आयुर्वेद के अनुसार, आवाज वात दोष द्वारा नियंत्रित की जाती है। एक अच्छी सिंगिंग वॉयस के लिए, आपको नियमित अभ्यास और आहार पर नियंत्रण की आवश्यकता होती है। इसके साथ-साथ, ये प्राकृतिक टिप्स आपकी सिंगिंग वॉयस को बेहतर बनाने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार, आवाज वात दोष द्वारा नियंत्रित की जाती है। एक अच्छी सिंगिंग वॉयस के लिए, आपको नियमित अभ्यास और आहार पर नियंत्रण की आवश्यकता होती है। इसके साथ-साथ, ये प्राकृतिक टिप्स आपकी सिंगिंग वॉयस को बेहतर बनाने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
हर रोज सुबह खाने से पहले घी का आधा चम्मच लें। घी को लेने के बाद आपको एक कप गर्म पानी पीने की ज़रूरत है। जब आपको ज़ुकाम, खाँसी, बुखार या अपच हो तब इसके सेवन से बचें।
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मुलेठी आवाज सुधारने के लिए जानी जाती है। मुलेठी का एक छोटे से टुकड़े को एक या दो मिनट के लिए चबाएँ। मुलेठी चबाने से मुँह में लार का स्राव बढ़ता है जिससे आवाज मधुर बनती है।
गर्म पानी पीने से फेफड़ों से बलगाम को साफ करने में मदद मिलती है और इससे गला भी साफ हो जाता है।
अपने आहार में आंवला का उपयोग करें।
ब्राह्मी और मंजिष्ठा जैसे जड़ी बूटिया भी आवाज़ में सुधार करती है। आप अपनी आवाज की गुणवत्ता सुधारने के लिए सप्ताह में एक बार ब्राह्मी की चटनी का सेवन कर सकते हैं। दालचीनी एक अन्य जड़ी बूटी है जो गले के थूक को साफ़ करती है। खाने में इसका नियमित उपयोग आपकी आवाज़ को बेहतर बनाता है।
श्रीकारा अमोदिनी गोलियां - गले को साफ करने में मदद करती है और चिकनाई लाती है।
व्योषादी वातकम, क्षीरबाला 101 तैलम आदि कफ दोष से राहत देने और वात संतुलन में मदद करती है, जिससे अच्छी आवाज आती है।
जायफल फल का एक छोटा सा टुकड़ा चबाने से गले, थूक को दूर करने और आवाज की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलती है।
नोट: इन दवाईयों के सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।