बुजुर्गों को चोट लगने की आंशका ज्‍यादा रहती है और गिरने की वजह से ही वृद्धावस्‍था में कई बार मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। हो सकता है कि वयस्‍कों को गिरने से ज्‍यादा दिक्‍कत न हो लेकिन बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक हो सकता है और इससे कोई गंभीर समस्‍या हो सकती है और उन्‍हें लंबे समय तक दूसरों पर निर्भर रहना पड़ सकता है।

वहीं बढ़ती उम्र में बुजुर्गों के लिए जल्‍दी रिकवर करना भी मुश्किल हो जाता है। इस उम्र में हड्डी, मांसपेशी और ऊतक ठीक से रिपेयर नहीं हो पाते और बुजुर्गों को फिर अपने रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्‍कत आती है।

2019 में इंडियन जरनल ऑफ पब्लिक हेल्‍थ में प्रकाशित एक स्‍टडी में देखा गया कि 60 साल से अधिक उम्र के 2,000 से ज्‍यादा लोगों को विभिन्‍न कारणों से गिरने का जोखिम 25 पर्सेंट था।

जुलाई 2020 में न्‍यू इंग्‍लैंड जरनल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्‍टडी में भी प्रति 100 लोगों में साल में 25.6 घटनाओं की दर और कंट्रोल ग्रुप में प्रति 100 लोगों में वर्ष में 28.6 घटनाएं होने की बात सामने आई। इस स्‍टडी को दोनो ग्रुपों में अस्‍पताल में भर्ती होने या मृत्‍यु की दर भी एक समान पाई गई।

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार हर साल चार में से एक से ज्‍यादा व्‍यक्‍ति गिरने की वजह से पीडित रहते हैं, भारत में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। इसमें यह भी पाया गया कि आधे से ज्‍यादा लोग गिरने के बारे में डॉक्‍टर को नहीं बताते हैं।

कई कारणों से गिरने की घटना हो सकती है और अगर कोई पहले भी गिर चुका है, तो उसे कोई गंभीर चोट लगने का खतरा काफी ज्‍यादा होता है।

  1. बुजुर्ग लोगों के गिरने का खतरा क्‍यों है?
  2. बुजुर्गों के गिरने पर होने वाली जटिलताएं
  3. बुजुर्गों को गिरने से कैसे बचाएं
  4. सारांश

बुजुर्गों के गिरने या इनमें इसके जोखिम के कई कारण हैं। वृद्धों में कुछ ऐसे जोखिम कारक हैं, जो उन्‍हें गिरने के खतरे में लाते हैं, जैसे कि :

  • शरीर में संतुलन की कमी, खासतौर पर चलते समय
  • आंखों से धुंधला दिखना
  • गलत फुटवियर पहनना या फुटवियर की वजह से पैर में दर्द होना
  • शरीर के निचले हिस्‍से में कमजोरी होना जो कि मांसपेशी में अकड़न या मांसपेशी के कमजोर होने के कारण हो
  • दीर्घकालिक समस्‍याएं जैसे कि आर्थराइटिस, डायबिटीज या स्‍ट्रोक जिसमें गिरने का खतरा बढ़ जाता है
  • दवाओं जैसे कि नींद की या डिप्रेशनरोधी मेडिसिन का अधिक सेवन
  • शरीर में विटामिन डी कम होना
  • बाहरी कारक जैसे कि सड़क खराब होना, जमीन का गीला होना, रास्‍ते में कुछ पड़ा होना

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चोट लगने के सबसे प्रमुख कारकों में से एक गिरना है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का गिरना घातक और मामूली दोनों हो सकता है। इसकी वजह से निम्‍न जटिलताएं आ सकती हैं :

  • बांह, हाथ, टांग, पैर और कूल्‍हे की हड्डी टूटना : सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार अमेरिका में लगभग 30 लाख बुजुर्ग गिरने की वजह से एमेरजेंसी रूम में भर्ती होते हैं जबकि 800,000 से भी ज्‍यादा वृद्ध अस्‍पताल आते हैं। इनमें सिर या कूल्‍हे का फ्रैक्‍चर होना आम है।
  • सिर में चोट : सिर में चोट लगने की वजह से भी अस्‍पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। यह घातक हो सकता है। बुजुर्गों में ट्रामेटिक ब्रेन इंजरी का सबसे आम कारण गिरना ही है।
  • गिरने का डर : जो व्‍यक्‍ति पहने गिरने की वजह से कोई बड़ी परेशानी झेल चुका है, उसे दोबारा गिरने का डर सताता है। इससे वो पैदल चलने जैसी रोजाना की एक्टिविटी कम कर सकते हैं। दुर्भाग्‍यवश, इसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी और दोबारा गिरने की संभावना बढ़ जाती है।

वृद्धावस्‍था में स्‍वस्‍थ रहने के लिए गिरने और दुर्घटना से बचने पर ध्‍यान देना चाहिए वरना आपको काफी दिक्‍कत हो सकती है। यहां हम आपको कुछ टिप्‍स बता रहे हैं, जिनकी मदद से बुजुर्गों में गिरने की संभावना को कम किया जा सकता है :

  • डॉक्‍टर की सलाह लें : आप किसी भी जनरल फिजीशियन या जिस भी स्‍पेशलिस्‍ट के पास जाते हैं, उनसे जीवनशैली से जुड़ी सलाह या बदलाव के बारे में पूछ सकते हैं। किसी दवा के साइड इफेक्‍ट की वजह से गिरने का खतरा हो सकता है। ऐसे में डॉक्‍टर इन दवाओं में बदलाव कर सकते हैं जिससे गिरने से बचाव में मदद मिल सकती है।
    डॉक्‍टर मरीज की मेडिकल हिस्‍ट्री और अगर पहले गिरे हैं तो उसके अनुभव के बारे में भी पूछते हैं। किसी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या जैसे कि उठने पर चक्‍कर आने, चलते समय सांस फूलने या मांसपेशी या जोड़ों में दर्द की वजह से भी गिर सकते हैं। ऐसे में डॉक्‍टर सही इलाज और उपचार बता सकते हैं।
  • फिजिकल एक्टिविटी बढ़ा दें : कुछ काम न करने के कारण भी कभी-कभी गिरने की घटनाएं हो जाती हैं। स्‍वास्‍थ्‍य जांच करने के कारण डॉक्‍टर कुछ हल्‍की एक्‍सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं जिससे जोड़ों और मांसपेशियों को ताकत मिले। इन एक्‍सरसाइजों में पार्क में पैदल चलना, योगा पोस्‍चर और स्‍ट्रेंथ बिल्डिंग एक्‍सरसाइज शामिल हैं। डॉक्‍टर फिजियोथेरेपी की सलाह भी दे सकते हैं जिससे शरीर का संतुलन, लचीलापन और मजबूती बढ़ती है।
  • घर में क्‍या रखें : फिजूल की चीजें जैसे कि बड़े डिब्‍बे, कंप्‍यूटर या टीवी की तारों को घर में फैलाकर रखना बुजुर्गों के लिए घातक हो सकता है। वहीं घर में फर्नीचर भी ज्‍यादा नहीं होना चाहिए वरना गिरने का खतरा बढ़ जाता है। बुजुर्गों के आने-जाने का रास्‍ता साफ होना चाहिए। बाथरूम का फर्श सूखा होना चाहिए और वहां पर एंटी-स्लिप मैट होने चाहिए। बालकनी और बगीचे में भी चलने के लिए पर्याप्‍त जगह होनी चाहिए।
  • कंफर्टेबल फुटवियर चुनें : बुजुर्गों के पास कंफर्टेबल और बंद जूते होने चाहिए। इन्‍हें घर में नॉन-स्लिप स्लिपर्स पहनने चाहिए। शरीर के निचले हिस्‍से में जोड़ों के दर्द से राहत पाने में जूते और फुटवियर अहम होते हैं।
  • घर में सपोर्टिंग डिवाइस लगाएं : बाथरूम और टॉयलेट सीट पर एंटी-स्किड मैट या टाइलें लगाएं। घर में ऐसी चीजें रखें जिन्‍हें पकड़ कर बुजुर्ग चल सकें। सीढियों और कमरों में रोशनी होनी चाहिए।

बुजुर्गों में गंभीर चोट लगने का आम कारण गिरना है। कोई गंभीर चोट लगने पर रोजमर्रा के काम करने में तो दिक्‍कत होती ही है साथ ही उम्र भी कम हो सकती है।

अगर आपकी उम्र 65 साल से ज्‍यादा है तो आप अपने डॉक्‍टर से सलाह लें कि किस तरह आप गिरने के खतरे को कम कर सकते हैं। इसके लिए आप डॉक्‍टर से निम्‍न सवाल पूछ सकते हैं।

  • क्‍या किसी दवा से चक्‍कर आ सकते हैं
  • क्‍या किसी बीमारी जैसे कि आर्थराइटिस से संतुलन बिगड़ सकता है
  • मसल टोन या पोषण की कमी से गिरने का खतरा हो सकता है
  • हर चीज के लिए डॉक्‍टर आपको कोई अन्‍य दवा, सही फुटवियर, एक्‍सरसाइज और डाइट में बदलाव बताएंगे।

डॉक्‍टर आपसे कुछ सवाल पूछेंगे, जिनकी वजह से आपको गिरने का खतरा हो। इसके बाद वो उन चीजों को हटाने के लिए कहेंगे। इस तरह आप अपनी वृद्धावस्‍था में गिरने के जोखिम को कम कर स्‍वस्‍थ जीवन जी सकते हैं।

आप ऑक्‍यूपेशनल थेरेपिस्‍ट के साथ भी काम कर सकते हैं जो आपको गिरने से बचने में सही सलाह और मार्गदर्शन देंगे।

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