भारत के स्कूलों के एजुकेशन सिस्टम में दो बार बोर्ड की परीक्षा होती हैं - एक बार दसवीं और फिर बारहवीं में। ये दो एग्जाम अहम होते हैं क्योंकि इसके बाद ही आपको बारहवीं में अच्छी स्ट्रीम और फिर कॉलेज में एडमिशन मिलता है। इस वजह से अक्सर स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा के दौरान बहुत ज्यादा स्ट्रेस में आ जाते हैं। स्ट्रेस लेने की बजाय आप यहां बताए गए टिप्स फॉलो करें।
कोई दवा न लें
आपको लग सकता है कि एकाग्रता बढ़ाने के लिए डॉक्टर के पर्चे के बिना मिलने वाली या कोई फेमस दवा लेनी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, इन दवाओं से आपको लंबे समय तक कोई साइड इफेक्ट झेलना पड़ सकता है। साल 2017 में हार्म रिडक्शन जरनल में प्रकाशित स्टडी में सामने आया है कि 'स्टडी ड्रग्स' जैसे कि एडेरल, रिटैलिन से पढ़ाई को इंजॉय करने की क्षमता कम होने, कम नंबर लाने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
इन दवाओं पर निर्भर रहने की बजाय आपको अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और सही पोषण और एक्सरसाइज करनी चाहिए जिससे आपका दिमाग एक्टिव रहे।
टाइमटेबल बनाएं
एग्जाम का मतलब है सही तरीके से तैयारी करना। इसलिए अपना शेड्यूल या टाइमटेबल ठीक से बनाएं और उसे फॉलो करें। सभी विषयों पर एक बराबर ध्यान दें लेकिन उन विषयों पर ज्यादा ध्यान दें जिनमें आप कमजोर हैं।
जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव करते रहें। हो सकता है कि आपका सिलेबस बड़ा हो और एक बार में पूरा न हो पाए, इसलिए धीरे-धीरे कवर करें। रोज पढ़ाई करें। अगर आप अपने टाइमटेबल पर टिके रहेंगे, तो सारा सिलेबस पूरा हो जाएगा और शायद थोड़ा टाइम भी बच जाए।
रिवीजन के लिए कुछ टिप्स आपके काम आ सकते हैं :
- जिस दिन आप किसी सबजेक्ट की पढ़ाई कर रहे हैं, तो उस दिन क्यू कार्ड तैयार कर लें।
- पढ़ने के बाद तीसरे दिन टॉपिक को रिवाइज करें।
- पढ़ने के एक हफ्ते बाद टॉपिक को रिवाइज करें।
- 15 दिन के बाद दोबारा रिवाइज करें।
इसका कारण यह है कि जब हम सोते हैं तो हमारा मस्तिष्क इनफॉर्मेशन को छांटता है और जो महत्वपूर्ण समझता है उसे बरकरार रखता है। लंबे समय तक एक ही चीज को कई बार दोहराने से वह जानकारी अच्छे से सेव हो जाती है।
अगर अगले एग्जाम से पहले आपके पास 15 दिन का समय नहीं है तो घबराएं नहीं। अपने टाइम के हिसाब से रिवीजन का समय कम कर दें। इस बात का ध्यान रखें कि स्ट्रेस लेने से आपकी फोकस और इनफॉर्मेशन को स्टोर रखने की क्षमता घट जाती है। इसलिए चिंता न करें और अपनी सारी एनर्जी बस नॉलेज इकट्ठा करने में लगाएं।
स्टडी की जगह बनाएं
एग्जाम की तैयारी के लिए आपको फोकस करने की जरूरत है। अगर आपके स्टडी एरिया में ऐसी चीजे हैं, जो आपका ध्यान भटकाती हैं तो आप इन चीजों को हटा दें या अपना स्टडी एरिया बदल दें।
पढ़ाई के दौरान कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है, बेड पर पढ़ाई करने की बजाय टेबल और चेयर पर बैठकर स्टडी करें।
अपना लर्निंग स्टाइल चुनें
हर स्टूडेंट का सीखने का अपना अलग तरीका होता है। कुछ स्टूडेंट्स क्लास में बेहतर सीखते हैं जबकि कुछ खुद बेहतर पढ़ाई कर लेते हैं। आत्म-निरीक्षण करें और जानें कि आपके लिए क्या तरीका बेस्ट रहता है। निम्न तरह के स्टूडेंट होते हैं :
- ऑडिटरी लर्नर : इसमें सुनकर याद किया जाता है। नोट्स को तेज पढ़ें, दूसरों के साथ इन्हें डिस्कस करें और अपने नोट्स को फोन या कंप्यूटर पर रिकॉर्ड कर सकते हैं और फिर उन्हें सुनें।
- विजुअल लर्नर : इसमें देखकर याद किया जाता है। अपने नोट्स को रंगों से कोड दें, डायग्राम बनाएं और चार्ट बनाएं। आप अपने स्टडी रूम की दीवारों पर भी नोट्स लिख सकते हैं।
- टैक्टाइल या किनएस्थेटिक लर्नर : इसमें काम कर के सीखना होता है। प्रैक्टिकल एक्सपेरिमेंट करें और रोल प्ले जैसी तकनीकें अपनाएं।
भूलने की चिंता न करें
अगर आपकी स्टडी स्ट्रैटजी अच्छी है और आप हर सब्जेक्ट को समय-समय पर रिवाइज करते रहें, तो आपको इनफॉर्मेशन भूलने की टेंशन नहीं होगी।
भूलने का स्ट्रेस लेना नॉर्मल है लेकिन मेडिटेशन, अच्छी नींद लेना और एग्जाम से पहले और इसके दौरान ठीक से खाने पर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
थोड़ी स्पीड बढ़ाएं
रातभर जागर रट्टे मारने की बजाय आप एक स्पीड से याद करने पर फोकस करें। इससे आप सारे लेसनों को ठीक तरह से याद रख पाते हैं और भूलने की संभावना कम होती है। सही खाना खाएं और पढ़ाई के बीच में एक्सरसाइज ब्रेक भी लें। इससे आपका दिमाग रिफ्रेश रहेगा और आपकी बौद्धिक क्षमता में सुधार आएगा।
डॉक्टर 45-15 के रूल की सलाह देते हैं : 45 मिनट ध्यान से पढ़ाई करें और फिर 15 मिनट का ब्रेक लें। इस बीच टॉयलेट जाएं, हेल्दी स्नैक खाएं या एक कटोरी पपीता खा लें।
स्ट्रेस कम करने का टाइम
एग्जाम बहुत तनावभरे हो सकते हैं लेकिन आपको यह भी जानने की कोशिश करनी चाहिए कि इस स्ट्रेस को कम करने का कौन-सा तरीका आप पर काम करता है। गाना सुनें, सुबह की सैर पर जाएं, दोस्तों के साथ खेलें, मेडिटेशन या योग करें।
अगर आप पढ़ाई के बीच में 10 मिनट भी निकाल लेंगे, तो स्ट्रेस कम हो जाएगा और आप पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से पढ़ाई कर पाएंगे।
घबराहट होने पर 5 मिनट ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
खाना और नींद
दिमाग और शरीर, दोनों ही बिना खाने और नींद के नहीं रह सकते हैं। सही तरह का खाना खाने से आपकी बौद्धिक क्षमता में सुधार लाने में मदद मिल सकती है। इससे आप इंफेक्शन से भी बच सकते हैं क्योंकि स्ट्रेस एग्जाम के महीनों में इम्यूनिटी को घटा देता है।
साल 2012 में PLoS One में प्रकाशित स्टडी में पाया यगा कि पर्याप्त नींद लेने से प्रक्रियात्मक और घोषणात्मक स्मृति दोनों में सुधार आता है। ये दोनों एग्जाम के दौरान परफॉर्मेंस में सुधार लाने में मदद कर सकती हैं।
अगले लक्ष्य पर फोकस करें
कई बार मेहनत करने के बाद भी आप एक एग्जाम में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। इससे अपनी मोटिवेशन को कम न होने दें। इस बात का ध्यान रखें कि गलती करना नॉर्मल होता है और आप गलतियों को न दोहराने की सीख ले सकते हैं। अब अगले एग्जाम पर फोकस करें और उसकी तैयारी करें।