1. रक्त दान करने से एचआईवी जैसी बीमारी होने का ख़तरा हो सकता है
कुछ लोगों को लगता है ब्लड डोनेट करने से उन्हें एचआईवी जैसी बीमारी होने का खतरा हो सकता है। लेकिन यह सच नहीं है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण रक्त के आयात, निर्माण, बिक्री और परीक्षण के लिए विभिन्न लाइसेंस जारी करते हैं। यह डब्लूएचओ नियमों के अनुसार जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) जैसे प्रमाणपत्र भी जारी करता है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने रक्त बैंकों के नियम निर्धारित किए हैं, जहां राज्य औषधि नियंत्रक ब्लड सर्विस की गुणवत्ता के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत (authorized) हैं।
इसलिए एक रक्तदान अभियान के दौरान, अभियान चलाए जाने वाले संगठन सुनिश्चित करेगा कि वे आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उचित सावधानी बरतें - जैसे डिस्पोजेबल सुई आदि। क्योंकि एचआईवी जैसी बीमारियां सीधे संचरण (direct transmission)के माध्यम से फैल सकती हैं लेकिन एक ताजा, निष्फल सुई (sterilized needle) आपको सुरक्षित रखेगी। यह सुनिश्चित करने के लिए, आप तकनीशियन को अपने सामने सुई युक्त सीलबंद पैक खोलने के लिए कह सकते हैं और आप इसे पोर्टेबल क्रीमेटोरेटर में डिस्पोज़ कर सकते हैं।
2. मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति रक्त दान नहीं कर सकता है
कुछ लोग मधुमेह से पीड़ित होते हैं तो उनको लगता है कि वे ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप मधुमेह के लिए मौखिक दवाओं का सेवन करते हैं और इंसुलिन पर निर्भर नहीं हैं, तो आप रक्त दान कर सकते हैं। इससे पहले कि आप रक्त दान करते हैं, इन कुछ पैरामीटर को ध्यान में रखें। एक बार ब्लड डोनेट करने के बाद आपको कम से कम 56 दिनों के लिए रक्त दान नहीं करना चाहिए। यदि आप उच्च रक्तचाप या किसी भी अन्य हृदय रोग से पीड़ित है, तो सुनिश्चित करें कि रक्त दान करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
3. वर्ष में एक बार रक्तदान करने के बाद दोबारा रक्तदान नहीं किया जा सकता है
कुछ लोगों के अनुसार अगर वो साल में एक बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं तो वो दोबारा ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। फोर्टिस में पुल्मोथोरेसिक सर्जन डॉ सबहिसाची बाल के मुताबिक, 'स्वैच्छिक दान करना सबसे अच्छी बात है क्योंकि यह उन रोगियों के इलाज के लिए मदद करेगा जिनको रक्त आवश्यकता है। रक्तदान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है यह सबसे आम मिथकों में से एक मिथक है कि जो रक्तदान में एक बाधा के रूप में कार्य करता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि लोग रक्तदान करते हैं तो उनका रक्त 7-14 दिनों के भीतर बन जाता है। प्रत्येक तीन-छह महीने में आप रक्त दान कर सकते हैं ।
4. एक औरत रक्त दान नहीं कर सकती है
आंकड़ों के अनुसार, देश में 94 प्रतिशत रक्तदान पुरुषों द्वारा किया जाता है जबकि महिलाएं केवल छह प्रतिशत योगदान करती हैं। एक महिला होने के नाते रक्त दान करने की आपकी क्षमता में कमी नहीं होती है। यद्यपि, शारीरिक कारकों के कारण महिलाओं को एनीमिया जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ब्लड डोनेट करने से पहले होने वाली जांच आपको यह तय करने में मदद करेगी कि आपको दान करना चाहिए या क्यों नहीं करना चाहिए। रोटरी ब्लड बैंक की चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ अंजू वर्मा कहती हैं, 'शारीरिक रूप से समस्याओं के चलते भारतीय महिलाओं का ब्लड डोनेट का प्रतिशत कम है। उनमें से अधिकांश में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई है और इसलिए रक्त दान करने के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहती है और इसलिए प्रतिशत की संख्या कम है। (और पढ़ें - रागी के व्यंजन एनीमिया के लिए हैं उत्कृष्ट)
हमारे शरीर में 70 प्रतिशत रक्त विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, बाकी 30 प्रतिशत इनिशलाइज़ होता रहता है, यदि हम 350 या 450 मिलीलीटर रक्त देते हैं, तो यह किसी भी शारीरिक कार्य को बाधित नहीं करेगा। भारत में कम रक्तदान की समस्या को जांचना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
5. रक्तदान करने से हम बीमार पड़ सकते हैं
रक्तदान लोगों को बीमार नहीं करता है। हां, रक्तदान करने के बाद आपको थोड़ी चक्कर आ सकती है लेकिन रक्तदान से पहले और बाद में आप अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। स्नैप फेटिसी इंडिया के पोषण विशेषज्ञ अन्नपूर्णा अग्रवाल कहती हैं, 'इससे पहले कि आप रक्त दान करें, सुनिश्चित करें कि आप लोहे और विटामिन सी से समृद्ध खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करते हैं। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि आपके पास दान करने से पहले और बाद में पर्याप्त तरल पदार्थ हैं। इससे शरीर को हाइड्रेट रखने और कमज़ोरी को कम करने में मदद मिलेगी जो आप ब्लड डोनेट करने के बाद महसूस कर सकते हैं। अकसर ब्लड डोनेट करने के बाद क्या खाना चाहिए ये सवाल हर किसी को परेशान करता है तो सुनिश्चित करें कि आप ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जिनमें फोलिक एसिड, विटामिन बी 6 और बी 2 होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में ऐसे घटको होते हैं, जो आपके हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने में मदद करेंगे। रक्त दान करने से पहले लोगों को कार्बोनेटेड पेय और फैटी खाद्य पदार्थ से 24 घंटे तक दूर रहने के लिए सलाह दी जाती है। फैटी खाद्य पदार्थ रक्त में वसा की मात्रा को बढ़ाते हैं जिससे आप रक्त दान करने से पूर्व होने वाली जांच में अयोग्य साबित हो सकते हैं।