पित्ताशय की थैली पेट में दाईं ओर होती है, जिसका काम पित्त को एक जगह संग्रहित करना है। इससे लिवर एक ऐसी तत्त्व का निर्माण करता है जो वसा को पचाने में मददगार होता है। अक्सर लोगों के मन में इससे जुड़ा प्रश्न उठता है कि यदि कसी समस्या के चलते पित्ताशय की थैली (गॉलब्लेडर) को हटाना पड़े तो क्या भविष्य में किसी तरह की परेशानी हो सकती है या फिर इसके किस तरह से प्रभाव पड़ सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को अपने पित्ताशय की थैली को हटाने की जरूरत लगे तो यह कोई असामान्य बात नहीं है, क्योंकि पित्ताशय की थैली के बिना भी लंबा व पूर्ण जीवन जिया जा सकता है। इस थैली को हटाने के लिए एक सर्जरी कराई जाती है जिसे कोलेसीस्टेक्टोमी कहा जाता है। पित्ताशय की थैली को निम्नलिखित कारणों से हटाया जा सकता है :
- संक्रमण
- सूजन, जिसे कोलेसीस्टाइटिस कहा जाता है
- पित्ताशय की पथरी
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पित्ताशय की थैली के बिना सामान्य जीवन जिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको अपनी जीवन शैली और खाने की आदतों में कुछ तालमेल बैठाने की आवश्यकता होगी। यदि ऐसा करते हैं तो आप आगे होने वाली किसी गंभीर परेशानी से बच सकते हैं। इस थैली को हटाने के बाद आप पहले की तरह अपने नियमित कार्यों को कर सकेंगे, लेकिन यह भी मुमकिन है कि आपको इसके साइड इफेक्ट्स झेलने पड़ें जैसे -
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