भारत में हर वर्ष लगभग 30-35 प्रतिशत रक्त की कमी का सामना करना पड़ता है। देश को प्रति वर्ष आठ से दस मिलियन यूनिट रक्त की जरूरत होती है, लेकिन मुश्किल से 5.5 मिलियन यूनिट का ही प्रबंध हो पाता है। भारत में रक्तदान की कमी काफी हद तक गलत सोच और मिथकों के कारण है। तो आइये जानते हैं रक्तदान के फायदे, नुकसान और रक्तदान से जुड़े कुछ तथ्यों और मिथकों के बारे में -

  1. ब्लड डोनेट करने के फायदे - Blood Donate Karne ke Fayde in Hindi
  2. ब्लड डोनेट करने के नुकसान - Blood Donate Karne ke Nuksan in Hindi
  3. रक्तदान से जुड़े तथ्य - Blood Donation Facts in Hindi
  4. रक्तदान से जुड़े मिथक - Blood Donation Myths in Hindi

रक्तदान करने से होने वाले कुछ खास लाभों के बारे में यहां विस्तार से बताया गया है -

रक्तदान एक तरीका है बेसिक हेल्थ चेकअप के लिए

इससे पहले कि आप रक्त दें, आपको किसी भी बीमारी के लिए खुद को जांचने की आवश्यकता हो सकती है। अगर आप खुद से ये जाँच छोड़ भी देते हैं तो रक्तदान केंद्र हमेशा एक बुनियादी स्वास्थ्य जांच करेंगे। उदाहरण के लिए, आपके रक्तचाप और हृदय की दर की जांच की जाएगी। आपके खून का एक सैंपल भी टेस्ट किया जाएगा। क्या आपने हाल ही में कोई यात्रा की है, आप कौन सी दवा लेते हैं या अन्य जोखिम वाले कारकों पर आपको एक प्रश्नावली भरनी होगी। अगर समीक्षा करने वाले व्यक्ति के पास कोई और स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न हैं, तो वे आपको अतिरिक्त प्रश्न पूछ सकते हैं। इससे आपको आपके स्वास्थ्य के बारे में किसी भी संभावित चिंता के बारे में सूचित किया जाएगा।

हालांकि यह जांच इस उद्देश्य से की जाती है कि क्या आप रक्त दान के लिए उपयुक्त उम्मीदवार हैं या नहीं। यदि जांच में कोई समस्या सामने आती है तो आपको तत्काल चिकित्सीय पर ध्यान देने की जरूरत है।

रक्तदान के लाभ हृदय के लिए

बहुत से लोग इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि नियमित रूप से रक्त दान आपके आयरन के स्तर पर रोक बनाए रखने में मदद कर सकता है। शरीर में अत्यधिक लोहे के निर्माण से ओक्सीडेटिव क्षति हो सकती है, जो ऊतक क्षति का प्रमुख कारण है। इसलिए, रक्त दान करना न केवल शरीर में लोहा सामग्री को नियंत्रण में रखता है बल्कि हृदय रोग के जोखिम को भी कम करता है। इसके अलावा, यह समय से पहले उम्र बढ़ने, स्ट्रोक और दिल के दौरे के जोखिम को कम करके हृदय स्वास्थ्य में सुधार भी करता है।

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ब्लड डोनेट करने के फायदे करें लिवर की समस्याओं को कम

हालांकि कोई अध्ययन दावा नहीं करते हैं कि रक्तदान करने से लिवर की क्षति और कैंसर का खतरा कम हो जाता है, लेकिन ऐसा देखा जाता है कि इसका लिवर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शरीर में अत्यधिक लोहे से लिवर पर दबाव पड़ता है जिससे आप लिवर की समस्या से गुजरते है जबकि रक्त दान करने से आपको रक्त में लोहे की सामग्री को स्थिर करने में मदद मिलती है, जिससे लिवर की क्षति कम हो जाती है। इसके अलावा लिवर में अतिरिक्त लोहे की जमावट, लिवर के ऊतकों के ऑक्सीकरण का कारण बनती है जिससे अंगों को हानि पहुंचती है जो कई मामलों में कैंसर पैदा कर सकता है। और इसलिए नियमित रूप से रक्तदान करने से आपको लिवर कैंसर की संभावना कम हो जाती है।

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वजन घटाने के लिए करें रक्त का दान

आप एक बार रक्त दान करके 650- 700 किलो कैलोरी कम कर सकते हैं। हालांकि, वजन कैलोरी सेवन के बारे में है और इसलिए रक्तदान आपके शरीर के वजन को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है। लेकिन यह वजन कम करने का एकमात्र तरीका नहीं होना चाहिए। हालांकि तीन महीने में एक बार (और अधिक बार नहीं) दान करना चाहिए क्योंकि इससे आपका स्वास्थ्य और आपके रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन और लोहे का स्तर प्रभावित होगा। 

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रक्तदान का महत्व है मानसिक संतुष्टि के लिए

इसमें कोई संदेह नहीं है कि रक्त दान करके आप बहुत ही अच्छा महसूस करते हैं क्योंकि आप किसी के जीवन को बचाने में मदद कर सकते हैं। क्योंकि मानव रक्त के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं हैं, इसलिए रक्त दान करना महत्वपूर्ण है। आप जो रक्त दान करते हैं वह रोगियों की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न घटकों में विभाजित है और विभिन्न प्रयोजनों के लिए विभिन्न प्राप्तकर्ताओं (recipients) द्वारा उपयोग किया जा सकता है। हर बार जब आप रक्त दान करते हैं, तो आप 3 या 4 रक्त के लिए जरूरतमंद लोगों की सहायता कर सकते हैं जो आपको अद्धभुत खुशी की भावना देती है।

कुछ लोगों को रक्तदान करने से कुछ हल्के साइड इफेक्ट अनुभव हो सकते हैं। ये कुछ खास हल्की प्रतिक्रियाएं हैं जो आपको रक्तदान करने के बाद हो सकती हैं :

  1. पसीना आना
  2. ठंड महसूस होना
  3. चक्कर आना
  4. जी मिचलाना
  5. उत्तेजना
  6. बहुत कम संख्या में लोगों को उल्टी की तरह अधिक गंभीर समस्या का अनुभव हो सकता है।
  1. दो रक्तदान के बीच न्यूनतम समय का अंतर कम से कम 3 महीने होना चाहिए। इसका कारण यह है, सामान्य तौर पर रक्तदान के बाद शरीर में रक्त का पुनर्जन्म करने के लिए रक्त कोशिकाओं को लगभग तीन महीने लग सकते हैं। संख्याओं के अनुसार, आप एक वर्ष में चार बार रक्त दान कर सकते हैं।
  2. जब व्यक्ति रक्त दान करता है तो यह सुनिश्चित करें कि उसकी आयु 18 से 65 साल के बीच है और वजन 45 किलो से अधिक है, जो किसी भी व्यक्ति द्वारा रक्त दान करने के लिए महत्वपूर्ण मानदंड है। इसके अलावा अच्छे स्वास्थ्य के साथ आपकी हीमोग्लोबिन सामग्री 12.5 मिलीग्राम% से अधिक  होनी चाहिए।
  3. रक्त दान करने वालों को रक्तदान से पहले उनकी फिटनेस से संबंधित प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इसके अलावा, डोनर के रक्तचाप, हीमोग्लोबिन और वजन की जांच की जाती है तब जाकर ब्लड डोनर, ब्लड देने के लिए फिर होता है।
  4. रक्तदान करने के बाद पानी पीना या किसी अन्य तरल पदार्थ का सेवन करना सुनिश्चित करें क्योंकि इससे आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद मिलेगी। हालांकि, वायुकृत (aerated) पेय या कार्बोनेटेड शीतल पेय पीने से दूर रहें।
  5. जहां तक आहार की बात है, रक्तदान करने से पहले कुछ हल्का खाएं। इसके अलावा, रक्त दान से पहले दिन में शराब पीने से बचें और रक्तदान से पहले धूम्रपान न करें। अक्सर ब्लड डोनेट करने के बाद क्या खाना चाहिए ये सवाल हर किसी को परेशान करता है तो सुनिश्चित करें कि आप ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जिनमें फोलिक एसिड, विटामिन बी 6 और बी 2 होते हैं।
  6. रक्तदान के बाद कुछ सावधानियों से बचना चाहिए। डोनेशन के बाद किसी भी कठोर शारीरिक गतिविधि का प्रयोग न करें क्योंकि ऐसे में चक्कर आने की संभावना अधिक होती है। शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से खुद को तनाव न दें और उस दिन आराम करना महत्वपूर्ण है। 
  7. रक्तदान के बाद, रक्त के विभिन्न मापदंडों जैसे हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, सिफलिस, मलेरिया और एचआईवी (प्रकार 1 और 2) के लिए टेस्ट किया जाता है। भारत में, कुल एचआईवी मामलों में से 90% एचआईवी टाइप 1 वायरस हैं और केवल 10% एचआईवी मामलों की रिपोर्ट एचआईवी टाइप 2 वायरल संक्रमण हैं। यदि उपरोक्त परीक्षणों में से कोई भी सकारात्मक परिणाम दिखता है, तो रक्त को त्याग दिया जाता है।
  8. हालांकि पैरामेडिकल स्टाफ यह सुनिश्चित करेगा कि ब्लड ट्रांसफ़्यूजन के लिए इस्तेमाल की गई सिरिंज या सुइयों को निष्फल कर दिया गया है। लेकिन यह जांचना एक बुरा विचार नहीं है कि क्या कर्मचारी प्रत्येक डोनर के लिए डिस्पोजेबल सुई का एक सेट का उपयोग कर रहा है या नहीं।

1. रक्त दान करने से एचआईवी जैसी बीमारी होने का ख़तरा हो सकता है

कुछ लोगों को लगता है ब्लड डोनेट करने से उन्हें एचआईवी जैसी बीमारी होने का खतरा हो सकता है। लेकिन यह सच नहीं है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण रक्त के आयात, निर्माण, बिक्री और परीक्षण के लिए विभिन्न लाइसेंस जारी करते हैं। यह डब्लूएचओ नियमों के अनुसार जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) जैसे प्रमाणपत्र भी जारी करता है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने रक्त बैंकों के नियम निर्धारित किए हैं, जहां राज्य औषधि नियंत्रक ब्लड सर्विस की गुणवत्ता के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत (authorized) हैं।

इसलिए एक रक्तदान अभियान के दौरान, अभियान चलाए जाने वाले संगठन सुनिश्चित करेगा कि वे आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उचित सावधानी बरतें - जैसे डिस्पोजेबल सुई आदि। क्योंकि एचआईवी जैसी बीमारियां सीधे संचरण (direct transmission)के माध्यम से फैल सकती हैं लेकिन एक ताजा, निष्फल सुई (sterilized needle) आपको सुरक्षित रखेगी। यह सुनिश्चित करने के लिए, आप तकनीशियन को अपने सामने सुई युक्त सीलबंद पैक खोलने के लिए कह सकते हैं और आप इसे पोर्टेबल क्रीमेटोरेटर में डिस्पोज़ कर सकते हैं।

2. मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति रक्त दान नहीं कर सकता है

कुछ लोग मधुमेह से पीड़ित होते हैं तो उनको लगता है कि वे ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप मधुमेह के लिए मौखिक दवाओं का सेवन करते हैं और इंसुलिन पर निर्भर नहीं हैं, तो आप रक्त दान कर सकते हैं। इससे पहले कि आप रक्त दान करते हैं, इन कुछ पैरामीटर को ध्यान में रखें। एक बार ब्लड डोनेट करने के बाद आपको कम से कम 56 दिनों के लिए रक्त दान नहीं करना चाहिए। यदि आप उच्च रक्तचाप या किसी भी अन्य हृदय रोग से पीड़ित है, तो सुनिश्चित करें कि रक्त दान करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

3. वर्ष में एक बार रक्तदान करने के बाद दोबारा रक्तदान नहीं किया जा सकता है

कुछ लोगों के अनुसार अगर वो साल में एक बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं तो वो दोबारा ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं। फोर्टिस में पुल्मोथोरेसिक सर्जन डॉ सबहिसाची बाल के मुताबिक, 'स्वैच्छिक दान करना सबसे अच्छी बात है क्योंकि यह उन रोगियों के इलाज के लिए मदद करेगा जिनको रक्त आवश्यकता है। रक्तदान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है यह सबसे आम मिथकों में से एक मिथक है कि जो रक्तदान में एक बाधा के रूप में कार्य करता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि लोग रक्तदान करते हैं तो उनका रक्त 7-14 दिनों के भीतर बन जाता है। प्रत्येक तीन-छह महीने में आप रक्त दान कर सकते हैं ।

4. एक औरत रक्त दान नहीं कर सकती है

आंकड़ों के अनुसार, देश में 94 प्रतिशत रक्तदान पुरुषों द्वारा किया जाता है जबकि महिलाएं केवल छह प्रतिशत योगदान करती हैं। एक महिला होने के नाते रक्त दान करने की आपकी क्षमता में कमी नहीं होती है। यद्यपि, शारीरिक कारकों के कारण महिलाओं को एनीमिया जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ब्लड डोनेट करने से पहले होने वाली जांच आपको यह तय करने में मदद करेगी कि आपको दान करना चाहिए या क्यों नहीं करना चाहिए। रोटरी ब्लड बैंक की चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ अंजू वर्मा कहती हैं, 'शारीरिक रूप से समस्याओं के चलते भारतीय महिलाओं का ब्लड डोनेट का प्रतिशत कम है। उनमें से अधिकांश में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई है और इसलिए रक्त दान करने के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहती है और इसलिए प्रतिशत की संख्या कम है। (और पढ़ें - रागी के व्यंजन एनीमिया के लिए हैं उत्कृष्ट)

हमारे शरीर में 70 प्रतिशत रक्त विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, बाकी 30 प्रतिशत इनिशलाइज़ होता रहता है, यदि हम 350 या 450 मिलीलीटर रक्त देते हैं, तो यह किसी भी शारीरिक कार्य को बाधित नहीं करेगा। भारत में कम रक्तदान की समस्या को जांचना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

5. रक्तदान करने से हम बीमार पड़ सकते हैं

रक्तदान लोगों को बीमार नहीं करता है। हां, रक्तदान करने के बाद आपको थोड़ी चक्कर आ सकती है लेकिन रक्तदान से पहले और बाद में आप अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। स्नैप फेटिसी इंडिया के पोषण विशेषज्ञ अन्नपूर्णा अग्रवाल कहती हैं, 'इससे पहले कि आप रक्त दान करें, सुनिश्चित करें कि आप लोहे और विटामिन सी से समृद्ध खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करते हैं। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि आपके पास दान करने से पहले और बाद में पर्याप्त तरल पदार्थ हैं। इससे शरीर को हाइड्रेट रखने और कमज़ोरी को कम करने में मदद मिलेगी जो आप ब्लड डोनेट करने के बाद महसूस कर सकते हैं। अकसर ब्लड डोनेट करने के बाद क्या खाना चाहिए ये सवाल हर किसी को परेशान करता है तो सुनिश्चित करें कि आप ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं जिनमें फोलिक एसिड, विटामिन बी 6 और बी 2 होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में ऐसे घटको होते हैं, जो आपके हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने में मदद करेंगे। रक्त दान करने से पहले लोगों को कार्बोनेटेड पेय और फैटी खाद्य पदार्थ से 24 घंटे तक दूर रहने के लिए सलाह दी जाती है। फैटी खाद्य पदार्थ रक्त में वसा की मात्रा को बढ़ाते हैं जिससे आप रक्त दान करने से पूर्व होने वाली जांच में अयोग्य साबित हो सकते हैं।

संदर्भ

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