हम जो खाना खाते हैं उस खाने का सही से पाचन बहुत जरूरी होता है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को उत्पन्न करता है जो खाना पचाने के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा में बन जाता है। जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और पेट के बीच में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। इसे हम एसिडिटी या एसिड पेप्टिक रोग के नाम से जानते हैं।
पेट में गैस के आम कारण होते हैं, खान पान में अनियमितता, खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना, और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना आदि। अधिक मसालेदार और जंक फ़ूड आहार का सेवन करना भी पेट में गैस का कारण होता है। हड़बड़ी में खाना, तनावग्रस्त होकर खाना, धूम्रपान, मदिरापान ये सब भी एसिडिटी होने का कारण हो सकता है। हमारा आमाषय हमेशा खाना पचाने के लिए जठर रस (gastric acid ) को बनाता है। लेकिन जब आमाषयिक ग्रंथि से अधिक मात्रा में जठर रस का निर्माण होने लगता है तब हायड्रोक्लोरिक एसिड की अधिकता से पेट में गैस की समस्या पैदा हो जाती है। बदहजमी, सीने में जलन और आमाषय में छाले इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। भारी खाने के सेवन करने से भी पेट में गैस की समस्या बढ़ जाती है। और सुबह सुबह नाश्ता न करना और लंबे समय तक खाली पेट रहने से भी पेट की गैस आप को परेशान कर सकती है।
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