हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है ताकि दूध पीने की अहमियत और दूध के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके। ज्यादातर लोग दूध का सेवन सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। लेकिन हकीकत ये है कि दूध में कैल्शियम के अलावा भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। न्यूट्रिशन नाम की पत्रिका में साल 2014 में प्रकाशित एक स्टडी की मानें तो दूध पीने को लेकर कितने ही विवाद क्यों न हो, अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि दूध, हमारी सेहत को बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। इसके अलावा दूध पीने से हृदय रोग, कई तरह का कैंसर, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों को भी रोकने में मदद मिलती है। 

वैसे तो ज्यादातर लोग दूध की खूबियों से वाकिफ होते हैं और सभी घरों में दूध का इस्तेमाल जरूर होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसी कई स्टडीज सामने आयी है जिसमें दूध में पाए जाने वाले लैक्टोज की वजह से दूध को पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियां जैसे- दस्त, गैस, पेट फूलना, पेट दर्द आदि के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अलावा दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल और कफ की भी समस्या हो सकती है। 

इन सबकी वजह से बहुत से लोगों ने दूध पीना बंद भी कर दिया है। बावजूद इसके दूध के फायदों को नकारा नहीं जा सकता और आज भी ज्यादातर घरों में बच्चों को रोजाना दूध जरूर पिलाया जाता है। लेकिन क्या सिर्फ बच्चों को ही रोज दूध पीना चाहिए? क्या वयस्कों को दूध की जरूरत नहीं है? इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर बच्चों की ही तरह वयस्कों को भी प्रतिदिन कितना दूध पीना चाहिए।

(और पढ़ें : दूध पीने का सही समय क्या है)

  1. दूध में मौजूद पोषक तत्व
  2. रोजाना कितना दूध पीना चाहिए?
  3. सारांश

ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि दूध में कैल्शियम होता है इसलिए यह हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। लेकिन दूध में कैल्शियम के अलावा भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिस कारण दूध अपने आप में एक कम्प्लीट मील यानी संपूर्ण भोजन माना जाता है। दूध सिर्फ कैल्शियम का बेस्ट स्त्रोत ही नहीं बल्कि दूध में पाया जाने वाले कैल्शियम को हमारा शरीर आसानी से सोख लेता है। कैल्शियम के अलावा दूध में विटामिन डी, प्रोटीन, पोटैशियम, फॉस्फॉरस, मैग्नीशियम, विटामिन बी12 और जिंक भी पाया जाता है।

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आपको रोज कितना दूध पीना चाहिए यह आपकी शरीर की जरूरतों और उम्र दोनों पर निर्भर करता है। उम्र के हिसाब से जानते हैं कि रोजाना कितना दूध पीना चाहिए: 

जन्म से 1 साल तक
जन्म से लेकर 6 महीने तक डॉक्टर शिशु को सिर्फ मां का दूध पिलाने की ही सलाह देते हैं क्योंकि इस दौरान विकास के लिए बच्चे को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है जो उसे सिर्फ मां के ब्रेस्टमिल्क से ही मिल सकती है। 6 महीने के बाद भी जब तक शिशु 1 साल का न हो जाए उसे गाय का दूध नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें कई तरह का नुकसान हो सकता है। इसलिए 6 महीने से 1 साल तक के बच्चे को सॉलिड चीजें खिलाने के साथ ही मां का दूध या फॉर्मूला मिल्क जरूर पिलाना चाहिए।

(और पढ़ें : गाय का दूध या बकरी का दूध- किसके हैं अधिक फायदे)    

1 से 3 साल तक
1 से 3 साल तक के बच्चों को रोजाना करीब 350 मिलिग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है और इसलिए इस उम्र के बच्चों को प्रतिदिन करीब 100 से 200 मिलीलीटर दूध जरूर पिलाना चाहिए। दूध के अलावा बच्चों को दही और चीज जैसे दूध से बने प्रॉडक्ट्स भी देने चाहिए।
 

4-10 साल तक
4 से 10 साल तक के बच्चों के लिए रोजाना करीब 450 से 500 मिलिग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है और इसके लिए उन्हें 200 से 300 मिलीलीटर दूध पिलाना जरूरी होता है और साथ में डेयरी प्रॉडक्ट्स भी।

 

11 से 18 साल तक
इस दौरान बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहद तेजी से होता है, जिसमें दूध अहम रोल निभाता है। लिहाजा 18 साल तक के किशोर बच्चों को रोजाना करीब 3 कप तक दूध जरूर पिलाना चाहिए। 

वयस्कों को इतने दूध की जरूरत
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की रिपोर्ट की मानें तो एक वयस्क भारतीय यानी 18 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को रोजाना 600 मिलिग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है यानी करीब 2 गिलास दूध। हालांकि रोजाना करीब 200 मिलिलीटर यानी 1 गिलास दूध या 1 कटोरी दही वयस्कों के रोजाना के कैल्शियम की जरूरत के लिए काफी है। बाकी कैल्शियम की जरtरतें पारंपरिक भारतीय भोजन का अहम हिस्सा मानी जाने वाली फलियां, दालें, बीन्स, सब्जियां, सीरियल आदि से पूरी हो जाती हैं। 

(और पढ़ें : आपके और आपके परिवार के लिए कौन सा दूध है सही)

ज्यादा दूध पीने से कैंसर का खतरा
दूध में मौजूद कैल्शियम भले ही ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी के खतरे को कम करता हो लेकिन अगर बहुत ज्यादा दूध का सेवन किया जाए तो इससे भी महिलाओं में ओवेरियन कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा रहता है। अमेरिका में करीब 5 लाख महिलाओं पर की गई स्टडी में यह बात सामने आयी कि जो महिलाएं रोजाना 3 गिलास दूध पीती हैं उनमें ओवेरियन या गर्भाशय कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना में अधिक था जो कम दूध पीती थीं। वहीं, रोजाना 2 गिलास या इससे ज्यादा दूध पीने वाले पुरुषों में कम दूध पीने वाले पुरुषों की तुलना में प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा दोगुना था।

लिहाजा हड्डियों की मजबूती और ओवरऑल सेहत के लिए दूध पीना जरूरी है। इसलिए दूध पीना बंद न करें लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही पिएं।

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रोजाना दूध पीना शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जैसे कि कैल्शियम, विटामिन डी, और प्रोटीन, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। सामान्य रूप से, एक वयस्क को रोजाना लगभग 250-500 मिलीलीटर दूध पीने की सलाह दी जाती है, जबकि बच्चों के लिए यह मात्रा उनकी उम्र और विकास आवश्यकताओं के अनुसार होती है। छोटे बच्चों को लगभग 500-700 मिलीलीटर दूध की जरूरत होती है, ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से हो सके। अधिक दूध पीने से पाचन समस्या हो सकती है, इसलिए संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

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