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पित्ताशय की थैली पेट में दाईं ओर होती है, जिसका काम पित्त को एक जगह संग्रहित करना है। इससे लिवर एक ऐसी तत्त्व का निर्माण करता है जो वसा को पचाने में मददगार होता है। अक्सर लोगों के मन में इससे जुड़ा प्रश्न उठता है कि यदि कसी समस्या के चलते पित्ताशय की थैली (गॉलब्लेडर) को हटाना पड़े तो क्या भविष्य में किसी तरह की परेशानी हो सकती है या फिर इसके किस तरह से प्रभाव पड़ सकते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को अपने पित्ताशय की थैली को हटाने की जरूरत लगे तो यह कोई असामान्य बात नहीं है, क्योंकि पित्ताशय की थैली के बिना भी लंबा व पूर्ण जीवन जिया जा सकता है। इस थैली को हटाने के लिए एक सर्जरी कराई जाती है जिसे कोलेसीस्टेक्टोमी कहा जाता है। पित्ताशय की थैली को निम्नलिखित कारणों से हटाया जा सकता है :

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पित्ताशय की थैली के बिना सामान्य जीवन जिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अपनी जीवन शैली और खाने की आदतों में कुछ तालमेल बैठाने की आवश्यकता होगी।  यदि ऐसा करते हैं तो आप आगे होने वाली किसी गंभीर परेशानी से बच सकते हैं। इस थैली को हटाने के बाद आप पहले की तरह अपने नियमित कार्यों को कर सकेंगे, लेकिन यह भी मुमकिन है कि आपको इसके साइड इफेक्ट्स झेलने पड़ें जैसे -

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  1. वसा पाचन में कठिनाई
  2. दस्त व पेट फूलना
  3. आंत में परेशानी
  4. पीलिया या बुखार
  5. सारांश
पित्त की थैली हटाने के साइड इफेक्ट के डॉक्टर

जब पित्ताशय की थैली को हटा दिया जाता है तो इसके बाद शरीर वसा को पचाने के लिए नए तरीके को अपनाता है और ऐसा करने में शरीर को समय लग सकता है। इसके अलावा गॉलब्लेडर हटने के बाद आपको जो दवाएं दी जाती हैं, उनके कारण भी अपच की समस्या हो सकती है। हालांकि, यह आमतौर पर लंबे समय तक नहीं रहता है, लेकिन कुछ लोगों में लम्बे समय तक इसके दुष्प्रभाव देखें जा सकते हैं।

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दस्त या पेट फूलने का एक कारण अपच हो सकता है। आहार में वसा की मात्रा ज्यादा होने या फिर फाइबर की मात्रा कम होने से भी अक्सर दस्त या पेट फूलने जैसी दिक्कत हो सकती है। पित्त रिसाव का मतलब आंतों में वसा को पचाने के लिए पित्त की अपर्याप्त मात्रा हो सकती है, जो मल को पतला करती है।

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पित्ताशय की थैली हटाने के दौरान, सर्जन द्वारा आंतों को नुकसान भी पहुंच सकता है, जिससे ऐंठन हो सकती है। गॉलब्लेडर या किसी भी सर्जरी के बाद यदि शारीरिक समस्या बन जाए तो यह कोई हैरान करने वाली बात नहीं है, लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

पित्ताशय की थैली हटाने की सर्जरी के बाद यदि मल मार्ग में कोई पथरी रह जाती है तो यह गंभीर दर्द, पीलिया या फिर बुखार का कारण बन सकती है।

फिलहाल इस सर्जरी के बाद आपको ठीक होने में कितना समय लगेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि सर्जरी किस प्रकार की हुई है। यदि खुली सर्जरी के जरिए पित्ताशय निकाला जाता है, तो आपको कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहने की आवश्यकता होती है। आपके शरीर को पूरी तरह से ठीक होने में छह से आठ सप्ताह का समय लग सकता है। लैप्रोस्कोपी में कम समय लगता है और इसमें दर्द भी कम होता है। इसमें ज्यादातर मरीज सर्जरी के बाद उसी दिन अस्पताल से घर जाने की अनुमति पा सकते हैं।

वैसे तो पित्ताशय की थैली निकालना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन यह संभव है कि कुछ मरीजों को इसके दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। 

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पित्त की थैली हटाने (गॉलब्लैडर सर्जरी) के बाद कुछ लोगों को हल्के से लेकर गंभीर साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है। सामान्य रूप से, पाचन में बदलाव देखा जा सकता है क्योंकि पित्त सीधे आंतों में प्रवाहित होता है। इससे डायरिया, सूजन, और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ मामलों में, वसायुक्त भोजन को पचाने में कठिनाई हो सकती है। सर्जरी के बाद पेट में दर्द या संक्रमण का खतरा भी रहता है। हालांकि, यह सर्जरी आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है और लंबे समय में स्वास्थ्य पर अधिकतर प्रभाव सकारात्मक होते हैं। किसी भी असुविधा के लिए डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

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