिश करने से यह बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ता है। 

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सरसों के तेल के गुण करें फटे होठों का इलाज - Mustard Oil for Lips in Hindi

जब लीप बाम आदि अप्रभावी साबित हो जाते हैं तब सरसों का तेल सूखे फटे होठों के लिए एक बहुत अच्छा उपाय है। बिस्तर पर जाने से पहले, सरसों के तेल की एक या दो बूँद सिर्फ अपनी नाभि पर लगाएँ। यह एक प्राचीन उपाय जो मॉइस्चराइजिंग और आपके होंठो को मुलायम करने में कारगर साबित हो चुका है। 

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सरसों के तेल के फायदे सन टैनिंग को दूर करने में - Mustard Oil for Sun Tanning in Hindi

सरसों का तेल प्राकृतिक रूप से आपकी त्वचा को चमक देने के लिए, टैनिंग और काले धब्बों को दूर करने में कारगर होता है। त्वचा पर सरसों के तेल से मसाज करने से टैनिंग दूर होती है। इसके लिए आप सरसों के तेल, बेसन, दही और नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर एक फेस मास्क तैयार करें और अपने चेहरे पर लगाएँ। 10 से 15 मिनट के बाद ठंडे पानी से इसे धो लें। अच्छे परिणामों के लिए सप्ताह में तीन बार उपयोग करें।

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सरसों का तेल खाने के फायदे पाचन शक्ति के लिए - Mustard Oil for Digestion in Hindi

अच्छा स्वास्थ्य काफी हद तक भूख और अच्छे भोजन पर निर्भर करता हैं। सरसों का तेल भूख को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए जिनको भूख कम लगती है वे खाना पकाने के लिए इसे तेल के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दें।

सरसों का तेल पाचन, रक्‍तवाही (circulatory) संबंधी समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली उत्तेजक के रूप में कार्य करता है। यह प्लीहा और यकृत जैसे रोगों में सहायक होता है। सरसों के तेल की मालिश से रक्त परिसंचरण और पसीने की ग्रंथियों उत्तेजित (stimulants) करता है। इस प्रकार यह शरीर और पेट से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए उपयोगी होता है। 

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सरसों के तेल के गुण बचाएँ कैंसर से - Mustard Oil for Cancer in Hindi

रिसर्च द्वारा यह पता चला है की सरसों के तेल का उपयोग करने से कैंसर होने का खतरा कम होता है। सरसों के तेल में ग्लूकोसिनोलेट नामक तत्व होता है, जो एंटी-कार्सिनजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है और कैंसर को शरीर में बनने से रोकता है। इसमें मौजूद फ़यटोनुट्रिएंट्स कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।

यह गाढ़ा होने और विटामिन ई के उच्च स्तर के कारण, यह तेल पराबैंगनी किरणों और अन्य प्रदूषण के खिलाफ आपकी त्वचा की रक्षा करता है, इस प्रकार यह त्वचा कैंसर को रोकने में भी मदद करता है। 

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सरसों के तेल की मालिश के फायदे दमा के लिए - Mustard Oil Uses for Asthma in Hindi

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। लेकिन इसके लक्षण और प्रभावों को सरसों के तेल का उपयोग करके कम किया जा सकता है। यह अस्थमा के इलाज के लिए सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी इलाज भी माना जाता है। सरसों का तेल अस्थमा और साइनस के लिए प्राकृतिक उपचार माना जाता है। अस्थमा के दौरे के समय, भाप देने के बजाए आप सरसों के तेल से छाती की मालिश करें। आप एक चम्मच चीनी और एक चम्मच सरसों के तेल के मिश्रण को दिन में कई बार ले सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, शहद और सरसों के तेल से बना मिश्रण एक चम्मच दिन में तीन बार लें। ये उपाय अस्थमा को नियंत्रित करने में काफ़ी प्रभावी रहे हैं।

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सरसों तेल के फायदे दूर करें सर्दी खांसी - Mustard Oil for Cold and Cough in Hindi

यह तेल सर्दी और खांसी से ग्रस्त लोग के लिए फायदेमंद हैं, क्योंकि यह बंद छाती और नाक की रुकावट को खोलने में मदद करता है। सरसों के तेल की तासीर गरम होती है जो खांसी जुखाम को ठीक करती है। लहसुन के साथ सरसों के तेल को मिलाएं, इस मिश्रण से छाती और पीठ पर मालिश करें, यह उपाए सर्दी-जुखाम के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। एक चम्मच सरसों का तेल और कपूर का मिश्रण बनाएँ और इससे छाती पर मालिश करें। सरसों के तेल से भाप उपचार लेने के लिए उबलते पानी के बरतन में सरसों का तेल और कुछ चम्मच जीरे के बीज को मिलाएँ और श्वास द्वारा इस भाप को खींचे। सरसों के तेल की तेज गंध श्वसन प्रणाली को गर्म करेगी, इस तरह यह कफ को बनाने से रोक कर सुरक्षा प्रदान करता है। 

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सरसों के तेल की मालिश से करे सूजन को कम - Mustard Oil for Inflammation in Hindi

सरसों के तेल में सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं जो पेट के अंदरूनी हिस्से में सूजन को कम करने के लिए प्रभावी होते हैं। यह ब्रोंकाइटिस (bronchitis ) और निमोनिया (pneumonia) जैसी बिमारी में भी छाती की सूजन कम कर सकता है। सरसों के तेल की मालिश गठिया से राहत में मदद करती है। गठिया के दर्द के लिए, गरम सरसों के तेल के 2 बड़े चम्मच में 3 से 4 लहसुन की कलियाँ मिक्स करें और राहत के लिए जोड़ों पर रगड़ें। हालांकि, जलन या चकत्ते होने पर, तुरंत इस तेल का उपयोग करना बंद कर दें। 

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सरसों का तेल रखें मच्छरों को दूर - Mustard Oil for Mosquito Bites in Hindi

यदि आप मच्छरों के कारण बहार नहीं निकल पा रहें है तो सरसों के तेल को अपनी त्वचा पर लगायें और मच्छरों को खुद से दूर रखें। सरसों का तेल एक प्रभावी मच्छरों से बचाने वाली क्रीम के रूप में काम करता है इसकी तेज सुगंध कीट-कीड़ों को पास आने से रोकती है। इस प्रकार यह मलेरिया और अन्य कीट से होने वाले रोगों को रोकने में मदद करता हैं।

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सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करता है, यह शरीर के सभी अंगों को लाभ पहुंचने के साथ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शक्ति प्रदान करता है।  सरसों का तेल काम ना करने वाले अंगों और मांसपेशियों में सनसनी को उत्तेजित करता है। यह शिशुओं की मालिश करने के लिए अन्य तेलों के साथ प्रयोग किया जा सकता है, यह शक्ति प्रदान करने के अलावा वजन, लंबाई आदि भी बढ़ाता हैं। सरसों का तेल याददाश्त बढ़ाने में भी काम आता है। कुछ पुरुष सरसों के तेल का इस्तेमाल दाढ़ी बढ़ाने के लिए भी करते हैं। सरसों के तेल का इस्तेमाल किसी तरह की एलर्जी को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है, पर इसे इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। सरसों के तेल की मालिश करने से जोड़ों के दर्द को आराम मिलता है।

(और पढ़ें - एलर्जी से बचने के उपाय)

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सरसों के तेल के नुकसान इस प्रकार हैं - 

  • सरसों के तेल में 60% मोनोअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है जिसमें 42% इरुसिक एसिड और 12% ओलेक एसिड होता है, जो प्रकृति में बेहद जहरीला होता है। सरसों के तेल में इरुसिक एसिड की इतनी अधिक मात्रा होने के कारण, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकता है। सरसों के तेल की उच्च खुराक का सेवन करने से कई स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं जैसे - हृदय, श्वसन, दस्त, एनीमिया आदि। (और पढ़ें - एनीमिया के प्रकार)
  • सरसों के तेल में इरुसिक एसिड का स्तर अधिक होता है जो हमारे दिल के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। यह हृदय की मांसपेशियों को बुरी तरह से नुकसान और कभी कभी इससे हृदय घात भी हो जाता है।
  • न्यूट्रीशनल स्टडीस से संकेत मिलता है कि इरुसिक एसिड से भरपूर सरसों के तेल का नियमित रूप से बड़ी मात्रा में सेवन ब्लड प्लेटलेट्स में अचानक और बड़ी गिरावट का कारण बनता है। जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल की अधिक खपत से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें कुछ रासायनिक यौगिक होते हैं जो अच्छी तरह से बढ़ रही भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
  • जिन लोगों को सरसों के तेल से एलर्जी होती है वो इसका सेवन ना करें, इसका सेवन करने से लालिमा, खुजली, सूखी त्वचा जैसी एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती है। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
  • सरसों के तेल के अत्यधिक सेवन से राइनाइटिस हो सकता है जिसमें बलग़म की झिल्ली में सूजन हो जाती है। खांसना, छींकना, भरी हुई नाक, नाक से पानी बहाना आदि इसके लक्षण होते हैं।
  • सरसों के तेल का लंबी अवधि तक उपयोग कई तरीकों से त्वचा को प्रभावित कर सकता है। यह त्वचा पर मामूली से लेकर बड़े फफोले पैदा कर सकता है। यही कारण है कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान शिशुओं और बच्चों की मालिश के लिए सरसों के तेल का प्रयोग करने से मना करता है।

सरसों के तेल की तासीर गरम होती है इसलिए इसका उपयोग सर्दी और जुखाम से राहत पाने के लिए किया जाता है। इसकी गरम तासीर की वजह से इसका उपयोग मसाज करने के लिए भी किया जा सकता है। गर्मियों के मौसम में सरसों के तेल का अधिक उपयोग करने से इसके शरीर पर कुछ नुकसानदायक प्रभाव भी हो सकते हैं।

(और पढ़ें - गर्मियों में क्या खाना चाहिए)

  • सरसों के तेल का उपयोग कैंसर के खतरके को कम करता है।
  • यह दिल के रोगों को भी ठीक करने में मदद करता है।
  • सर्दी-जुखाम से बचने के लिए भी सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है।
  • जोड़ों के दर्द या सूजन को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • सरसों का तेल चेहरे पर लगाने से सन टैन दूर होता है।
  • सरसों के तेल का उपयोग लगभग हर घर में सब्जी बनाने में किया जाता है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें सरसों का तेल है

संदर्भ

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