आप सभी ने कभी ना कभी गुलकंद तो ज़रूर खाया होगा। इसका स्वाद सभी को पसंद आता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही गुलकंद आपके स्वास्थ्य को कई फायदे देता है। इसलिए इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग कई भारतीय व्यंजनों में भी किया जाता है।

गुलकंद को गुलाब की पत्तियों और शक्कर की मदद से बनाया जाता है। यह हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करता है इसलिए यह गर्मी से संबंधित कई समस्याएं जैसे थकान, सुस्ती, खुजली आदि में उपयोग किया जाता है। जिन भी लोगों को हथेली और पैरों में जलन की समस्या है। वे भी इसे खाकर अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं। गुलकंद हमारे स्वास्थ्य से लेकर हमारे सौन्दर्य तक की समस्या को दूर करता है। वैसे गुलकंद हर मौसम में खा सकते हैं लेकिन इसे ख़ासकर गर्मी के दिनों में खाया जाता है क्योंकि गुलकंद गुलाब से बनता है जिससे आपके शरीर को ठंडक मिलती है।

  1. गुलकंद के फायदे - Gulkand Ke Fayde In Hindi
  2. गुलकंद के नुकसान - Gulkand Side Effects In Hindi
  3. गुलकंद बनाने की विधि - Gulkand Recipe In Hindi
  4. गुलकंद खाने का तरीका - How To Take Gulkand In Hindi

गुलकंद के फायदे पेट के लिए - Gulkand For Constipation In Hindi

आज के वक्त में कई लोग पेट में गैस की समस्या से परेशान हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो खाली पेट एंटी एसिड दवा लेते हैं। गैस के कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना परत है जैसे गले में जलन, अपच, पेट में मरोड़, मुंह और गले में छाले आदि। गुलकंद में विटामिन सी, ई और बी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। यदि हम नियमित रूप से रोज़ भोजन के बाद गुलकंद का सेवन करें तो इन सभी समस्याओं से हमें निजात मिल जाएगी। जिन भी लोगों को गर्मी के दिनों में पेट दर्द और पेट में जलन जैसी समस्या होती है उन्हे गुलकंद ज़रूर खाना चाहिए. यह पेट में ठंडक पहुचता है।

गुलकंद कब्ज जैसी समस्या से निजात दिलाने में उपयोगी है। इस में मौजूद गुण मल को पतला कर देता है और हमें मल त्यागने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती है साथ में यह बवासीर के सूजन को भी कम करता है। 

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गुलकंद के लाभ वजन कम करने में - Gulkand Benefits For Weight Loss In Hindi

गुलाब में मौजूद लैक्सेटिव और ड्यूरेटिक गुण मेटाबॉलिज्म तेज करने में मदद करते हैं। मेटाबॉलिज्म तेज होने पर शरीर में कैलोरी की मात्रा कम होने लगती है जिस कारण हमारा वजन नियंत्रित रहता है। वजन को कम करने के लिए आर्युवेद में भी गुलाब का उपयोग किया जाता है। अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं तो गुलाब की कुछ 20 पंखुडियों को एक गिलास पानी में डालकर उबाले।

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आपको पानी को तब तक उबालें जब तक पानी का रंग गहरा गुलाबी न लगने लगे। अब इसमें एक चुटकी इलायची पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण को छानकर दिन में दो बार लें। इसके सेवन से आपका वजन भी कम होता है और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। गुलकंद में गुलाब का अर्क होता है। इस का नियमित उपयोग भी आप के वजन को कम करता है।

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गुलकन्द बेनिफिट्स प्रेगनेंसी में - Use Of Gulkand In Pregnancy In Hindi

गर्भवती महिला भी गुलकंद का सेवन कर सकती है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इसे गर्भावस्था में लेना सुरक्षित है। गर्भावस्था के दौरान कब्ज की परेशानी से निजात दिलाने के लिए इसे गर्भवती को दिया जाता है। क्योंकि यह मल को पतला कर देता है और इसमें मौजूद शक्कर आंतों में पानी की मात्रा बनाए रखता है, जिसके कारण कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है।

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गुलकंद के गुण त्वचा के लिए - Gulkand Benefits For Skin In Hindi

यदि आप पानी कम पीते हैं और इस वजह से आपकी त्वचा बेजान हो रही है तो रोज गुलकंद खाना शुरू कर दें। गुलकंद के उपयोग से त्वचा में नमी बनी रहती है और त्वचा बेजान नहीं दिखती।

इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण इससे मुँहासे जैसी समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है। यह रक्त को साफ करता है, जिससे हमारी त्वचा का रंग भी सुधरता है और त्वचा की कई समस्याओं में फायदा मिलता है।

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गुलकंद खाने के लाभ आँखो की समस्या में - Gulkand Benefits For Eyes In Hindi

गुलकंद आँखो की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करता है। साथ ही यह कंजंक्टिवाइटिस (conjunctivitis) के लिए अच्छी दवा है। गुलकंद आँखो में जलन की समस्या को भी दूर करता है।

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थकान में गुलकंद के फायदे थकान - Benefits Of Gulkand For Fatigue And Mental Stress In Hindi

गुलकंद आयुर्वेदिक टॉनिक है जो थकानमांसपेशियों में दर्द, जलन, सुस्ती और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है। भारत में कई कई छात्र अपनी स्मृति में सुधार लाने और परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने के लिए गुलकंद का उपयोग करते हैं। 

(और पढ़ें – मांसपेशियों में दर्द के घरेलू उपचार)

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गुलकंद खाने का फायदा मुंह के अल्सर्स में - Benefits Of Gulkand in mouth ulcers In Hindi

गुलकंद शीतल होता है जो हमारे शरीर को ठंडा प्रभाव प्रदान करता है। इस का उपयोग मुंह के अल्सर्स के लिए बहुत लाभदायक है। यह मुंह के छालों के प्रभाव को कम करता है और साथ में यह छालों के कारण मुंह के जलन और दर्द को कम करने में मदद करता है।

सनबर्न में गुलकंद के लाभ - Gulkand Benefits In Sunburn In Hindi

गुलकंद का नियमित रूप से सेवन गर्मी के मौसम सनबर्न (sunburn) की समस्या से निजात दिलाता है। यह शरीर में अतिरिक्त गर्मी के प्रभाव को कम कर देता है।

गुलकंद के अन्य फायदे - Gulkand Ke Anya Fayde In Hindi

गुलकंद के अन्य फायदे इस प्रकार हैं - 

  • गुलाब में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं और गुलकंद में गुलाब का अर्क होने के कारण इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। यूरीन से जुड़ी दिक्कतों में भी गुलकंद लाभदायक होता है।
  • गर्मी के दिनों में बच्चों में नाक से खून निकलने की समस्या होती है। इसे ठीक करने के लिए उन्हें गुलकंद का सेवन करवाना चाहिए।
  • यह औरतों में पुराने संक्रमण, योनि के संक्रमण आदि के कारण होने वाले पीले श्रव को भी कम करने में मदद करता है।
  • गुलकंद का सेवन हमारे मानसिक तनाव को कम करता है तथा हमारे मन को शांति पहुंचाता है।
  • कैंसर रोगियों को कीमोथेरेपी के उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए गुलकंद का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। (और पढ़ें – कैंसर की दवा)
  • यह एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाओं से होने वाले नुकसान को भी दूर करता है या फिर किसी स्ट्रांग दवा के सेवन के कारण हमें जलन या फिर छाले की समस्या से भी राहत दिलाता है।
  • हाई बीपी के मरीज को रोजाना 20 ग्राम तक गुलकंद खाना चाहिए। इससे कब्ज की दिक्कत नही रहेगी।
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गुलकंद के छह महीने की अवधि तक नियमित उपयोग के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। परंतु शुगर के मरीज को बाजार से मिलने वाले गुलकंद का सेवन नही करना चाहिए, क्योंकि इसमे शक्कर की मात्रा होती है। मधुमेह के मरीज अपने घर में ही गुलकंद को बनाएं और उस का सेवन करें।

गुलकंद बनाने की सामग्री -

  • 250 ग्राम ताजी गुलाब की पंखुडियां
  • बराबर मात्रा में पिसी हुई मिश्री या शुगर फ्री चीनी
  • एक छोटी चम्मच पिसी हुई छोटी इलाची
  • एक छोटी चम्मच पिसी हुई सौंफ

गुलकंद बनाने की विधि -

  • सब से पहले आप इन पंखुडियों को धो लें। अब के ढक्कन वाला कांच का बर्तन लें।
  • अब आप इस बर्तन में थोडी पंखुडियां अब पीसी हुई मिश्री या शुगर फ्री चीनी डाले फिर दुबारा यही प्रक्रिया दुबारा करें जब तक को सारी पंखुडियां और पीसी हुई मिश्री या शुगर फ्री चीनी खत्म न हो जाए।
  • अब इस में पिसी हुई छोटी इलाची और पिसी हुई सौंफ दाल कर ढक्कन बंद कर के आठ दस दिन के लिये धूप में रख दें। बीच- बीच में इसे चलाते रहें।
  • मिश्री पानी छोडेगी और उसी मिश्री पानी में पंखुडियां गलेंगी (अलग से पानी नहीं डालना है) पंखुडियां पूरी तरह गल जाए यानि अब आप का गुलकंद बन चूका है। अब आप इस का सेवन करें।

गुलकंद का उपयोग दूध या पानी के साथ प्रतिदिन एक या दो बार किया जा सकता है। शिशुओं को 500 से 1 ग्राम, बच्चों को 2 से 3 ग्राम, वयस्क को 5 से 10 ग्राम या 20 ग्राम, गर्भावस्था में 2 से 5 ग्राम, वृद्धावस्था (बुढ़ापा) में 5 ग्राम देना चाहिए।

(और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के लिए क्या करें और लड़का पैदा करने के उपाय)

हल्के कब्ज में सोने से पहले एक बार, मध्यम कब्ज में सुबह नाश्ते के एक घंटे बाद और रात में सोने से पहले दे सकते हैं। सीने में जलन या गैस की समस्या में खाने के बीच में (जब आधा खाना ही खाया हो) दो बार दिन में दे सकते हैं। बाकी सारी समस्याओं में खाने के एक घंटे बाद दिन में दो बार दे सकते हैं।


गुलकंद के असरदार और लाजवाब लाभ सम्बंधित चित्र


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें गुलकंद है

संदर्भ

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