गाय के पेशाब में खून आना क्या है?

गाय के पेशाब में खून आना खुद कोई रोग नहीं है, बल्कि यह किसी गंभीर रोग का संकेत देता है। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनमें किडनी संबंधी समस्याएं और कई प्रकार के संक्रमण शामिल हैं। ऐसी कई अलग-अलग बीमारियां हैं, जो पेशाब में खून आने का कारण बन जाती है। मेडिकल भाषा में इस स्थिति को हेमाट्यूरिया कहा जाता है।

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गाय के पेशाब में खून आने के लक्षण क्या हैं?

पेशाब में खून की उपस्थिति होना ही इस रोग का सबसे प्रमुख व स्पष्ट लक्षण है। हालांकि, गाय के स्वास्थ्य और रोग के अंदरूनी कारणों के अनुसार पेशाब में खून आने के साथ-साथ अन्य कई लक्षण देखे जा सकते हैं। हेमाट्यूरिया से जुड़े संकेतों के बारे में नीचे बताया गया है -

  • गाय के पेशाब का रंग लाल, हल्का लाल या ब्राउन दिखाई देना
  • गाय का बार-बार पेशाब करना
  • पेशाब करते समय सामान्य से अधिक जोर लगाना
  • बार-बार गोबर करना
  • पतला गोबर होना
  • पेट में दर्द होना
  • गाय के गुप्तांग से लाल या रंगहीन लसदार पदार्थ निकलना

किडनी व संक्रमण से संबंधी रोग मुख्य रूप से पेशाब में खून आने का कारण बनते हैं, जिनके अनुसार कई अलग-अलग लक्षण देखे जा सकते हैं। इनमें निम्न शामिल हैं -

  • गाय को बुखार होना
  • घास व दाना न खाना
  • जुगाली न करना
  • एक या दोनों आंखों से पानी टपकना
  • बार-बार उठना बैठना
  • कुछ गायों में पेशाब में खून आने के अलावा किसी अन्य प्रकार के लक्षण विकसित नहीं हो पाते हैं। हालांकि, ऐसे में भी यह कोई गंभीर स्थिति हो सकती है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऐसा नहीं है कि हर मामले में पेशाब में खून आना हानिकारक स्थिति है, लेकिन पशु चिकित्सक से  इसकी जांच करवाना अति आवश्यक है। यदि आपको लगता है कि पेशाब में रक्त आ रहा है या फिर ऊपरोक्त में से कोई भी लक्षण हो रहा है, तो एक बार पशु चिकित्सक से सलाह ले लेनी चाहिए।
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गाय के पेशाब में खून क्यों आता है?

गाय के पेशाब में खून आने के अनेक कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ का तो अभी तक पता भी नहीं चल पाया है। हालांकि, पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों के अनुसार किडनी संबंधी समस्याओं और संक्रमणों के कारण ही ज्यादातर पेशाब में खून आने लगता है।

गाय के गुर्दे या मूत्राशय में किसी कारण से घाव या फिर छाले आदि होने के कारण भी पेशाब में खून आ सकता है। इसके अलावा गाय के शरीर में लगने वाले कीट जिन्हें चिचड़ी भी कहा जाता है, भी संक्रमण का कारण हो सकते हैं। इन कीटों में बैबेसिया बोविस नाम का परजीवी पाया जाता है, जो गाय के शरीर में संक्रमण का कारण बन सकता है।

इसके अलावा कुछ दुर्लभ मामलों में साफ-सुथरी घास न खाना या फिर स्वच्छ पानी न पीने के कारण भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में पेट में विभिन्न प्रकार के संक्रमण या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिनके कारण भी पेट के विभिन्न भागों में ब्लीडिंग हो सकती है।

पेशाब में खून आने  का खतरा कब बढ़ता है?

कुछ स्थितियां हैं, जिनमें अधिकतर मामलों में गाय के पेशाब में खून की मात्रा देखी जा सकती है -

  • गर्भावस्था के अंतिम महीनों में
  • ब्यांत के एक या दो दिन पहले या बाद में
  • इसके अलावा कुछ ऐसी फीड व खल आदि आती हैं, जिनके खाने से पेशाब का रंग हल्का लाल दिखने लगता है, जबकि इसमें खून की उपस्थिति नहीं होती है।

पेशाब में खून आने का परीक्षण कैसे किया जाता है?

गाय के पेशाब में खून की उपस्थिति देखकर ही इस स्थिति का पता लगाया जा सकता है। हालांकि, इसके अंदरूनी कारण भिन्न हो सकते हैं, जिनका पता लगाना जरूरी होता है। ऐसे में पशु चिकित्सक पिछले कुछ दिनों में गाय के स्वास्थ्य संबंधी कुछ सवाल पूछ सकते हैं। आगे की जांच करने के लिए गाय के पेशाब और गोबर का सैंपल लेकर परीक्षण के लिए उसे लैब में भी भेजा जा सकता है।

गाय के पेशाब में खून आने से बचाव कैसे किया जाता है?

पेशाब में खून आने से रोकथाम के लिए कोई घरेलू तरीका उपलब्ध नहीं है। क्योंकि यह अंदरूनी अंगों से संबंधित रोग होता है। हालांकि, गाय को रोजाना खाने के लिए स्वच्छ चारा और पीने के लिए शुद्ध पानी देकर पेट संबंधी समस्याएं होने से बचाव किया जा सकता है।

गाय को रोजाना कुछ समय के लिए चलाना फिराना भी काफी लाभदायक रहता है। साथ ही साथ नियमित रूप से पशु चिकित्सक को बुलाकर गाय के स्वास्थ्य की जांच कराते रहना चाहिए, ताकि ऐसे किसी रोग के होने से पहले ही उसकी रोकथाम के कुछ उपाय किए जा सकें।

गाय के पेशाब में खून का इलाज कैसे किया जाता है?

कुछ मामलों में गाय के पेशाब में सिर्फ एक या दो बार ही खून आता है और उसमें खून की मात्रा भी थोड़ी ही होती है। यदि ऐसा है तो हो सकता है कि पशु चिकित्सक कोई इलाज न करें क्योंकि ऐसा सिर्फ एक बार ही होता है और फिर अपने आप ठीक हो जाता है। यदि रक्त बार-बार आ रहा है, तो उसका इलाज शुरू किया जाता है।

गाय के पेशाब में खून की मात्रा के अनुसार रोग की गंभीरता का अनुमान लगाया जाता है और उसके अनुसार ही इलाज शुरू किया जाता है। यदि परजीवी संक्रमण के कारण खून आने लगा है, तो एंटी पैरासाइटिक दवाओं से इसका इलाज किया जाता है।

इसके अलावा गाय को विभिन्न प्रकार के सप्लीमेंट्स भी दिए जाते है, क्योंकि खून निकलने के साथ पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। सप्लीमेंट्स की मदद से ही इनकी पूर्ति की जाती है। यदि परीक्षण के दौरान कोई कारण पता नहीं चला पाया था, तो इलाज गाय के खान-पान में सुधार करके ही किया जाता है और लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।

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