आज बाबा हमें बवासीर (piles), फिशर (fissure) और भगंदर (fistula) का इलाज बता रहे हैं। यह समस्याएँ बहुत कष्टदायक हैं और कई बार ऑपरेशन के बाद दुबारा भी यह समस्याएँ हो जाती हैं।
बाबा के प्राणायाम
बवासीर, फिशर और फिस्टुला के लिए सबसे अच्छा है 15-30 मिनट के लिए कपालभाती और बाह्य प्राणायाम करना। अग्निसार क्रिया और अश्वनी मुद्रा भी पाइल्स में बहुत लाभदायक है।
(और पढ़ें - बवासीर के लिए योगासन) इनके बारे में और विस्तार से जानने के लिए नीचे दिया वीडियो अवश्य देखें।
बाबा का घरेलू उपचार - बवासीर के लिए
एक कप ठंडे ताज़ा दूध में नींबू निचोड़ कर पीना पाइल्स में बहुत फ़ायदेमंद है। गाय का दूध हो तो और अच्छा है। एक चने के बराबर देसी कपूर (भीमसेनी कपूर) को केले में डालकर खाएँ, इससे पाइल्स में आराम मिलता है।
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नागदोन के 3-3 पत्तों को सुबह शाम खाने से बवासीर में आराम मिलता है। 100 ग्राम बकायन की गिरी, 100 ग्राम निमोली (नीम का फल), हरड़ 100 ग्राम, शुद्ध रसौंत 100 गम - इन सभी का पाउडर कर 1-2 ग्राम छाछ के साथ सुबह शाम लें। इससे भी पाइल्स से राहत मिलती है। नारियल के छिलके के पाउडर का 1-2 ग्राम छाछ के साथ नियमित रूप से कुछ दिनों तक लेने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।
(और पढ़ें - छाछ के फायदे)
आँवला व एलोवेरा जूस नियमित रूप में लेने से बवासीर, फिशर और फिस्टूला ठीक हो जाते हैं। एक्यूप्रेशर से भी इन रोगों में बहुत लाभ मिलता है। दोनों हाथों में अंगूठे के नीचे कलाई के ऊपर आगे की तरफ 1-2 मिनट तक दबाने से बवासीर ठीक हो जाता है।
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तली हुई चीज़ें, गर्म चीज़ें खाने से बचें, हरी सब्ज़ियाँ ज़्यादा खाएँ। बैंगन, ज़्यादा मिर्च, आचार से बचें, सुबह सुबह पानी पिएं। इन घरेलू उपचारों के बारे में और विस्तार से जानने के लिए नीचे दिया वीडियो अवश्य देखें -