नवरात्रि शब्द का मतलब है नौ शुभ रातें, जिसके दौरान देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और ज्यादातर लोग उपवास रखते हैं। यह वसंत और शरद ऋतु की शुरुआत के दौरान वर्ष में दो बार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, यह एक शुभ हिंदू त्योहार होता है। नवरात्रि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
परंपरागत रूप से हिंदू धर्म में, नवरात्र में शराब और मांसाहारी भोजन का सेवन अशुभ और अपवित्र माना जाता है, लेकिन इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है। इन उपवासों के दौरान लोग मीट, अनाज, शराब, प्याज, लहसुन आदि खाने से बचते हैं। आयुर्वेदिक के अनुसार, ये खाद्य पदार्थ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और मौसमी बदलाव के हमारे शरीर में प्रतिरक्षा क्षमता कम होती है जिससे हमारा शरीर नकारात्मक ऊर्जा से लड़ने में सक्षम नहीं होता है। लहसुन और प्याज जैसे तत्वो से शरीर में गर्मी उत्पन्न करती है जो आपके शरीर को शुद्ध होने से रोकती है।
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नवरात्र में कुटू आटा, सिंघाड़े का आटा, ताजी सब्जियां, दूध, दही और मखाने जैसे सामग्री को पसंद किया जाता है क्योंकि ये पेट के लिए हल्के होते हैं और आसानी से पच सकते हैं। नियमित नमक के बजाय, सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह शुद्ध और असंसाधित (unprocessed) होता है। जो लोग उपवास नहीं करना चाहते हैं वे लहसुन और प्याज के बिना पके शाकाहारी सात्विक आहार का सेवन कर सकते हैं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं, चैत्र नवरात्रि व्रत के दौरान उपयोग किए जाने वाले भोजन और सामग्री के बारे में :
- आटा - नवरात्र में आप राजगीरा का आटा (अमरनाथ आटा), सिंघाड़े का आटा, कुटू का आटा, अरारोट का आटा
- मसाले - जीरा, सूखे अनार, करी पत्ते, काला नमक, सूखे आम का पाउडर (आमचूर पाउडर), हरी मिर्च, नींबू
- सब्जियाँ - आलू, मीठे आलू, कच्चे केले, अरबी, साबूदाना
- अन्य भोजन / सामग्री - फल, मेवे, हनी, चीनी, गुड़, नारियल, चाय