अरबी वैश्विक व्यंजनों और भोजन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक उष्णकटिबन्धीय पौधा है जिसे इसकी जड़ में लगी अरबी नामक सब्जी के लिए मुख्य रूप से उगाया जाता है। यह बहुत प्राचीन काल से उगाए जाने वाला पौथा है। इसका वैज्ञानिक नाम कोलोकैसिया एस्क्युलेन्टा (Colocasia Esculenta) है। यह माना जाता है कि वह दक्षिणपूर्व एशिया और दक्षिण भारत में सबसे पहले उगाया गया था, लेकिन इसे अब पूरी दुनिया में कई जगहों पर उगाया और उपयोग किया जाता है। यह अफ्रीकी, भारतीय और समुद्री व्यंजनों में एक प्रमुख भोजन है, लेकिन यह जापान, मिस्र और सूरीनाम से लेकर अमेरिका, फिजी और स्पेन में हर जगह पाया जा सकता है।
पत्तियों और जड़ें आहार सामग्री के रूप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम ऑक्ज़ेलेट के कारण यह कच्चे रूप में जहरीला हो सकता है। हालांकि, ये तत्व पकने पर नष्ट हो जाते हैं। या इनको रात भर ठंडे पानी में रखने पर भी ये तत्व नष्ट हो जाते हैं।
अरबी में मानव स्वास्थ्य के लिए जरूरी कार्बनिक यौगिक, खनिज और विटामिन्स का धन होता है और जिनसे कई अलग-अलग तरीकों से हमारे समग्र स्वास्थ्य को फायदा हो सकता है। अरबी में आहार फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की एक बहुत महत्वपूर्ण मात्रा होती है, साथ ही इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन बी 6 और फोलेट का उच्च स्तर पाया जाता है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज और तांबा मौजूद होता है।