प्राकृतिक तेल आयुर्वेद का एक बड़ा हिस्सा हैं। इनमें सभी प्रकार के आवश्यक तेलों (essential oils) से लेकर कर्रिएर आयल (carrier oils) तक शामिल हैं। कर्रिएर आयल को अक्सर आधार तेल (base oils) या वनस्पति तेल (vegetable oils) कहा जाता है जिनका उपयोग आवश्यक तेलों को पतला करने के लिए किया जाता है। ये प्राकृतिक तेल आपके स्वास्थ्य, भावनाओं और आध्यात्मिकता आदि को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इनके बारे में जानना ज़रूरी है।

त्वचा पर तेल कहीं भी लगाया जा सकता है। पर शायद आपको यह जानकार हैरानी होगी कि नाभि पर तेल लगाने के कितने फायदे हैं। आपको लगता है कि नाभि आपके शरीर का सामान्य हिस्सा है लेकिन यह उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। आइये आपको नाभि पर तेल लगाने के सात फायदे बताते हैं।

  1. नाभि में तेल लगाने से त्वचा होती है मॉइस्चराइज - Applying Oils to the Belly Button Moisturizes Skin in Hindi
  2. नाभि में तेल लगाने के लाभ करें पेट दर्द कम - Put Oil in Navel to Treats Stomach Ache in Hindi
  3. नाभि में तेल डालने के फायदे हैं संक्रमण का इलाज - Applying Tea Tree Oil to Belly Button to Cures Infection in Hindi
  4. नाभि पर तेल के लाभ करें नाभि को साफ - Nabhi Par Tel to Removes Dirt in Hindi
  5. नाभि पर तेल लगाने के फायदे दिलाएँ पीरियड्स के दर्द से राहत - Putting Oil in Belly Button for Menstrual Pain in Hindi
  6. नाभि में तेल लगाने के फायदे करें प्रजनन क्षमता में सुधार - Applying Oil to Belly Button to Improves Fertility in Hindi
  7. नाभि पर तेल के फायदे रखें नवल चक्र को संतुलित - Putting Oil in Navel to Balances the Navel Chakra in Hindi

तेल प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइजिंग त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। ये उन क्षेत्रों पर अच्छी तरह से काम करते हैं जो आमतौर पर भुला दिए जाते हैं जैसे नाभि और पेट। नाभि पर तेल लगाना विशेष रूप से सर्दियों में उपयोगी है जब हवा सुपर ड्राइ होती है।

नारियल तेल और जैतून के तेल को मिक्स करें। बस कुछ बूंदों को नाभि पर डालें और अपने पेट पर रगड़ें। इससे आपकी त्वचा सिल्की स्मूद महसूस करती है, विशेष रूप से स्नान के बाद। 

(और पढ़ें - बाजार के मॉइस्चराइजर से भी बढ़िया है यह घर पर बना नेचुरल मॉइस्चराइजर)

Misters Enhance Intimate Moisturizer Cream For Men
₹585  ₹999  41% छूट
खरीदें

नाभि पर तेल का प्रयोग करने से पेट का दर्द कम हो सकता है। यह अपचदस्त और फुड पाय्ज़निंग जैसी स्थितियों के लक्षणों से सहायता करेगा। यह मतली और सूजन के लिए एक प्राकृतिक उपाय के रूप में भी काम करता है।

(और पढ़ें – पेट दर्द के घरेलू उपचार)

सबसे अच्छे विकल्प में पेपरमिंट या अदरक आवश्यक तेल जैसे आवश्यक तेल शामिल हैं। हमेशा की तरह, किसी कर्रिएर आयल के साथ पतला करने के लिए ना भूलें। ये विकल्प आपकी पेट की समस्याओं में राहत प्रदान करेंगे।

(और पढ़ें - पेट फूलने की समस्या से अगर छुटकारा चाहते हैं तो जरूर करें ये उपाय)

क्योंकि नाभि गंदी हो सकती है इसलिए यह बैक्टीरिया और कवक के लिए एकदम सही घर है। कोई भी संक्रमण आसानी से विकसित हो सकता है अगर आप इसे लंबे समय तक नम बनाए रखते हैं। ऐसा तब भी हो सकता है जब आपको कोई कट या चोट लगी हो और वो अभी तक ठीक नहीं हुई है।

सही तेलों के साथ, आप संक्रमण को ख़त्म कर सकते हैं। इसके टी ट्री आयल का विकल्प सबसे अच्छा है क्योंकि इसमें शक्तिशाली जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुण हैं। दूसरा विकल्प सरसों का तेल है जो बैक्टीरिया से लड़ने वाली क्षमता होती है।

उपयोग करने के लिए, एक चम्मच नारियल का तेल और किसी भी एंटी-बैक्टीरियल की तीन बूंदों को मिक्स करें। संक्रमण के ठीक होने तक दिन में एक या दो बार अपने नाभि पर इसे लगाएँ।

(और पढ़ें - मंजिष्ठादी क्वाथ है लिम्फेटिक सिस्टम के लिए)

हम अक्सर नाभि को साफ करना भूल जाते हैं! लेकिन यह वास्तव में शर्मनाक है, इसलिए आपको इसे नियमित रूप से साफ करना चाहिए। एक रूई का टुकड़ा लें और जोजाबा, कुसुम और अंगूर बीज जैसे हल्का तेलों का प्रयोग करके नाभि पर लगाएँ। ये तेल मृत त्वचा और गंदगी को ढीला कर देंगे जिससे गंदगी को हटाने में आसानी होगी। रूई से अधिक ज़ोर लगाकर ना रगड़े इससे दर्द या चोट लगने का जोखिम रहेगा। इसके बजाय, अपनी नाभि को धीरे धीरे साफ करें। 

(और पढ़ें - आइस फेशियल के लाभ निकालें मृत कोशिकाओं को बाहर)

क्या आप दर्दनाक पीरियड्स की वजह से बीमार हैं? प्राकृतिक राहत के लिए अपनी नाभि पर पतला किया हुआ आवश्यक तेल लगाएँ। सबसे अच्छा विकल्प पेपरमिंट, क्लारी सेज और अदरक जैसे आवश्यक तेल हैं। इन ट्रेलों के मिश्रण को नाभि पर डालकर मालिश करें और ऐंठन से छुटकारा पाएँ। 

(और पढ़ें - पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है)

यह कोई आश्चर्य नहीं है कि नाभि प्रजनन से जुड़ी हुई है। आखिरकार, आपकी नाभि एक बार आपकी मां से जुड़ चुकी है! इस स्थान पर तेल लगाना आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, चाहे आप पुरुष हो या महिला हों।

नारियल या जैतून के तेल की कुछ बूंदें नाभि पर डालकर मालिश करें। वे विश्राम को बढ़ावा देने, शुक्राणुओं की सुरक्षा और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद करते हैं। इससे आपका हार्मोन भी नियमित रहेगा और इस प्रकार गर्भधारण की संभावना बढ़ाएं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Prajnas Fertility Booster बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख पुरुष और महिला बांझपन की समस्या में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
Fertility Booster
₹892  ₹999  10% छूट
खरीदें

आयुर्वेद में, नवल चक्र ऊर्जा और कल्पना का एक प्रमुख स्रोत है। यह आपके सबसे बड़े सपनों, कल्पनाओं और लक्ष्यों का घर है। यदि आप अपनी रचनात्मकता से जुड़ना चाहते हैं तो आपको अपने नवल चक्र को संतुलित रखना भी आवश्यक है।

आयुर्वेद के अनुसार, आप नवल को संतुलित करने के लिए सफेद सरसों के तेल से आराम दे सकते हैं। अपने नाभि पर कुछ बूंदें डालें और मालिश करें। सैंडलवुड, रोजवुड जैसे आवश्यक तेलों को और भी अधिक लाभ पाने के लिए उपयोग कर सकते हैं। अपनी रचनात्मक ऊर्जा की चमक में मदद करने के लिए सप्ताह में एक बार करें।

याद रखें, आवश्यक तेलों को पतला करना आवश्यक है। क्योंकि ये आपकी त्वचा को परेशान कर सकते हैं। किसी भी नए तेल का उपयोग करने से पहले, त्वचा के पैच पर परीक्षण करें कि कहीं आपको इन तेलों से एलर्जी तो नहीं है।

संदर्भ

  1. Rupert F. Warren. Acid-Fast Infection of Umbilicus . Can Med Assoc J. 1951 Nov; 65(5): 475–476. PMID: 14879335
  2. Alexandrovich I et al. The effect of fennel (Foeniculum Vulgare) seed oil emulsion in infantile colic: a randomized, placebo-controlled study. Altern Ther Health Med. 2003 Jul-Aug;9(4):58-61. PMID: 12868253
  3. Shamkant B. Badgujar, Vainav V. Patel, Atmaram H. Bandivdekar. Foeniculum vulgare Mill: A Review of Its Botany, Phytochemistry, Pharmacology, Contemporary Application, and Toxicology . Biomed Res Int. 2014; 2014: 842674. PMID: 25162032
  4. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Definition & Facts for Constipation.
  5. Ying Zhao, Yan-Bo Yu. Intestinal microbiota and chronic constipation . Springerplus. 2016; 5(1): 1130. PMID: 27478747
  6. Kim JS1, Jo YJ, Hwang SK. [The effects of abdominal meridian massage on menstrual cramps and dysmenorrhea in full-time employed women]. [Article in Korean] Taehan Kanho Hakhoe Chi. 2005 Dec;35(7):1325-32. PMID: 16418559
  7. Wang TJ et al. The effect of abdominal massage in reducing malignant ascites symptoms. Res Nurs Health. 2015 Feb;38(1):51-9. PMID: 25558030
ऐप पर पढ़ें