मोबाइल फोन आज की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। आज की तारीख में कोई व्यक्ति एक दिन भी बिना फोन के जीने की कल्पना नहीं कर सकता। फोन न होने का मतलब है कि पूरी दुनिया से अलग-थलग रहना। खासकर जब से मोबाइल में इंटरनेट की सुविधा आई है तब से मोबाइल फोन और अहम हो गए हैं। कहने का मतलब सिर्फ यही है कि करोड़ों लोग मोबाइल फोन का बेधड़क इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही मोबाइल फोन जो इन दिनों सूचना प्रसारण का मुख्य केंद्र बना हुआ है, वह आपको बीमारी की ओर भी धकेल रहा है।
कहते हैं कि अति हर चीज की बुरी होती है। यदि आप सीमित समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, तो इसका कोई नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। लेेकिन इसके विपरीत जब-तब मोबाइल फोन खोलकर बैठ जाते हैं, जैसा कि इन दिनों आम है, तो यह स्थिति सही नहीं है। मोबाइल फोन आपके स्वास्थ्य को खराब कर रहा है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस तरह मोबाइल फोन आपके जी का जंजाल बनता जा रहा है।
रोगणु फैलते हैं
मोबाइल फोन में आपके बहुत सारे डाटा मौजूद हैं। उतने ही इसमें रोगाणु यानी जर्म्स भी मौजूद हैं। आमतौर पर मोबाइल फोन को जहां-तहां रख दिया जाता है मसलन टेबल पर, कार की सीट पर, दूसरों के बैग के ऊपर। इन सब जगहों में जर्म्स मौजूद होते हैं। हर जगह से मोबाइल में जर्म्स चिपक जाते हैं। यूनिवर्सिटी आफ लंदन ने 2011 में किए एक शोध में पाया कि हर 6 सेल फोन में से एक सेल फोन से संक्रमण आसानी से फैल सकता है। यह पढ़ने में बेशक अजीब लगे, लेकिन हकीकत यही है कि ज्यादातर लोग टाॅयलेट या किसी चीज को छूने के बाद हाथ नहीं धोते। उसी हाथ से मोबाइल फोन छू लेते हैं, जिससे उसमें रोगाणु चिपक जाते हैं। अतः फोन में ई.कोलाइ संक्रमण और अन्य बैक्टीरिया आसानी से जन्म ले लेते हैं। इन बैक्टीरिया से आपको बुखार, उल्टी और डायरिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं।
बचाव: किसी भी गंदी वस्तु को हाथ लगाने के तुरंत बाद मोबाइल फोन को हाथ न लगाएं। सबसे पहले हाथ धोएं, इसके बाद मोबाइल को हाथ में लें। इसी तरह हर किसी के मोबाइल फोन को हाथ लगाने से बचें। दूसरों के मोबाइल फोन में भी इसी तरह जर्म्स होते हैं।
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आंखों को नुकसान पहुंचता है
फोन की तेज रोशनी सीधे आपकी आंखों को प्रभावित करती है। हालांकि कंप्यूटर, स्मार्टफोन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि आप इन्हें अपनी आंखों के पास रखकर आसानी से पढ़ सकते हैं। लेकिन नियमित ऐसा करना सही नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार हर व्यक्ति आज की तारीख में 4 से 6 घंटा मोबाइल फोन में गुजार रहा है। इससे आंखों में थकान हो रही है। साथ ही आँखों में जलन, आंखों का सूखापन, धुंधला दिखना जैसी समस्याएं होने लगती है। यही नहीं सिरदर्द, पीठ दर्द आदि भी मोबाइल फोन के अति इस्तेमाल से हो रहा है।
बचाव: मोबाइल फोन की रोशनी को कम करें और हमेशा मोबाइल फोन को आंखों से एक निश्चित दूरी पर रखें। मोबाइल फोन के जरिए बहुत ज्यादा मैसेज या ई-मेल न करें। आंखों की सेहत के लिए 20-20-20 का रूल अपनाएं। इसका मतलब है प्रत्येक 20 मिनट बाद मोबाइल फोन से 20 सेकेंड का ब्रेक लें और 20 फीट की दूरी पर देखें। इससे आंखों की सेहत बेहतर होती है।
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टेक्स्ट नेक सिंड्रोम
कई घंटों तक फोन में देखने की वजह से गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव पड़ता है जिससे गर्दन अकड़ जाती है या फिर उसमें टाइटनेस आ जाती है। यही नहीं बहुत ज्यादा फोन देखने की वजह से आपकी नर्व्स, कंधे और हाथ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। इसके साथ ही उंगली और अंगूठा भी प्रभावित होता है। बहुत ज्यादा मोबाइल के इस्तेमाल की वजह से उंगली में सुन्नपन और झनझनाहट की समस्या भी होने लगती है।
बचाव: जितना संभव हो फोन से दूर रहें। फोन देखते हुए सामने की ओर न झुकें। अपने पोस्चर पर विशेष ध्यान दें। जरूरी हो तो योगा या कोई एक्सरसाइज करें। इससे गर्दन दर्द से बचे रह सकेंगे।
लब्बोलुआब यह है कि मोबाइल का कम इस्तेमाल करें तभी आप तरह-तरह की बीमारियों से खुद को दूर रख पाएंगे।