गर्भावस्था का उन्नीसवां हफ्ता माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण सप्ताह होता है क्योंकि इस समय दोनों के अंदर कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं। गर्भावस्था के इस समय अर्थात दूसरी तिमाही तक आते आते, गर्भवती महिला अपनी प्रेगनेंसी और शरीर में होने वाले परिवर्तनों के साथ ताल मेल बैठा लेती है और उन्हें समझने लगती है।

(और पढ़ें - अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षण, कारण और उपचार)

 

  1. 19वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes in 19th week of pregnancy in Hindi
  2. उन्नीसवें हफ्ते की गर्भावस्था में शिशु का विकास - Baby development in 19th week of pregnancy in Hindi
  3. उन्नीसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound in 19th week of pregnancy in Hindi
  4. 19वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 19th week of pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के उन्नीसवें हफ्ते की डाइट - Diet for 19th week pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के उन्नीसवें सप्ताह में आपको अपने शरीर के बाहरी हिस्सों में अधिक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। चयापचय दर और रक्त की मात्रा में वृद्धि होने के कारण आपकी त्वचा सूखी और परतदार हो सकती है।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए)

निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन होने की संभावना और गर्मी के प्रति आपकी संवेदनशीलता बढ़ जाएगी। इसलिए शरीर को पर्याप्त तरल पदार्थों की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में पानी सबसे अच्छा स्रोत है साथ ही जितना संभव हो कैफीन से उतना दूर रहें।

कैफीन, ब्लड प्रेशर और हृदय गति बढ़ाता है और बच्चे पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। सोडा, फलों के रस और मीठी ड्रिंक्स, तरल पदार्थों की पूर्ति करने के बजाय डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। कृत्रिम मीठी चीज़ों का सेवन भी न करें।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर)

कोकोआ मक्खन (Cocoa butter), खिंचाव के निशान (Stretch marks) से बचाव के लिए बहुत अच्छा होता है और एक अच्छी प्रेगनेंसी डाइट भी त्वचा की समस्याओं को कम करने में मदद करती है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के बाद खिचाव के निशान को दूर करने का आयुर्वेदिक समाधान)

Women Health Supplements
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

19वें हफ्ते से पहले तक आपके बच्चे को सिर से कूल्हों तक मापा जाता था, लेकिन इस हफ्ते से उसे सिर से पैर की उंगलियों तक मापा जायेगा।

अब बच्चे की लम्बाई साढ़े सात इंच और वजन लगभग 200 ग्राम हो जाता है। बच्चा पिछले हफ्ते की अपेक्षा अधिक बड़ा लगता है। उसके हाथ और पैर शरीर के अनुपात में बढ़ने लगते हैं। सिर और त्वचा पर बाल आने लगते हैं। एक चिकनी परत जिसे वर्निक्स (Vernix) कहा जाता है वो भी निर्मित होती है और त्वचा को सुरक्षा प्रदान करती है।

(और पढ़ें - गर्भ में बच्चे का विकास, वीडियो के साथ)

बच्चे की सुनने की क्षमता भी लगभग पूरी तरह से विकसित हो जाती है। यदि आपके गर्भ में पल रहा शिशु लड़की है, तो इस समय उसके अंडाशय में 6 मिलियन से भी अधिक अंडे होते हैं।

जैसे जैसे उसकी हड्डियां कठोर और मांसपेशियां मजबूत होंगी, बच्चा भी अधिक सक्रिय होता जायेगा। उसकी गतिविधियों को आप अधिक बार महसूस करेंगी लेकिन इस दौरान बच्चा प्रति दिन लगभग 20 घंटे तक सोता है। और जब मां को सोना या आराम करना होता है तब बच्चा अधिक सक्रिय हो जाता है। आप यह भी नोटिस करेंगी कि अधिक तेज़ आवाज़ या शोर से आपका बच्चा डरता भी है।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली परेशानी और प्रेगनेंसी टेस्ट कब करे)

आपके बच्चे के पैर और बाहें विकसित हो रही होती हैं और मासपेशियां आपस में जुड़ने का कार्य करती हैं। इस सप्ताह या इसके अगले सप्ताह से आप बच्चे की हरकतों को महसूस करने लगेंगी। आपको अल्ट्रासाउंड में बच्चे की हड्डियां बिलकुल स्पष्ट दिखाई देंगी।

(और पढ़ें - गर्भ में लड़का या लड़की होने के लक्षण से जुड़े मिथक)

अल्ट्रासाउंड में बच्चे का कंकाल और हड्डियां दिखने के कई कारण होते हैं। सबसे पहली चीज़ तो उसकी त्वचा अभी भी पारदर्शी (आर पार दिखाई देना) होती है। जैसे जैसे उसका विकास होगा, उसकी त्वचा की परतें बढ़ने के साथ मोटी होती जाएंगी। मांसपेशियों और वसा जैसे अन्य ऊतकों का निर्माण अभी चल रहा होता है। इन सबके अभी पूर्ण रूप से विकसित न हो पाने के कारण ही उसकी हड्डियां इतनी स्पष्ट दिखाई देती हैं।

(और पढ़ें - आयुर्वेद के अनुसार बच्चे के जन्म से पूर्व होने वाली माताओं को करना चाहिए इन बातों का पालन)

गर्भावस्था के इस हफ्ते आपके बच्चे के कान और सुनने की क्षमता अधिक विकसित हो जाती है। इसलिए अपने आसपास के वातावरण को शांत रखने की कोशिश करें क्योंकि शोर से बच्चे को परेशानी हो सकती है। यह आपके पति और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए बच्चे से बात करने का उपयुक्त समय होता है ऐसा करने से बच्चा उनकी आवाज़ों को पहचानने लगता है।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में क्या करें और क्या ना करें)

जितना हो सके अपनी त्वचा को लोशन आदि के प्रयोग द्वारा चिकना रखने की कोशिश करें। ऐसा करने से त्वचा सम्बन्धी समस्याओं के होने की सम्भावना कम होती है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Prajnas Fertility Booster बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख पुरुष और महिला बांझपन की समस्या में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
Fertility Booster
₹892  ₹999  10% छूट
खरीदें

गर्भावस्था के 19वें हफ्ते में बच्चे की आंखों और मस्तिष्क के साथ हार्मोनल ग्रंथियों का विकास हो रहा होता है इसलिए आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी, आयोडीन आदि का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)

  1. ओमेगा 3 फैटी एसिड, टोफू, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक,सरसों का साग, मेथी, अंडे और दूध आदि में पाया जाता है।
  2. ऑयली मछली का सेवन सप्ताह में अधिक से अधिक दो बार ही करें। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  3. झींगा मछली, मांस और अण्डों में आयोडीन पाया जाता है।
  4. पेय पदार्थो की मात्रा संतुलित रखें। आपके शरीर को नमी की बहुत आवश्यकता होती है।

संदर्भ

  1. Start4Life. National Health Service [Internet]. Hertfordshire. UK; Week 19 – your second trimester
  2. National Health Service [Internet]. UK; You and your baby at 19 weeks pregnant
  3. American Pregnancy Association [Internet]. Irving, Texas, USA; Pregnancy Week 19
  4. Holroyd, CR. et al. Placental size at 19 weeks predicts offspring bone mass at birth: Findings from the Southampton Women’s Survey Placenta. 2012 Aug; 33(8): 623–629. PMID: 22640438
  5. Ebner, Florian. et al. Caesarean scar pregnancy at 19 weeks gestation. Australas J Ultrasound Med. 2011 Aug; 14(3): 31–33. PMID: 28191118
  6. Halle, Kristine Flo. et al. Use of pregnancy ultrasound before the 19th week scan: an analytical study based on the Icelandic Childbirth and Health Cohort. BMC Pregnancy Childbirth. 2018; 18: 512. PMID: 30594170
  7. Hauenstein, Evelyn. et al. Stillbirth in Week 19 of Pregnancy Followed by Maternal Death as a Consequence of Refused Chemotherapy for Non-Hodgkin's Lymphoma--Significance of Adjuvant Chemotherapy in Women of Reproductive Age. Onkologie . 2010;33(12):692-4. PMID: 21124040
ऐप पर पढ़ें