जिंजीवेक्टमी सर्जरी मसूड़ों में चीरा लगाने के लिए की जाती है। ऐसा तब होता है जब उन्हें पेरियोडोनटाटिस, मसूड़ों को बड़ा करना और गमी स्माइल्स की स्थिति में ठीक किया जाना होता है। जिंजीवेक्टमी तब नहीं की जानी चाहिए जब मसूड़ों में सूजन हो या फिर मसूड़ों की पकड़ दांतों पर गहरी न हो।
जिंजीवेक्टमी से पहले डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री जानेंगे और ब्लड टेस्ट व रेडियोलॉजिकल टेस्ट किए जाएंगे। साथ ही आपको अनुमति फॉर्म भी भरने को कहा जाएगा। सर्जरी से पहले आपके दांतों और मसूड़ों को साफ भी किया जाएगा। डॉक्टर सर्जरी के स्थान को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थीसिया देंगे। सर्जरी स्कल्पेल, लेज़र या इलेक्ट्रोसर्जरी तकनीक द्वारा की जाती है।
एनेस्थीसिया का प्रभाव कम हो जाने पर आप अपनी क्रियाएं कर सकते हैं। आपको दर्द कम करने के लिए दर्द की दवाएं दी जाएंगी। नरम भोजन खाए और सर्जरी के बाद कुछ भी गर्म न पिएं। सर्जरी के एक हफ्ते बाद आपको डॉक्टर से मिलने जाना होगा, लेकिन अगर आपको जी मिचलाना, बुखार, दर्द आदि जैसी कोई भी तकलीफ होती है तो डॉक्टर को तुरंत बताएं।