स्वास्थ्य की दृष्टि से गाय के दूध को भैंस के दूध से बेहतर माना जाता है। इसमें फैट भैंस के दूध के मुकाबले कम मात्रा में पाया जाता है। भैंसों की तरह ही गाय के थनों में भी विभिन्न प्रकार के रोग होने का खतरा रहता है। क्योंकि ये बेहतर संवेदनशील होते हैं। गाय के थन में सूजन होना एक आम समस्या है, जो आमतौर पर ब्यांत के समय होती है। लेकिन कई बार किसी प्रकार के संक्रमण या थन में चोट के कारण भी सूजन हो जाती है, जिसका इलाज कराना बेहद आवश्यक होता है।
एक या अधिक थनों का आकार बढ़ जाना, थन छोटे-बड़े होना और थनों में लालिमा आदि सूजन का मुख्य लक्षण है। यदि सूजन गंभीर नहीं है, तो घर पर ही सिकाई आदि की मदद से इसे ठीक किया जाता है। यदि सूजन बढ़ रही है, तो पशु चिकित्सक परीक्षण की मदद से स्थिति के अंदरूनी कारण का पता लगाकर उसका इलाज कर देते हैं।