मेडिटेशन के स्वास्थ्य लाभ निम्न प्रकार हैं, जिन्हें वैज्ञानिक अध्ययनों द्वारा प्रमाणित किया गया है -
1. यह तनाव कम करता है।
सबसे ज्यादा लोग, तनाव कम करने के लिए ध्यान करने का प्रयास करते हैं। एक अध्ययन से पता चला है जिसमें 3,500 से अधिक वयस्क भी शामिल थे कि ध्यान करने से उनके तनाव में कमी आयी है।
एक रिसर्च से यह भी पता चला है कि मेडिटेशन करने से तनाव संबंधित स्थितियों में भी सुधार होता है, जैसे अनियमित मलत्याग के कारण होने वाली चिड़चिड़ाहट, किसी चोट या दुर्घटना के कारण तनाव होना और फाइब्रोमाएल्जिया (Fibromyalgia- माँसपेशियों और हड्डियों का दर्द) आदि। (और पढ़ें - एड़ी में दर्द के घरेलू उपाय)
2. बात बात पर चिंता करना कम हो जाता है।
तनाव जितना कम होगा चिंता भी उतनी ही कम होगी। ध्यान करने से चिंता के कारण होने वाले रोगों को भी ठीक करने में मदद मिलती है, जैसे फोबिया (किसी भी चीज़ का डर) सामाजिक चिंता (समाज वाले क्या कहेंगे), वहम पैदा करने वाले विचार, जुनूनी व्यवहार और दिमाग में खलबली मचा देने वाली बातें आदि। कई अध्ययनों के अनुसार, विभिन्न प्रकार की ध्यान की तकनीकों को अपनाने से चिंता कम करने में फायदा होता है। ध्यान करने से, ऑफिस में काम के अधिक दबाव के कारण होने वाली चिंता को भी नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।
3. भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
कुछ प्रकार के मेडिटेशन करने से आपका स्वयं के प्रति नजरिया बदलता है और जीवन के प्रति दृष्टिकोण भी सकारात्मक होता है।
विपस्सना मेडिटेशन के दो अध्ययनों के अनुसार, इससे 4,600 वयस्कों में तनाव कम हुआ है।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, जो लोग विपस्सना मेडिटेशन करते हैं, उन लोगों की तुलना में जो नहीं करते हैं, उनके मस्तिष्क की गतिविधियां उनके नियंत्रण में होती हैं अर्थात उनका अपने दिमाग पर नियंत्रण होता है। जो लोग ध्यान करते थे उनकी सोच में बदलाव दिखाई देता है वो अब पहले से अधिक सकारात्मक सोचने लगे हैं। (और पढ़ें - दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय और क्या खाये)
4. स्व-जागरूकता बढ़ाता है।
कुछ प्रकार के मेडिटेशन से आपको स्वयं को समझने में मदद मिलती है। जिससे आप अपनी परेशानियों और विपरीत परिस्थितियों में खुद पर नियंत्रण रख सकते हैं।
उदाहरण के लिए, स्वयं का आंकलन मेडिटेशन (Self inquiry meditation) का उद्देश्य खुद को और अधिक समझने में आपकी सहायता करना है और उसकी मदद से खुद को आसपास के लोगों से जोड़ने में सहायता होती है।
5. एकाग्रता बढ़ाता है।
केंद्रित ध्यान वाला मेडिटेशन एकाग्रता बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। ध्यान केंद्रित करने में जिस शक्ति और धैर्य की ज़रूरत होती है, यह उसे बढ़ाता है।
उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में आठ हफ़्तों के बाद विपस्सना मेडिटेशन के प्रभावों को देखा गया और यह पाया कि इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों की ध्यान करने की क्षमता में बढ़ोतरी हुयी है। यहां तक कि अब थोड़े समय के लिए ध्यान करने से भी उनको फायदा हो सकता है। एक और अध्ययन में पाया भी गया कि अब हफ्ते में चार दिन ध्यान का अभ्यास करने से भी आपको मेडिटेशन का फायदा मिलता है।
6. भूलने की समस्या को कम करता है।
एकाग्रता में सुधार करने के लिए आपको नियमित और मन साफ़ से मेडिटेशन करना होगा। इससे अधिक उम्र में भूलने की होने वाली समस्या और डिमेंशिया (Dementia- मनोभ्रम) से छुटकारा मिलता है।
अध्ययनों के मुताबिक, कई प्रकार की मेडिटेशन तकनीकों से वृद्ध लोगों में भी एकाग्रता, याददाश्त और दिमाग की तेज़ी में बढ़ोतरी पायी गयी है। (और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के घरेलू उपाय)
7. ध्यान आपको दयालु बनाता है।
कुछ प्रकार के मेडिटेशन विशेष रूप से सकारात्मक विचारों तथा स्वयं और दूसरों के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रियाओं को बढ़ाते हैं। मेटा (Metta), एक प्रकार का ध्यान है जिसे प्रेम और परोपकार मेडिटेशन (loving-kindness meditation) के रूप में भी जाना जाता है, आपमें दया भाव बढ़ाता है। इसका अभ्यास करने से, दूसरों के प्रति दया और क्षमा की भावना विकसित होती है।
8. बुरी आदतों को छोड़ने में मदद करता है।
ध्यान के माध्यम से आपका मानसिक अनुशासन बढ़ता है। जिससे आपका स्वयं पर नियंत्रण बढ़ता है और आपकी समस्या का कारण क्या है ये जानने में भी आसानी होती है। इस वजह से आपकी दूसरी चीज़ों पर निर्भर रहने की आदत ख़त्म होती है।
मानसिक जिसे आप से विकसित कर सकते हैं, आपको नशे की लत व्यवहार के लिए अपने आत्म-नियंत्रण और ट्रिगर्स की जागरूकता बढ़ाने के द्वारा निर्भरता को तोड़ने में मदद कर सकता है।
मेडिटेशन, पुनः ध्यान केंद्रित करने, इच्छाशक्ति बढ़ाने, भावनाओं और लालसा को नियंत्रित करने और बुरी आदतों के कारणों को समझने में मदद करता है।
9. नींद में सुधार करता है।
लगभग भारत की आधी आबादी अनिद्रा की समस्या से ग्रस्त है। अध्ययनों के अनुसार, मेडिटेशन करने वाले लोगों को सही समय पर और गहरी नींद आती है जबकि न करने वाले अधिकतर लोग उनकी तुलना में नींद न आने की बीमारी या सोते समय बीच में बार बार नींद टूटने से परेशान रहते हैं।
10. किसी भी प्रकार के शारीरिक दर्द को कम करता है।
आपके दर्द का सीधा सम्बन्ध आपके मस्तिष्क से होता है और यह तनावपूर्ण परिस्थितियों में और बढ़ जाता है।
एक अध्ययन से यह पता चला है कि समान प्रकार के दर्द का अनुभव करने वाले लोग जिनमें से कुछ मेडिटेशन करते थे और कुछ नहीं, तो जो लोग ध्यान करते थे उनमें दर्द को सहने की अधिक क्षमता होती थी और यहां तक कि दर्द भी कम हो जाता था और जो नहीं करते थे उनका दर्द और तीव्र होता जाता था। वास्तव में आप जैसा सोचते हैं वैसा ही होता है। अगर आप किसी समस्या के बारे में ज्यादा सोचेंगे तो वो और अधिक महसूस होगी और वहां से 'ध्यान' हटा लेंगे तो कुछ क्षण के लिए उसे भूलने पर उसका अनुभव ही नहीं होगा। मेडिटेशन उस 'ध्यान' पर ही नियंत्रण बनाता है।
11. ब्लड प्रेशर कम करने में सहायता करता है।
मेडिटेशन करने से हृदय पर पड़ने वाला दबाव कम होता है। जिससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
996 लोगों पर प्रयोग करने पर यह पाया गया कि जब वे एक "मौन मंत्र" पर ध्यान केंद्रित करके उसे बार बार दोहराते हैं तो उससे औसतन पांच प्रतिशत तक ब्लड प्रेशर कम होता है।
कुछ स्थितियों में, तंत्रिका तंत्र के संकेतों को नियंत्रित करके ध्यान करने से भी ब्लड प्रेशर कम होता है क्योंकि तंत्रिका तंत्र का सीधा संबंध रक्त वाहिकाओं और हृदय से होता है।