जैसे ही सर्दियां आती हैं, वैसे ही तापमान भी कम हो जाता है। तो ऐसे में ज़ाहिर सी बात है कि सर्दी-जुखाम, फ्लू और बुखार जैसी समस्‍याएं अपने आप ही शरीर को जकड़ लेती हैं। किसी भी बीमारी से बचने के लिए ज़रूरी होता है कि हम पहले से ही इनसे बचने के इंतजाम करने शुरु कर दें। इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए आयुर्वेद के पास समाधान है, जो न केवल आपकी मदद कर सकते हैं बल्कि इनसे मुकाबला करने के लिए आपको सक्षम भी बनाते हैं। (और पढ़ें – बुखार का घरेलू इलाज)

आयुर्वेद तीन दोषों के आधार पर हमारे शरीर को समझने में मदद करता है - वात, कफ और पित्त। यह हमें खाद्य पदार्थ, जड़ी बूटी और मसालों के भीतर की ऊर्जा को भी सिखाता है। (और पढ़ें – गर्म पानी पीने के फायदे) आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों के समय हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और शक्ति उच्च होती है। इस समय पाचन शक्ति बहुत मजबूत होती है जिससे कि आपका शरीर अधिक मात्रा या भारीपन की परवाह किए बगैर किसी भी भोजन को पचाने में सक्षम होता है। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि सर्दियों को अधिक मनोरंजक बनाने के लिए आप कुछ सावधानी बरतें।

  1. सर्दियों में खाएं संतुलित आहार
  2. सर्दियों में सेहत की देखभाल के लिए ठंडे भोजन से बचें
  3. सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए करें तेल मालिश
  4. सर्दियों में तनाव से बचें
  5. सर्दियों में ठीक से खाएँ दोपहर का भोजन
  6. सर्दियों में नियमित समय पर सोएं
  7. सर्दियों में ख़ुद को रखें गर्म
  8. सर्दियों में करें व्यायाम

सर्दियां वात दोष के साथ जुड़ी हुई हैं, इसलिए वात संतुलन आहार का पालन करें। अपने आहार में बहुत सारे ताज़े फल और अच्छी तरह से पकाई हुई सब्जियों को शामिल करें।

गर्म और मसालेदार भोजन और गर्म पेय पदार्थ पीते रहें। ठंडे पेय से बचें। 

(और पढ़ें – पानी पीने का सही समय – खाने से पहले या खाने के बाद, क्या सही है आयुर्वेद के अनुसार)

अपने दिन की शुरुआत एक तेल मालिश के साथ करें - यह इस मौसम में बहुत मददगार है।

अत्यधिक तनाव से वात (vata dosha) दोष बढ़ सकता है। इसलिए जितना संभव हो उतना तनाव से बचें।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Manamrit Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Brahmi Tablets
₹896  ₹999  10% छूट
खरीदें

आपका दोपहर का भोजन, दिन का सबसे बड़ा भोजन होना चाहिए। इस समय के दौरान, सूरज आकाश में सबसे उच्चतर होता है और इस तरह भोजन आंतरिक पाचन आग को सबसे मजबूत करता है।

(और पढ़ें – अधिक कोलेस्ट्रॉल वाले खाने के बाद आयुर्वेद के अनुसार ज़रूर करें इन पाँच बातों का ध्यान)

सर्दियों में 10 बजे तक बिस्तर पर जाने की एक नियमित आदत बनाएं। अनियमित बिस्तर पर जाने के समय से वात दोष बढ़ सकता है।

(और पढ़ें – नींद ना आने के आयुर्वेदिक उपाय)

ठंडी हवा से अपने शरीर की रक्षा करें, इससे शरीर में वात बढ़ जाता है। अपने शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े और स्कार्फ पहनें।

आपको इष्टतम स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने की भी ज़रूरत है।

(और पढ़ें - एक्सरसाइज के फायदे)

ऐप पर पढ़ें