सीढ़ियां चढ़ना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी है, इसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कई बार सुझाव दिया है। सीढ़ियां चढ़ने से कई प्रकार के शारीरिक लाभ तो हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि इससे मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदा होता है। दरअसल एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो यह बताते हैं कि सीढ़ियां चढ़ना मनोरोग विकार के अतिसंवेनशील लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। विशेषकर महामारी जैसी स्थिति में रोजाना सीढ़ी चढ़ना या फिर पास के किसी स्टोर तक पैदल चलकर जाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
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यह एक सच है कि व्यायाम शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, लेकिन किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर रोजमर्रा की गतिविधियों का सकारात्मक प्रभाव अब तक शायद ही किसी अध्ययन में किया गया हो। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि मानसिक सुधार में मस्तिष्क की कौन सी संरचनाएं शामिल हैं। लिहाजा जर्मनी में कार्ल्सरुहे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी) और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (सीआईएमएच) के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के उन क्षेत्रों का अध्ययन किया है जो इस प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इस रिसर्च को स्वास्थ्य के क्षेत्र की पत्रिका 'साइंस एडवांसेस' में प्रकाशित किया गया है। इसमें शोधकर्ताओं ने बताया 'हर दिन सीढ़ियां चढ़ने से हम तरोताजा महसूस करते हैं। साथ ही हमें एनर्जेटिक रहने में भी मदद मिल सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।'
कैसे की गई थी रिसर्च?
जर्मनी के मैनहेम में सीआईएमएच के प्रोफेसर हेइक टोस्ट का कहना है, 'इस दौरान हम सार्वजनिक जीवन और सामाजिक संपर्कों के प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं। लिहाजा ज्यादा से ज्यादा सीढ़ियां चढ़ने से बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती है।' शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए 67 लोगों को अपनी रिसर्च में शामिल किया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने सात दिन तक इन लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों (चलने से संबंधित) से जुड़े प्रभाव का आंकलन किया।
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वैज्ञानिकों ने पाया कि इन गतिविधियों में शामिल लोगों ने ज्यादा तेज या सतर्क महसूस किया। साथ ही इनमें ऊर्जा का स्तर भी काफी बेहतर था। इस तरह रिसर्च में शामिल लोगों की सेहत और मानसिक स्वास्थ्य में सतर्कता और ऊर्जा की अहम भूमिका दिखाई दी। हालांकि, इसके बाद शोधकर्ताओं ने इन विश्लेषणों को 83 लोगों के दूसरे समूह के साथ मिलाकर देखा। ये वो लोग थे जो सीआईएमएच में मैग्नेटिक रीजोनेंस टोमोग्राफी के एक अन्य समूह में शामिल थे। शोधकर्ताओं को रिसर्च में सबजेनिकल सिंगुलेट कॉर्टेक्स फैक्टर का पता चला। यह सेरेब्रल कॉर्टेक्स का एक भाग है जो कि रोजमर्रा की गतिविधियों और सेहत के बीच संबंध स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह मस्तिष्क क्षेत्र में है जहां मनोचिकित्सक विकारों के लिए भावनाओं और प्रतिरोध को नियमित किया जाता है।
शारीरिक गतिविधियां सेहत के लिए लाभकारी - शोधकर्ता
शोधकर्ताओं ने एक निर्णायक तंत्रिका सहसंबंधी के रूप में इस मस्तिष्क क्षेत्र की पहचान की। मस्तिष्क का यह क्षेत्र शारीरिक गतिविधियों और चेतना संबंधी (मानसिक) ऊर्जा के बीच एक जुड़ाव का काम करता है। शोधकर्ता टोस्ट का कहना है कि इस क्षेत्र में ग्रे मस्तिष्क की कम मात्रा वाले और मानसिक विकारों के उच्च जोखिम वाले लोगों को शारीरिक गतिहीनता की वजह से कम उर्जा का एहसास हुआ।
इस तरह हर रोज की गतिविधियों के बाद मस्तिष्क की बड़ी मात्रा वाले व्यक्तियों की तुलना में इन लोगों ने और अधिक ऊर्जावान महसूस किया।
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सीआईएमएच के निदेशक प्रोफेसर एंड्रियास मेयर-लिंडेनबर्ग का कहना है "निष्कर्ष बताते हैं कि रोजमर्रा की जिंदगी में शारीरिक गतिविधि सेहत के लिए फायदेमंद है, विशेष रूप से मानसिक विकारों के लिए अतिसंवेदनशील लोगों के लिए यह काफी लाभकारी है।'