भृंगराज एक औषधि है, इसका दूसरा नाम एक्लिप्टा एल्बा है। ऐेतिहासिक रूप से, यह सबसे अधिक आयुर्वेदिक दवा के साथ जुड़ा हुआ है जो इलाज के किए पारंपरिक भारतीय तरीका हैं, लेकिन इसके अखंडनीय लाभो ने विश्व भर में इसे लोकप्रिय बनाया है। आयुर्वेद में इसे 'रसायन' माना जाता है। यह जड़ी बूटी भारत भर में पाईं जाती है, विशेष रूप से दलदली स्थानों में। भृंगराज की चार मुख्य किस्म इसके फूलों के रंग के आधार पर हैं, लेकिन सबसे अधिक प्रचलित है - सफेद एक्लिपटा एल्बा। कई बीमारियों को शांत करने के लिए, दोनों स्थानिक और आंतरिक रूप से, इस प्रभावकारी शक्तिशाली पौधे की पत्तियों और फूलों का अर्क अनेक तरीकों से लगाया जाता है। इसमें ऊर्जावान बनाने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने के गुण होते हैं।
इसके अलावा अपने तीखे, कड़वे स्वाद, सूखेपन और हल्केपन के कारण यह कफ दोष और अपनी गर्म शक्ति के कारण वात दोष को संतुलित रखता है, इस प्रकार यह त्रिदोष पर प्रभाव डालता है। इसके साथ ही यह बालों का झड़ना रोकने, बालों को घना बनाने, जिगर विषहरण, सूजन को कम करने, पेट की पीड़ा कम करने, कैंसर को रोकने, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, आँखो की सुरक्षा और निम्न रक्तचाप में उपयोगी होता है।