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प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें पूरी पीयूष ग्रंथि और उसके आसपास के ऊतकों को हटा दिया जाता है। यह सर्जरी प्रोस्टेट कैंसर की स्थिति में की जाती है। यह ओपन सर्जरी की तरह की जा सकती है या फिर इसे एक अन्य प्रक्रिया लेप्रोस्कोपी के द्वारा भी किया  जा सकता है। सर्जरी से पहले व्यक्ति के शरीर की जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यक्ति का शरीर सर्जरी करवाने के लिए स्वस्थ है। सर्जरी को पूरा होने में दो से चार घंटों का समय लगता है। जिस दौरान सर्जरी हो रही हो उस समय मरीज के शरीर में कैथीटर लगाया जाता है। कैथीटर एक ट्यूब और थैली होती है, जिसे शरीर से यूरिन निकालने के लिए ब्लैडर में लगाया जाता है।

सर्जरी के बाद व्यक्ति को इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि उसे मूत्र पथ में संक्रमण न हो जो कि कैथीटर के कारण हो सकता है। सर्जरी के बाद रिकवर होने में एक साल तक का समय लग सकता है। कोशिश करें कि सर्जरी के बाद दो महीनों तक आप कोई भी भारी वस्तु को न उठाएं। सर्जरी के बाद छह से आठ हफ्तों तक नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाते रहें।

प्रोस्टेट कैंसर वह कैंसर है जो कि प्रोस्टेट ग्रंथि में बनता है। प्रोस्टेट ग्रंथि एक छोटी ग्रंथि है जो कि पुरुषों में लिंग व ब्लैडर के बीच में होती है। प्रोस्टेट पुरुषों के प्रजनन तंत्र का एक भाग है। यह सेमीनल वेसिकल के द्वारा प्रोस्टेट द्रव को स्त्रावित करता है।

सेमीनल वेसिकल प्रोस्टेट के दोनों तरफ मौजूद छोटी ग्रंथियों की एक जोड़ी होती हैं। प्रोस्टेट कैंसर सेमीनल पुटिकाओं तक भी फैल सकता है।

प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी में प्रोस्टेट ग्रंथि, सेमिनल वेसिकल और यूरेथ्रा के एक हिस्से को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया को रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी कहा जाता है। इन ग्रंथियों के आसपास के ऊतकों में कैंसर कोशिका होने का संदेह होता है, तो उनको भी निकाला जा सकता है। निम्न प्रकार की रेडिकल प्रोस्टेटेक्टोमी मौजूद हैं -

  • ओपन सर्जरी - इसमें प्रोस्टेट ग्रंथि व कैंसर के ऊतकों को निकालने के लिए एक बड़ा चीरा लगाया जाता है।
  • मिनिमली इनवेसिव सर्जरी - प्रोस्टेट कोशिकाएं व उसके आसपास की कोशिकाओं को छोटे-छोटे चीरों की मदद से निकाला जाता है। यह सर्जरी सर्जन द्वारा या फिर रोबोट द्वारा की जा सकती है।
  1. प्रोस्टेट कैंसर ऑपरेशन क्यों किया जाता है - Prostate Cancer Surgery kyon ki jati hai?
  2. प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी कौन नहीं करवा सकता है - Prostate Cancer Surgery kab ki jati hai?
  3. प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी होने से पहले की तैयारी - Prostate Cancer Surgery ki taiyari
  4. प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी कैसे की जाती है - Prostate Cancer Surgery kaise hoti hai?
  5. प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी के बाद देखभाल - Prostate Cancer Surgery hone ke baad dekhbhal
  6. प्रोस्टेट कैंसर ऑपरेशन से जुड़े खतरे व जटिलता - Prostate Cancer Surgery ke khatre
  7. प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं - Prostate Cancer ke operation ke baad doctor ke paas kab jaein

इस सर्जरी की सलाह प्रोस्टेट कैंसर के ट्रीटमेंट के तौर पर दी जाती है। शुरुआत में, प्रोस्टेट कैंसर का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। समय के साथ निम्न लक्षण दिखाई देने लग सकते हैं -

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प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी को उन लोगों के लिए ट्रीटमेंट का एक सफल तरीका माना जाता है, जिन्हें प्रोस्टेट कैंसर हो जो कि या तो केवल प्रोस्टेट ग्रंथि में फैला हो या फिर उसके आसपास के ऊतकों व कोशिकाओं में। जो लोग यह सर्जरी करवाने वाले हैं, उनका स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा होना चाहिए। कुछ मामलों में, इस सर्जरी से उन कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है, जिन्हें पहले रेडियो थेरेपी द्वारा ट्रीट किया जा चुका है।

इस सर्जरी की सलाह उन लोगों को नहीं दी जाती है, जिन्हें अन्य कोई रोग होता है जैसे हृदय रोग क्योंकि इससे सर्जरी के खतरे बढ़ जाते हैं। इस सर्जरी की सलाह उन पुरुषों को नहीं दी जाती, जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक हो या जिनकी किसी बीमारी के कारण जीवन अवधि दस वर्ष से भी कम बची हो।

सर्जरी से लगभग एक हफ्ते पहले आपको कुछ टेस्ट करवाने होंगे जिससे यह पता लगाया जाएगा कि आपका शरीर सर्जरी के लिए स्वस्थ है इसे प्री ऑपरेटिव सर्जरी कहा जाता है। इन टेस्टों में निम्न शामिल हैं -

  • ब्लड टेस्ट, ताकि आपके रक्त के प्रकार का पता लगाया जा सके, क्योंकि सर्जरी के दौरान आपको रक्ताधान की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • अन्य ब्लड टेस्ट व यूरिन टेस्ट ताकि यह पता लगाया जा कि आपको कोई भी संक्रमण नहीं है और आपके किडनी व लिवर ठीक तरह से कार्य कर रहे हैं।
  • रेडियोलॉजिकल टेस्ट, जैसे मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, बोन स्कैन आदि ताकि आपके फिटनेस के स्तर की जांच हो सके।

आपका थोड़ा सा रक्त निकाल लिया जाएगा, ताकि सर्जरी के दौरान जरूरत पड़ने पर प्रयोग किया जा सके।

सर्जरी से पहले आपकी और सर्जन की एक मीटिंग रखी जाएगी, जिसमें आपको प्री ऑपरेटिव टेस्ट के परिणामों के बारे में बताया जाएगा, प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी की जरूरत और इससे जुड़े फायदे व नुकसानों को बताया जाएगा। यदि इस दौरान आपके कोई भी प्रश्न हो तो आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं।

यदि आपको किसी भी तरह की एलर्जी है तो उसे डॉक्टर को बता दें। आप हाल ही में जो भी दवाएं नियमित रूप से ले रहे हैं उनके बारे में भी डॉक्टर को बता दें। सर्जरी से पहले क्या खाना है और क्या नहीं खाना है इसके बारे में जानकारी ले लें। आपको सर्जरी से पहले कुछ दवाएं न लेने को कहा जा सकता है जैसे वार्फरिन।

डॉक्टर सर्जरी से पहले आपसे एक अनुमति फॉर्म भरवाएंगे, जिसमें आप यह पुष्टि करेंगे कि आप यह सर्जरी अपनी मर्जी से करा रहे हैं।

सर्जरी से कम से कम दो हफ्ते पहले से आपको धूम्रपान छोड़ना होगा, इससे आपको सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी।

सर्जरी के कुछ हफ्ते पहले से पेल्विक फ्लोर मसल एक्सरसाइज करने से जल्दी रिकवर होने में मदद मिलेगी।

सर्जरी के बाद अधिक वजन न उठाने की सलाह दी जाती है और साथ ही आराम करने को भी कहा जाता है। इसलिए सर्जरी से पहले आप अपने घर को निम्न तरह से अपने लिए तैयार कर सकते हैं -

  • अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार को अपने साथ कुछ दिन तक साथ रहने के लिए कहें ताकि आपको सामान्य कार्यों में मदद मिल सके।
  • खाना बनाकर फ्रीज़ में रख दें, ताकि आपको सर्जरी के बाद अधिक पकाने की जरूरत न पड़े।
  • घर के सामान्य कार्य जैसे साफ-सफाई करने के लिए किसी की मदद ले लें।
  • यदि आपके घर में कोई पालतू जानवर हैं, तो उनके लिए खाना पहले ही निकाल कर रख दें, ताकि आपको पैट फ़ूड के भारी बैग न उठाने पड़ें।
  • अपने लिए ढीले-ढाले कपड़े निकाल कर रखें, ताकि सर्जरी के बाद आप उन्हें पहन सकें।
  • जरूरी फोन नंबर की एक सूची बना कर रख लें।

आपको सर्जरी के दिन अपने साथ परिवार के किसी सदस्य या किसी को लाना होगा।

आपको सर्जरी से एक दिन पहले या फिर सर्जरी के ही दिन अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। सर्जरी से पहले आपको छह घंटे तक भूखे रहने को कहा जाएगा। इस दौरान आप पानी व अन्य द्रव सर्जरी से दो घंटे पहले तक पी सकते हैं। आपको पेट साफ करने के लिए एनीमा (एक द्रवीय दवाई) या सुपोसिटरी दी जा सकती है। ये आपके रेक्टम में रखे जाते हैं। सर्जरी से तुरंत पहले नर्स आपको घुटने तक के इलास्टिक युक्त मोज़े पहना देंगी ताकि पैरों में रक्त के थक्के जमने का खतरा कम हो जाए। ये मोज़े आपको घुटनों तब तक पहनने हैं, जब तक आप सर्जरी के बाद ठीक नहीं हो जाते हैं।

ऑपरेशन से पहले आपको सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाएगा, जिससे आप सर्जरी के दौरान होश में नहीं होंगे और आपको दर्द का पता नहीं चलेगा। यह पूरी प्रक्रिया करने में दो से चार घंटे या फिर इससे अधिक समय भी लग सकता है।

कुछ मामलों में प्रोस्टेट के साथ-साथ आसपास के ऊतकों को भी निकाला जाता है, जिसमें लसिका पर्व भी शामिल हैं। लसिका पर्वों में जितना अधिक कैंसर फैला होगा, उतनी ही कोशिकाओं व ऊतकों को हटाया जाएगा।

आपके ट्रीटमेंट में निम्न प्रकार की सर्जरी हो सकती है -

  • ओपन सर्जरी -
    इसे रेट्रोप्यूबिक सर्जरी भी कहा जाता है। सर्जन आपकी नाभि के पास से प्यूबिक हड्डी तक एक चीरा लगाएंगे। सर्जन इसके द्वारा यह जांच करेंगे कि कैंसर लसिका पर्वों तक फैला है या नहीं। सर्जरी का यह तरीका नर्व स्पेरिंग सर्जरी के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। नर्व स्पेरिंग सर्जरी में सर्जन उन नसों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए प्रोस्टेट ऊतक को निकालते हैं, जो लिंग के इरेक्शन में मदद करती हैं। हालांकि, यदि नसें कैंसर कोशिकाओं के अधिक पास होती हैं, तो डॉक्टर को उन्हें निकालना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि इन्हें नहीं निकाला जाएगा तो कैंसर का पूरी तरह से इलाज नहीं हो पाएगा। सर्जरी के बाद आपके पेट पर एक निशान बन जाएगा।
     
  • मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (लेप्रोस्कोपी) -
    सर्जन इसमें ज्यादा बड़े चीरे नहीं लगाते हैं, इसकी बजाय आपके पेट पर तीन से चार कट लगाए जाएंगे। चीरे के अंदर से एक लेप्रोस्कोप को शरीर में डाला जाएगा। लेप्रोस्कोप एक पतली, लंबी ट्यूब है, जिसके अंतिम सिरे पर एक कैमरा व लाइट लगी होती है। इन चीरों में से ही अन्य उपकरण भी शरीर में डाले जाएंगे। इस तकनीक में भी नर्व स्पेरिंग सर्जरी की जा सकती है। यह सर्जरी रोबोट द्वारा भी की जा सकती है। रोबोटिक सर्जरी में सर्जन मरीज से थोड़ा दूर बैठते हैं और मरीज के पास रखे हुए रोबोट को नियंत्रित करते हैं। इस मशीन की चार बाहें होती हैं एक में कैमरा होता है और अन्य में सर्जिकल उपकरण होते हैं। डॉक्टर शरीर के आंतरिक अंगों को कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखते रहते हैं और रोबोट को नियंत्रित कर के सर्जरी करते हैं।

सर्जरी के बाद

इसके बाद आपको रिकवरी रूम में होश आएगा। आपके शरीर में निम्न चीज़ें लगी होंगी -

  • कैथिटर, एक पतली और लचीली ट्यूब जो कि यूरिन निकालने के लिए लगाई जाती है
  • ऑक्सीजन मास्क क्योंकि आप इस समय एनेस्थीसिया के कारण धीरे सांस ले रहे होंगे
  • इंटरवेनस लाइन ताकि आपको आवश्यक फ्लूइड और पेन किलर दी जा सके

प्रोस्टेट के पास के द्रव को निकालने के लिए एक या दो दिनों के लिए एक ट्यूब लगाई जा सकती है।

कैथिटर को सर्जरी के दौरान ही लगा दिया जाएगा। शुरुआत में आपको पेशाब जाने की इच्छा होगी और बेचैनी महसूस होगी लेकिन कुछ घंटों में यह ठीक हो जाएगा। कैथीटर इसलिए लगाया जाता है ताकि आपके बिना कुछ करे ही आपका सारा यूरिन शरीर से निकल जाए। आपको कैथिटर लगा कर ही घर जाने को कहा जाएगा। नर्स या डॉक्टर आपको इससे जुड़े निर्देश दे देंगे। एक या तीन हफ्ते बाद आपको अस्पताल में बुलाकर इसे हटा दिया जाएगा।

यदि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है तो आपको कुछ दिनों तक कंधे में दर्द हो सकता है। सर्जरी के दौरान कार्बन डाई ऑक्साइड के प्रयोग से नसों में तकलीफ हो सकती है, जिसके कारण कंधों में दर्द हो सकता है। आपको पेट फूलना और पेट में ऐंठन की समस्या भी हो सकती है, जो कि समय के साथ ठीक हो जाती है।

सर्जरी से लिंग और टेस्टिकल के पास नील पड़ना और सूजन की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके कारण आपको सख्त स्थानों पर बैठने में तकलीफ होगी। यह कुछ ही हफ़्तों में ठीक हो जाएगा। यदि लसिका ग्रंथियों को भी हटाया गया है, तो कुछ दुर्लभ मामलों में इससे अंडकोष की थैली प्रभावित हो सकती है और एक या दोनों टांग में सूजन हो सकती है। आपको विशेष प्रकार के कम्प्रेशन सॉक्स की जरूरत हो सकती है, जिनकी मदद से पैरों से द्रव निकालने में आसानी होगी।

आपको जल्दी ही चलने को कहा जाएगा, जिससे क्लॉटिंग का खतरा कम हो जाएगा और रक्त प्रवाह बनाए रखने में मदद मिलेगी।

आप सर्जरी से किस तरह से ठीक हो रहे हैं, इस पर निर्भर करते हुए आपको एक या दो हफ्ते में अस्पताल से डिसचार्ज कर दिया जाएगा।

अस्पताल से निकलने से पहले आपको जरूरी नंबरों की एक सूची दी जाएगी, जिनका प्रयोग आप आपातकाल स्थिति में कर सकते हैं।

आपको सर्जरी के बाद कुछ हफ्तों तक आराम करने को कहा जाएगा। संतुलित और स्वस्थ आहार खाएं, जिसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर और धीरे-धीरे व्यायाम करना शुरू करें जैसे चलना आदि। भारी सामान उठाना, सीढ़ियां चढ़ना या श्रम करना आदि गतिविधियों को दो महीने तक बंद कर दें।

आपके शरीर में अगले तीन हफ्ते तक कैथिटर लगा रहेगा, जिसके बैग में सारा यूरिन इकट्ठा होगा। ध्यान रहे कि कैथीटर की ट्यूब ठीक तरह से जुड़ी हुई है, वरना यूरिन बैग में इकट्ठा नहीं होगा। कैथिटर को संभालते समय निम्न बातों का ध्यान रखें -

  • दिन में बहुत सारा पानी पिएं (दो लीटर)
  • कैथिटर को और लिंग के सिरे को गर्म पानी और अच्छे साबुन से दिन में दो बार धोएं। ध्यान रहे कि कैथिटर को शरीर से नीचे कर के धोएं और इसे अच्छे से सूखने दें
  • कैथिटर को छूने के बाद अपने हाथों को साफ गरम पानी और साबुन से धोएं

जिस दौरान कैथिटर शरीर से लगा हुआ है और जब इसे हटाया जाएगा तो आपको ब्लीडिंग हो सकती है। इससे घबराने की कोई बात नहीं है और आमतौर पर यह खुद बंद हो जाती है। हॉस्पिटल से निकलने से पहले डॉक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि आप ठीक तरह से पेशाब कर पा रहे हैं या नहीं।

यदि ओपन सर्जरी की गई है तो घाव को टांकों की मदद से बंद कर दिया जाएगा। इन टांकों को अस्पताल में एक या दो हफ्ते बाद खोल दिया जाएगा। यदि आपकी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई है तो चीरों को आमतौर पर टांकों, स्टेपल व टेप से बंद किया जाता है। कुछ दिनों में जब घाव ठीक हो जाएंगे तो टांकें अपने आप निकल जाएंगे। हालांकि, मांसपेशियां और अंदर के ऊतकों को ठीक होने में एक साल तक लग सकता है।

आपके पेट को ठीक होने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। सलाह दी जाती है कि आप फाइबर युक्त आहार खाएं, जिनसे आपको कब्ज नहीं होगी। हालांकि, यदि आप मल नहीं त्याग पा रहे हैं या उस दौरान बेचैनी हो रही है तो खुद को ज्यादा तकलीफ न दें। इसके बजाय लेक्सेटिव (वे दवाएं जिनसे मल त्यागने में मदद मिलती है) ले लें।

प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी के कुछ फायदे भी हैं जैसे -

  • यदि कैंसर केवल प्रोस्टेट में ही मौजूद है, तो सर्जरी द्वारा उसे पूरी तरह निकाल दिया जाएगा।
  • डॉक्टर प्रोस्टेट को माइक्रोस्कोप के अंदर देखकर यह पता लगा सकते हैं कि कैंसर कहीं अन्य भागों में तो नहीं फैला है। यदि फैला है तो कितना अधिक फैला है और इसका क्या इलाज है।
  • यह मरीजों को मानसिक संतुष्टि देता है कि उन्हें अब कैंसर नहीं है। हालांकि, कैंसर के फैलाव की जांच के लिए अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं।

डॉक्टर के पास कब जाएं

 निम्न स्थितियों में तुरंत डॉक्टर को सूचित करें -

  • यदि आपके पेशाब में तेज बदबू आ रही है, रक्त के थक्के आ रहे हैं, झाग जैसा या धुंधला दिखाई दे रहा है या फिर लाल रंग दिखाई दे रहा है
  • यदि आपको उल्टी आ रही है या फिर जी मिचला रहा है
  • यदि आपको बुखार है
  • यदि कैथिटर से यूरिन नहीं निकल रहा है
  • यदि कैथिटर निकल जाता है या फिर पेशाब रिसने लगता है
  • यदि घाव की जगह या लिंग में दर्द हो रहा है, लालिमा या सूजन है
  • यदि आपको पैर के निचले हिस्से में किसी भी तरह का दर्द या सूजन है
  • यदि आपको पेट में दर्द है और ठीक नहीं हो रहा है

प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी से निम्न खतरे जुड़े हुए हैं -

  • सर्जरी के बाद या सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव होना, जिसमें रक्ताधान की जरूरत पड़ सकती है
  • पैर के निचले भाग में ब्लड क्लॉट जो कि फेफड़ों तक भी जा सकते हैं
  • आसपास के ऊतकों में चोट, जिसमें श्रोणि की मांसपेशियां, रक्त वाहिकाएं और नसें शामिल हैं
  • जिस जगह चीरा लगाया जाएगा वहां निशान
  • संक्रमण
  • एनेस्थीसिया के प्रति प्रतिक्रिया
  • यदि लसिका पर्वों को निकाला गया है तो लसिका द्रव जमा हो सकता है, जिसे निकालने की जरूरत पड़ सकती है

प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी से निम्न अतिरिक्त प्रभाव पड़ सकते हैं -

  • पेशाब पर नियंत्रण न होना या पेशाब न रोक पाना
  • शीघ्र पतन
  • ओर्गेज्म में बदलाव (आपको उतना ही आनंद आएगा, लेकिन आप वीर्य नहीं निकाल पाएंगे)
  • प्रजनन क्षमता में कमी
  • लिम्फोडेमा (जननांगों व पैरों में लसिका द्रव का जमना)
  • लिंग के आकार का कम होना
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सर्जरी के बाद पहले और तीसरे हफ्ते तक आपको अस्पताल जाना होगा। आपको कैथिटर और टांके हटवाने के लिए डॉक्टर के पास जाना होगा।

इसके बाद छह से आठ हफ्ते में एक बार और फिर तीन से छह महीने में डॉक्टर के पास जाना होगा। धीरे-धीरे आपके डॉक्टर के पास जाने में कमी कर दी जाएगी और दो से पांच साल बाद आप अपने स्थानीय डॉक्टर के पास जा सकते हैं। आपको नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना होगा।

सर्जरी के बाद जब आप डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर आपके प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट के परिणामों की जांच करेंगे जो कि कम होने चाहिए।

संदर्भ

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