जौ विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, सेलेनियम, जस्ता, तांबा, प्रोटीन, अमीनो एसिड, आहार फाइबर, बीटा ग्लूकॉन और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध है। आप इस बहुमुखी अनाज के स्वास्थ्य लाभ का फायदा न केवल इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करके उठा सकते हैं, अपितु स्वास्थ्यवर्धक जौ के पानी का सेवन करके भी अपनी सेहत में सुधार ला सकते हैं। नियमित रूप से जौ के पानी का सेवन करने से शरीर को पोषण तो मिलता ही है, साथ ही में यह शरीर को बीमारियों से कोसों दूर भी रखता है। इसे पीने के साथ-साथ आप अपने सूप-सलाद एवं उबली हुई सब्जियों या फिर खिचड़ी में भी मिला सकते हैं।

वैसे तो जौ का पानी बाज़ार में बहुत ही आसानी से मिल जाता है परंतु वह पानी घर के बनाये हुए जौ-पानी की तुलना में कम स्वास्थ्यवर्धक होता है। ऐसा इस वजह से क्योंकि रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित जौ के पानी में परिरक्षक (preservatives) और उच्च मात्रा में चीनी मिली होती है।

  1. जौ का पानी बनाने की विधि - How to make barley water in hindi
  2. जौ के पानी के फायदे - Jau ke pani ke fayde in hindi
  3. जौ के पानी के नुकसान - Jau ke pani ke nuksan in hindi
  1. जौ को ठन्डे पानी की मदद से अच्छे से धो लें और फिर कम से कम 4 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
  2. उसके पश्चात इसे अच्छे से छान लें और एक कप भिगोये हुए जौ में 3 से 4 कप पानी मिलायें।
  3. इसे गैस पर उबालने के लिए चढ़ा दें और कम आंच पर 1 घंटे या फिर 45 मिनट के लिए ढक कर पकने दें। जब जौ पक कर नर्म हो जाए, गैस बंद कर दें।
  4. प्राप्त मिश्रण को ठंडा होने दें।
  5. छलनी की मदद से इसे एक कप में छान लें।

अच्छी सेहत पाने के लिए रोजाना 1 से 2 कप जौ का पानी पियें। इसके स्वाद में सुधार लाने और अपने स्वास्थ्य लाभ को बढ़ाने के लिए आप इसमें एक छोटे-से नींबू का रस और शहद की मिठास मिला सकते हैं।
आप बचे हुए जौ के पानी को तीन दिन तक फ्रिज में रख सकते हैं। यही नहीं जौ के पानी को छानने के बाद जो जौ बच जाए, आप वो अपने सूप या फिर खिचड़ी में भी डाल सकते हैं।
जौ के पानी के 10 सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं:-

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जौ का पानी है मूत्र पथ के संक्रमण का उपचार - Barley water for urinary tract infection in hindi

जौ का पानी मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI) के लिए एक उत्तम प्राकृतिक उपाय है। यह गलत नहीं होगा अगर हम जौ के पानी को मूत्र पथ के संक्रमण का सर्वोत्तम उपचार कहें। यह प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है और इसलिए इसका सेवन बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में भी मूत्र पथ के संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जा सकता है।

एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक होने के नाते, यह विषाक्त पदार्थों के निकास में मदद करता है और संक्रमण कारक बैक्टीरिया को बाहर का रास्ता दिखता है। साथ ही में, यह मूत्र प्रणाली के लिए एक अच्छे एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने) के रूप में कार्य करता है और गुर्दों को को साफ रखने में मदद करता है। इस प्रकार से, यह मूत्राशयशोध, गुर्दे की पथरी और उच्च क्रिएटिनिन का स्तर जैसे विकारों के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
मूत्र मार्ग के संक्रमण का उपचार करने के लिए, दिन में कई बार जौ के पानी का सेवन तब तक करें जब तक यह समस्या ख़त्म ना हो जाए।

जौ के पानी के फायदे वजन घटाने में - Jau ka pani for weight loss in hindi

जौ का पानी वजन कम करने का प्रयास कर रहे लोगों के लिए एक उत्तम स्वास्थ्य पेय है। इसमें उच्च मात्रा में निहित फाइबर और बीटा ग्लूकन्स आपके पेट को एक लंबे समय के लिए तृप्त रखता है ताकि आप अनावश्यक खाकर अपने वजन में बढ़ोतरी ना करें।

इसके अलावा, जौ का पानी पाचन के लिए अच्छा है और वसा के चयापचय (metabolism of fat) को उत्तेजित करता है। हालांकि जौ का पानी जौ से बना है जो की शराब बनाने में भी प्रयोग किया जाता है, पर्याप्त आराम करने से यह बियर की तरह वजन बढ़ने के खतरे को नहीं बढ़ाता।

(और पढ़ें - वजन घटाने के आसान तरीके)

जौ का पानी के लाभ हैं कोलेस्ट्रॉल कम करने में - Barley water for cholesterol in hindi

अघुलनशील फाइबर उच्च मात्रा में सम्मलित होने की वजह से, जौ का पानी रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए सहायक है, जिससे हृदय रोग विकसित होने का खतरा भी कम हो जाता है। जौ में निहित फाइबर और बीटा ग्लूकन्स पेट और आंतों में भोजन द्वारा कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने में भी मददगार है।

जौ कुल कोलेस्ट्रॉल, कम घनत्व लिपो प्रोटीन (LDL या 'खराब कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए फायदेमंद पाया गया है।

जौ का पानी ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद - Barley water for healthy heart in hindi

कोलेस्ट्रॉल कम करने के अलावा, जौ का पानी धमनियों के सख्त होने (atherosclerosis) से बचाव में भी मदद करता है। एथेरोस्क्लेरोसिस रक्त के प्रवाह में खलन डालता है और हृदय रोग विकसित होने की संभावना को बढ़ाता है। जौ का पानी विटामिन बी नियासिन से प्रचुर होता है जो एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को रोकता है। इसके अलावा, जौ का पानी हाई बीपी को कम कर, हृदय रोग और स्ट्रोक की संभावना को भी कम करता है।

(और पढ़ें – उच्च रक्तचाप के लिए बहुत ही उपयोगी जूस)

जौ का पानी है पाचन क्रिया का समर्थक - Barley water for digestion in hindi

घुलनशील के साथ ही अघुलनशील फाइबर की मात्रा में समृद्ध और क्षारीय (alkaline) होने के कारण, जौ का पानी आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। यह पाचन को बढ़ावा देता है और कब्जबवासीर और गैस्ट्राइटिस सहित कई और पाचन समस्याओं के इलाज के लिए फायदेमंद है। आप दस्त (डायरिया) लगने पर भी अपने शरीर में खोए हुए तरल प्रदार्थों की पूर्ति के लिए जौ के पानी का सेवन कर सकते हैं। चूँकि यह डाइटरी फाइबर का एक प्रचुर स्रोत है, यह कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना को भी कम करता है। यह बाइल एसिड (bile acid) के उत्पादन को नियंत्रित कर पित्त पथरी (gallstones) से बचाव करने में भी सक्षम है।

(और पढ़ें – दस्त का घरेलू इलाज)

जौ के पानी का फायदा मधुमेह को नियंत्रित करने में - Barley water for diabetes in hindi

क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में मदद करता है, जौ का पानी शुगर रोगियों के लिए अच्छा है। जौ में निहित बीटा ग्लूकन्स (घुलनशील फाइबर का एक प्रकार), भोजन के बाद ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है और शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन में वृद्धि को कम करता है।

कई अध्ययनों में पाया गया कि बीटा ग्लूकन्स रक्त शर्करा के नियंत्रण और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार कर सकते हैं। यह मोटापे को भी कम करता है, जो टाइप 2 मधुमेह का एक मुख्य कारक है। (और पढ़ें – मधुमेह रोगियों के लिए एक स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन)
इसके अलावा, जौ एक कम ग्लाइसेमिक सूचकांक भोजन माना जाता है। जौ में मौजूद फाइटोकेमिकल्स मधुमेह के साथ-साथ हृदय रोग और कैंसर को नियंत्रित करने के लिए फायदेमंद है।

नोट:-  इसका ज्यादा सेवन करने से आपके ब्लड शुगर का स्तर बहुत हद तक कम हो सकता है, इसलिए इसका सेवन पयाप्त मात्रा में ही करें और अपने ब्लड-शुगर की जांच नियमित रूप से करते रहें।

जौ का पानी है साफ चमकदार त्वचा देने का तरीका - Barley water benefits for skin in hindi

चूँकि जौ का पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों के निकास में मदद करता है, यह आपको स्पष्ट और चमकदार त्वचा को पाने में मदद करता है। इसके अलावा, जौ में एज़ेलिक एसिड नामक यौगिक होता है जो मुँहासों के इलाज के लिए अत्यंत फायदेमंद है। यह मुहांसों की वजह से हो रही जलन व सूजन को कम करने में भी सहायक है।

इसके अलावा जौ के पानी में निहित अच्छे एंटी-ऑक्सीडेंट फ्री-रेडिकल से लड़ते हैं और उम्र सम्बंधित त्वचा के बदलावों एवं विकारों पर रोक लगाते हैं। अर्थात जौ के पानी का सेवन करने के पश्चात आपको झुर्रियों की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। (और पढ़ें – अगर झुर्रियों से छुटकारा पाना है और युवा लगना है तो ज़रूर करें इसका इस्तेमाल)
जौ के पानी का सेवन करने के अलावा, आप इसे अपने चेहरे पर भी लगा सकते हैं। प्रति सप्ताह कुछ दिन इसे अपने चेहरे पर लगाएं, दस मिनट के लिए छोड़ दें और फिर पानी से धोकर साफ एवं चमकदार त्वचा पाएं।

जौ का पानी कड़कती गर्मी को मात दे - Barley water for summer heat in hindi

जौ का पानी आपकी प्यास को बुझाने के लिए और कड़कती गर्मी को मात देने के लिए एक उत्तम आहार है। शरीर को हाइड्रेट करने के अलावा यह अपने प्राकृतिक ठंडक और आरामदायक गुणों से आंतरिक शरीर की गर्मी का भी इलाज करता है। इसके अलावा, यह स्वस्थ पेय शरीर को पोषण प्रदान करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है।
अपने जौ के पानी को और भी प्रभावी बनाने के लिए, आप इसमें ताज़ा नींबू का रस और मिश्री मिला सकते हैं। आप इसे गर्म या ठंडा दोनों ही में पी सकते हैं। परंतु याद रहे कि शरीर को ठंडक जौ के पानी के गुणों से मिलती है, ना की उसके बाहरी तापमान से।

जौ का पानी गर्भवती महिलाओं के लिए सर्वोत्तम - Barley water in pregnancy in hindi

पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण, जौ का पानी गर्भवती महिलाओं के लिए एक बहुत ही अद्भभुत स्वास्थ्य पेय है। साथ ही में यह पाचन शक्ति को बढ़ावा देता है, कब्ज जो की गर्भावस्था में आम बात है, को रोकता है और उबकाई को कम करता है। चूँकि यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है, यह गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) से बचाव करता है और गर्भावस्था के दौरान फंगल संक्रमण से भी बचाता है। (और पढ़ें – बच्चे के जन्म के बाद माँ को क्या खाना चाहिए?)
शोफ (edema - पानी वाली सूजन) बहुत ही आसानी से किसी भी गर्भवती महिला को ग्रस्त कर सकती है। इससे गर्भवती महिला के पैर और टखने (ankle) सूज जाते हैं। जौ का पानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलवाने में मदद करता है और शरीर से अतिरिक्त पानी से छुटकारा भी दिलाता है इसलिए यह शोफ के इलाज में मदद कर सकता है। (और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के लिए क्या करें)
स्तन-पान करा रही महिला भी इसका सेवन कर सकती है। यह एक लैक्टोजेनिक आहार है और स्तन के दूध की मात्रा में बढ़ोतरी लाने में सहायता करता है। आप स्तन के दूध की मात्रा में बढ़ोतरी लाने के लिए जौ-पानी में सौंफ मिला कर इसकी क्षमता को बढ़ा सकते हैं। गर्म जौ के पानी में एक चम्मच सौंफ मिलाएं, 5-10 मिनट के लिए रहने दें और उसके बाद पी लें।

जौ का पानी देता है रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा - Jau ka pani boosts up immunity in hindi

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यह आम सर्दी, फ्लू, पेट फ्लू जैसे विभिन्न रोगों और संक्रमणों से लड़ शरीर की रक्षा करता है। जौ का पानी विटामिन बी, लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, तांबा, जिंक और सेलेनियम जैसे अनेक पोषक तत्वों का घर है और यह सभी पोषक तत्व  प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में सक्षम हैं। इसके अलावा, जौ में मौजूद बीटा ग्लूकन्स प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर इसकी क्षमता में सुधार लाते हैं। अपने लौह और तांबे की मात्रा की वजह से, जौ का पानी एनीमिया और थकान को रोकने में भी मदद करता है।

(और पढ़ें - एनीमिया के कारण)

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  • चूँकि जौ का पानी मूत्रवर्धक होता है, 6 से ज्यादा गिलास जौ के पानी का सेवन एक दिन में ना करें।
  • जौ के पानी में लस (gluten) होता है इसलिए लस-असहिष्णु (gluten-intolerant) व्यक्ति इसका इस्तेमाल ना करे। यदि आप इसका सेवन करेंगे तो आपको उदर संबंधी रोग (abdominal disease) भी हो सकता है।
  • हद से ज्यादा जौ का पानी पीने से आपको जीर्ण कब्ज़ (chronic constipation) की शिकायत हो सकती है।
  • यह संभव है की आपको जौ के पानी से एलर्जी हो। रैशिस, जलन, आँख, नाक, पाँव एवं हाथ में जलन इत्यादि इसके एलर्जी के कुछ लक्षण हैं। लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

संदर्भ

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