दुधारु पशुओं में थनैला रोग होना अब काफी आम समस्या हो गई है। यह रोग मुख्यत: गाय और भैंसों में पाया जाता है, जिनके कारण दूग्ध उत्पादन काफी प्रभावित हो जाता है। गाय के थन में सूजन, लालिमा व दर्द की स्थिति को थनैला रोग कहा जाता है। थन संबंधी समस्याएं ही इस रोग के सबसे प्रमुख लक्षण होते हैं, इसके अलावा कुछ गाय के स्वास्थ्य से संबंधित लक्षण भी हो सकते हैं जैसे गाय को बुखार, चारा-पानी न लेना और जुगाली न करना आदि।
गाय के थनों में संक्रमण, एलर्जी या चोट आदि लगना गाय को थनैला रोग होने का सबसे मुख्य कारण है। ये सभी कारण स्वच्छता न रख पाने के परिणामस्वरूप विकसित होते हैं। थनैला रोग कई बार अपने आप ठीक हो जाता है, जबकि कुछ मामलों में इसका इलाज कराना बेहद जरूरी होता है।
थनैला रोग का इलाज पशु चिकित्सक रोग के अंदरुनी कारण व गंभीरता के अनुसार करते हैं। इसके इलाज में संक्रमण व एलर्जी रोकने वाली दवाएं और दर्द निवारक दवाएं शामिल हैं। कुछ मामलों में पशु चिकित्सक कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी इस रोग का इलाज करने की सलाह दे सकते हैं।
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