क्रिएटिन केमिकल मांसपेशियों को एनर्जी देता है और वेस्ट के रूप में क्रिएटिनिन को बनाता है, जो किडनी से फिल्टर होकर यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाता है. वहीं, जब किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर पाती है, तो शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने लगती है. ऐसा होने पर डायबिटीजहाई ब्लड प्रेशर जैसी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. क्रिएटिनिन की औसतन नार्मल रेंज महिला व पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग होती है.

आज इस लेख में हम क्रिएटिनिन के नॉर्मल रेंज और इसके खतरनाक स्तर के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - क्रिएटिनिन कैसे कम करें)

  1. क्या है क्रिएटिनिन और इसका महत्व?
  2. क्रिएटिनिन की नॉर्मल रेंज और लेवल चार्ट
  3. क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर
  4. सारांश
क्रिएटिनिन क्या है, महत्व व नार्मल रेंज के डॉक्टर

क्रिएटिनिन ब्लड में मौजूद कैमिकल वेस्ट प्रोडक्ट है, जिसे किडनी फिल्टर कर यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकालती है. यह क्रिएटिन फॉस्फेट का मेटाबॉलाइट होता है, जिसका प्रयोग मसल्स के लिए एनर्जी स्रोत के रूप में किया जाता है.

मसल्स मास जितना अधिक होगा, शरीर में क्रिएटिनिन का लेवल भी उतना ही अधिक होगा. शरीर में क्रिएटिनिन लेवल का खास रोल होता है. क्रिएटिनिन लेवल शरीर में बढ़ने से किडनी पर असर होता है, जिससे शरीर में बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है. क्रिएटिनिन लेवल अधिक होने पर किडनी फेल तक हो सकती हैं.

(और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

महिला, पुरुष व बच्चों के साइज के अनुसार उनका मसल्स मास अलग-अलग होता है. इस कारण से इन तीनों में क्रिएटिनन लेवल भी अलग-अलग होता है. वैज्ञानिक तौर पर माना जाता है कि महिला व बच्चों के मुकाबले पुरुषों में मसल्स मास ज्यादा होता है, जिस कारण उनका क्रिएटिनन लेवल भी ज्यादा होता है. आइए, इन तीनों के सामान्य रेंज के बारे में जानते हैं -

  • पुरुष: 0.7 to 1.3 mg/dL (61.9 to 114.9 µmol/L)
  • महिला: 0.6 to 1.1 mg/dL (53 to 97.2 µmol/L)
  • बच्चे (3 वर्ष तक): 0.3 to 0.7 mg/dL
  • बच्चे (3-18 वर्ष तक): 0.5 to 1.0 mg/dL

वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरिन क्रिएटनिन लेवल 40-50 उम्र होने पर हर 10 साल में 6.5 mL/min रेंज में घटना जरूरी है, क्योंकि क्रिएटिनिन का हाई लेवल रेंज शरीर में गंभीर बीमारियों के रिस्क को बढ़ाता है.

(और पढ़ें - क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट)

महिला, पुरुषा व बच्चे इन तीनों की सामान्य क्रिएटिनिन रेंज निश्चित है. अगर शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर इससे ज्यादा होता है, तो किडनी ट्रांसप्लांटेशन या डायलिसिस करना पड़ सकता है. साथ ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या निम्न बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है.

क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर से अधिक होना निम्न समस्याओं की संकेत कर सकता है -

किडनी इंफेक्शन

शरीर में क्रिएटिनिन लेवल के अधिक बढ़ने के पीछे मुख्य कारण किडनी में इंफेक्शन होता है. अगर इसे समय रहते ठीक न किया जाए, तो किडनी डैमेज तक हो सकती है. किडनी इन्फेक्शन होने पर ठंड लगना, बुखार, कमर में दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द, बार-बार यूरिनेशन, जी मिचलाना व उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं.

(और पढ़ें - किडनी फेल होने का होम्योपैथिक इलाज)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

डायबिटीज

हाई क्रिएटिनिन लेवल के कारण ब्लड शुगर भी हाई हो जाता है. जिससे टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क अधिक बढ़ता है. भूख या प्यास बढ़ना, बार-बार यूरिनेशन, आंखों से कम या धुंधला दिखना इसके लक्षण हैं.

हाई ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर लेवल हाई हो रहा है, तो क्रिएटिनिन लेवल जरूर चेक करवाना चाहिए. हाई बीपी दिल के साथ-साथ किडनी को भी नुकसान पहुंचाता है. इसमें आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते. हेल्थ स्क्रीनिंग के बाद ही हाई क्रिएटनीन लेवल का पता लगता है.

(और पढ़ें - हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज)

हृदय रोग

हार्ट फेल्योर और अन्य दिल की बीमारियां किडनी फंक्शन पर असर करती हैं. इससे क्रिएटिनिन लेवल भी शरीर में बढ़ जाता है. चेस्ट पेन, जी मिचलाना, कमजोरी, इरेगुलर हार्टबीटपैरों में सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं.

क्रिएटिनिन एक वेस्ट है जिसे किडनी यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर निकालती है. अधिक प्रोटीन वाली डाइट लेने या अधिक दवाइयों के सेवन से भी क्रिएटिनिन लेवल हाई हो सकता है. इससे ब्लड प्रेशर व डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए, ब्लड प्रेशर बढ़ना, जी मिचलाना, पैरों में सूजन व बुखार जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. क्रिएटिनिन लेवल हाई होने पर किडनी को मॉनिटर करने और इलाज की जरूरत होती है. ऐसे में समय-समय पर डॉक्टर की सलाह पर क्रिएटिनिन लेवल चेक करवाना चाहिए.

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार)

Dr. Samit Tuljapure

Dr. Samit Tuljapure

यूरोलॉजी
4 वर्षों का अनुभव

Dr. Rohit Namdev

Dr. Rohit Namdev

यूरोलॉजी
2 वर्षों का अनुभव

Dr Vaibhav Vishal

Dr Vaibhav Vishal

यूरोलॉजी
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Dipak Paruliya

Dr. Dipak Paruliya

यूरोलॉजी
15 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें