गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह से पहले एक भ्रूण की मृत्यु हो जाने को प्राकृतिक गर्भस्राव या गर्भपात (मिसकैरेज) कहते हैं। मिसकैरेज को चिकित्सकीय भाषा में स्वत: गर्भपात कहते हैं लेकिन यहां "स्वत:" प्रमुख शब्द है क्योंकि केवल गर्भपात शब्द मिसकैरेज को परिभाषित नहीं कर सकता। (और पढ़ें - गर्भपात के घरेलू उपाय)
मिसकैरेज होना आजकल बहुत आम बात हो गयी है। बहुत से बल्कि अधिकतर गर्भपात गर्भावस्था की शुरुआत में ही हो जाते हैं। कभी कभी तो महिला को भी यह पता नहीं चल पता है कि वह गर्भवती है। (और पढ़ें - गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण)
इसलिए यह अनुमान करना थोड़ा मुश्किल है कि गर्भपात कितनी बार होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सभी निषेचित अण्डों के आरोपण से पहले आधे अंडे नष्ट हो जाते हैं। ज्ञात गर्भधारण में लगभग 10% से 20% मिसकैरेज होते हैं। हालांकि, यह अनुमान लगाया गया है कि कम से कम 30-60% प्रेगनेंसी, गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में समाप्त हो जाती हैं। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी टेस्ट)
80% से अधिक मिसकैरेज, गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में हो जाते हैं। जो गर्भपात 20 हफ्तों की गर्भावस्था के बाद होते हैं उन्हें "लेट मिसकैरेज" (Late miscarriage) कहा जाता है।