गर्भ संस्कार का अभ्यास वैदिक काल से चल रहा है। यह दर्शाता है कि किस तरह एक स्वस्थ, सुखी और बुद्धिमान बच्चे को पाया जा सकता है। गर्भ संस्कार में माता और बच्चे दोनों के लिए बहुत से लाभ हैं। गर्भ संस्कार में शामिल प्रथा इस तथ्य पर निर्भर करती है कि बच्चा गर्भ से बाहर के माहौल से प्रभावित होता है और एक सुखी बच्चा एक सुखद माहौल का परिणाम है।
नीचे वर्णित प्रथाएं मां की मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक भलाई सुनिश्चित करती हैं, जो सीधे बच्चे को प्रभावित करती हैं। यह प्रथाएं बच्चे के समग्र विकास के लिए जरूरी हैं, विशेष रूप से बच्चे की बुद्धि के लिए।
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