तेज धूप, सन टैनिंग और पसीने का मौसम आ चुका है। गर्मियों में तापमान कई त्वचा समस्याओं को साथ लाता है। इस सीजन में हम कई त्वचा समस्याओं से पीड़ित होते हैं, पसीना और शरीर की गंध सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। बेशक, एक पौष्टिक भोजन और बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से शरीर की गंध को कम या पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है, लेकिन हम में से अधिकांश डियोड्रेंट के ऊपर निर्भर होते हैं।
ये डियोड्रेंट फायदे से अधिक नुकसान कर सकते हैं। दुकान से खरीदे गये डियोड्रेंट में एल्यूमीनियम शामिल हो सकता है जो ब्रेस्ट कैंसर और अल्जाइमर जैसे घातक रोगों का कारण बन सकता है। इनमें प्रोपीलीन ग्लाइकोल भी शामिल हो सकता है जो पेट्रोलियम आधारित पदार्थ है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, हृदय और लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ सुगंधों में पैराबंस (Parabens) और थैलेट (Phthalates) भी हो सकते हैं जो सिंथेटिक संरक्षक हैं और हार्मोनल सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
शरीर के लिए पसीना आना अच्छा होता है, यह आपके शरीर से स्वाभाविक रूप से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए एक माध्यम है। डियोड्रेंट का उपयोग त्वचा के छिद्रों को बंद करता है जिससे विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं। इसके बावजूद, आपका शरीर अत्यधिक पसीना निकालने के ज़रिए विषाक्त पदार्थों को बाहर करके आपके शरीर को डिटॉक्स करने की कोशिश करता है, जिससे अक्सर हमारे कपड़े पर पसीने के पैच छूट जाते हैं। इसलिए आपकी त्वचा को स्वस्थ और सुखी रखने के लिए हम सुझाव देते हैं कि आप अपने घर में बनें डियोड्रेंट का उपयोग करके देखें। इसे बनाना बहुत आसान है।