मेटाबाॅलिज्म या चयापचय एक शारीरिक प्रक्रिया है, जो भोजन को ऊर्जा में बदलता है। ऐसे कई कारक हैं जो मेटाबाॅल्मि को कम कर सकते हैं। इससे आप ऊर्जाहीन महसूस करते हैं और कुछ भी करने का मन नहीं करता।विशेषज्ञों का कहना है कि इन कारकों को जानकर और जीवनशैली को संतुलित कर अपने मेटाबाॅलिज्म को बेहतर कर सकते हैं। 

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नींद की कमी
पर्याप्त नींद लेने की वजह से आपका मेटाबाॅलिज्म नियंत्रित रहता है। लेकिन जब आप देर रात तक काम करते हैं और बिना सोए कई रातें गुजार देते हैं, तो इससे आपके शरीर के लिए ऊर्जा बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। परिणामस्वरूप आपको मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्या हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि रोजना 7 से 9 घंटे की नींद अवश्य लें। अगर आप इन दिनों पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, तो कम से कम एक सप्ताह के लिए पर्याप्त नींद लेकर देखें। यकीन मानिए आपके शरीर को काफी आराम मिलेगा।

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ज्यादा तनाव लेना
तनाव की वजह से भी मेटाबाॅलिज्म कम हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा देता है, जिससे आपका मेटाबाॅलिज्म प्रभावित होता है। कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से आप ओवरईटिंग करने लगते हैं और ओवरईटिंग की वजह से आपका वजन बढ़ने लगता है। वजन बढ़ने से मेटाबाॅलिज्म का स्तर कम हो जाता है। तनाव को कम करने के लिए ऐसे लेागों और परिस्थितियों से दूर रहें जिनकी वजह से आपको तनाव होता है। इसके अलावा जब भी संभव हो तनाव कम करने वाली एक्सरसाइज करें और अपने वजन को हमेशा संतुलित रखें।

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बहुत देर तक बैठे रहना
अगर आपको लगता है कि आप तो घर से बाहर निकलकर काम करते हैं, तो भला आपका मेटाबाॅलिज्म कैसे प्रभावित हो सकता है? आपको बता दें कि इन दिनों ज्यादातर लोग अपने सक्रिय समय में बैठे रहते हैं। फिर चाहे उन्हें ऑफिस के डेस्क पर बैठना हो, कार ड्राइव करनी हो या फिर टीवी देखना हो। यह सब क्रियाकलाप एक तरह से शारीरिक रूप से निष्क्रियता बढ़ाते हैं। इस तरह के कार्यकलाप की वजह से हृदय रोग, मधुमेह और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर आप नियमित एक्सरसाइज करने के बावजूद ज्यादातर समय बैठे-बैठै गुजारते हैं, तो इससे मेटाबाॅलिज्म का कार्य प्रभावित होता है। आप हमेशा कोशिश करें कि ऑफिस में सहकर्मी से बातचीत करने के लिए इंटरकाॅम का इस्तेमाल न करें, इसके बजाय सहकर्मी के पास चलकर जाएं। इससे मांसपेशियों में गतिविधी बनी रहेगी। यहां तक कि बैठे रहने की तुलना में खड़े होने पर भी आपकी कुछ कैलोरी बर्न होती है। अतः प्रत्येक आधे घंटे में कुछ मिनटों के लिए अपनी सीट से जरूर उठें।

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वजन कम करने वाली डाइट
वजन कम करने का तरीका भी काफी मायने रखता है। अगर आप पर्याप्‍त मात्रा में नहीं खाते हैं तो इसकी वजह से आपका मेटाबोलिज्‍म धीरे काम करने लगता है। वजन घटाने वाली डाइट खासतौर पर व्‍यायाम करने के दौरान इस तरह की डाइट से शरीर को थोड़ी ही कैलोरी के लिए खुद को तैयार करना पड़ता है। ये कम कैलोरी शरीर के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है क्‍योंकि शरीर को उन कैलोरी की आदत होती है जिनसे वजन कम करने में दिक्‍कत आती है। बेहतर है वजन कम करने के लिए हमेशा व्यवहारिक प्लान बनाएं या फिर किसी विशेषज्ञ की मदद लें।

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आपकी असंतुलित जीवनशैली की वजह से ही मेटाबाॅलिज्म स्तर प्रभावित होता है। अतः यहां बताई गई बातों पर गौर करें और मेटाबाॅलिज्म के स्तर को नियंत्रित करें।

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