गाय को दस्त होना काफी आम है, लेकिन यह गंभीर स्थिति भी हो सकती है। इसमें गाय को लगातार पतला गोबर आता है, जिसमें द्रव मिला होता है। बार-बार पतला गोबर आने के कारण गाय का शरीर कमजोर पड़ जाता है। यह रोग आमतौर पर गाय की पाचन क्रिया खराब होने या फिर पेट में किसी प्रकार का संक्रमण होने के कारण होता है। हालांकि, यह अधिक गर्मी लगने या अधिक हराई खाने के कारण भी हो सकता है।

पतला गोबर पिचकारी की तरह निकलना दस्त का मुख्य लक्षण है। इसके अलावा गाय के स्वास्थ्य के अनुसार कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें बुखार, कमजोरी और घास न खाना आदि शामिल हैं। सामान्य स्वच्छता अपना कर उसके आहार संबंधी उचित जानकारी लेकर गाय को दस्त होने से बचाव किया जा सकता है।

गाय को दस्त होने पर उसका इलाज घरेलू उपायों से भी किया जा सकता है। यदि स्थिति गंभीर है, तो डॉक्टर इसके कारण व लक्षणों के अनुसार विभिन्न दवाएं देते हैं। दवाओं के साथ-साथ शरीर में पानी व पोषक तत्वों की पूर्ति करने वाले सप्लीमेंट्स भी दिए जाते हैं।

  1. गाय को मोक होना क्या है - Gaay ko mok hona kya hai
  2. गाय को दस्त के लक्षण - Gaay ko dast hone lakshan
  3. गाय को दस्त लगने के कारण - Gaay ko dast hone ke karan
  4. गाय को दस्त लगने से बचाव - Gaay ko dast hone ke bachav
  5. गाय को दस्त होने का परीक्षण - Gaay ko dast hone parikshan
  6. गाय को दस्त होने का इलाज - Gaay ko dast hone ka ilaaj

गाय को दस्त होना आम स्थिति है, लेकिन यह कुछ मामलों में गंभीर स्थिति हो सकती है, जिससे उसके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इस रोग को मोक भी कहा जाता है इसमें गाय का बहुत ही पतला गोबर आता है या फिर गोबर में द्रव मिलकर आता है। गाय को दस्त के कई प्रकार हो सकते हैं, जिनमें से कुछ अन्य जानवरों में भी फैल जाते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

गाय को गोबर अत्यधिक पतला आना या उसमें किसी प्रकार का द्रव मिला हुआ होना इस रोग का सबसे स्पष्ट लक्षण है। लेकिन साथ ही कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं, जो गाय के स्वास्थ्य और रोग के अंदरूनी कारण पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा गाय को दस्त होने की स्थिति को निम्न संकेतों में व्यक्त किया जा सकता है -

  • पिचकारी की तरह गोबर आना
  • गोबर में द्रव या झाग दिखाई देना
  • बदबूदार गोबर आना
  • थोड़ी-थोड़ी देर बाद गोबर आना
  • गाय के बैठे-बैठे गोबर निकल जाना
  • गोबर में खून आना

गाय को मोक होने पर उसका स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है, जिसके कारण से कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इन समस्याओं के आधार पर कुछ अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं -

  • शरीर में कमजोरी आ जाना, जिस कारण से सारा दिन बैठे रहना
  • गाय को बुखार होना
  • एक या दोनों आंखों से पानी टपकना
  • गाय को ठंड लगना
  • शरीर कांपना
  • पेट की हड्डियां दिखाई देना

पशु चिकित्सक को कब दिखाएं?

दस्त का इलाज आमतौर पर घरेलू उपायों से ही कर दिया जाता है। हालांकि, यदि गाय को दस्त की समस्या हुए एक दिन से ज्यादा समय हो गया है और घरेलू उपाय काम नहीं कर रहे हैं तो पशु चिकित्सक को दिखा लेना चाहिए। यदि गाय को उपरोक्त में से कोई लक्षण है, तो भी पशु चिकित्सक को बुला लेना बेहतर होगा।

कई बार गाय को मोक होने के कारण का पता भी नहीं चल पाता है और कुछ मामलों में सामान्य स्थितियों के कारण भी दस्त हो जाते हैं जैसे अधिक हराई खाना या गर्मी लगना आदि। हालांकि, पशुचिकित्सकों के अनुसार पशुओं को दस्त होने के दो मुख्य कारण होते हैं, जिनमें पाचन संबंधी रोग और विभिन्न संक्रमण शामिल हैं।

गाय को पाचन से संबंधित समस्याओं के कारण भी दस्त हो सकते हैं, जिसके निम्न कारण हैं -

  • अधिक हराई खिलाना
  • अधिक मात्रा में फीड, चना या चारा खिलाना
  • बासी व सड़ा हुआ चारा खिलाना
  • अशुद्ध पानी पिलाना जैसे नाले या गंदे तालाब का पानी
  • गंदे पानी में उगा घास चराना
  • कीटनाशकों व अन्य रसायनों वाले घास खिलाना
  • घास के साथ-साथ किसी जीव या कीटों को खा लेना
  • अधिक मात्रा में बिनोला या उसकी खल खा लेना

इसके अलावा कुछ प्रकार की दवाएं भी गाय में मोक का कारण बन सकती हैं। इन दवाओं में मुख्यत: गाय की त्वचा पर लगे कीड़ों व कीटों को मारने की दवाएं, दूध उत्पादन बढ़ाने वाली दवाएं व अन्य गर्म दवाएं आदि शामिल हैं।

संक्रमण

पेट में होने वाले विभिन्न प्रकार के संक्रमण भी गाय में दस्त का कारण बन सकते हैं। इनमें मुख्यत: वायरल संक्रमण शामिल है। गाय को दस्त लगने का कारण बनने वाले वायरल संक्रमण को बोवाइन वायरल डायरिया कहा जाता है। यह रोग आमतौर पर संक्रमित पशु के संपर्क में आने से ही फैलता है। गाय निम्न तरीकों से इस रोग के संपर्क में आती है -

  • संक्रमित जानवर की लार या जुगाली की झाग के संपर्क में आना
  • एक बर्तन में पानी पीना
  • एक ही खुरली में घास खाना
  • संक्रमित जानवर के आस-पास रहना
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

गाय को दस्त होने के कारण अलग-अलग होते हैं, जिनमें से कुछ मामलों में बचाव किया जा सकता है, जबकि अन्य मामलों में इसकी रोकथाम आसान नहीं है। मोक के कारण के अनुसार उसके बचाव उपाय भी अलग-अलग हो सकते हैं। गाय को दस्त होने से बचाव करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं -

  • गाय को ताजा व स्वच्छ घास खिलाएं
  • गंदे पानी में उगा व बासी घास न दें
  • सर्दियों के दिनों में अधिक हराई न दें, यदि दें तो थोड़ा बहुत सूखा भूसा मिलाते रहें
  • स्वच्छ व ताजा पानी पिलाएं नाले व गंदे तालाबों का पानी न पीने दें
  • फीड, अनाज, दाना व खल आदि को उचित मात्रा में ही दें, इस बारे में पशु चिकित्सक से बात कर लें
  • गाय को गर्मी से बचाएं इन दिनों में धूप में न बांधें और धावदार व हवादार स्थान पर रखें
  • दिन में कई बार ताजा पानी पिलाएं

यदि वायरल डायरिया के कारण यह रोग हुआ है

  • अन्य जानवरों से उसे दूर रखें
  • उसकी लार व अन्य द्रवों को तुरंत नष्ट कर दें, ताकि अन्य जानवर संपर्क में आकर संक्रमित न हो पाएं

गाय के पतले गोबर की जांच करके ही उसका परीक्षण किया जा सकता है। हालांकि, यदि लंबे समय से दस्त की समस्या है, तो स्थिति के कारण का पता लगाने के लिए पशुचिकित्सक कुछ अन्य टेस्ट भी कर सकते हैं। संक्रमण आदि की जांच करने के लिए मल-मूत्र से सैंपल उन्हें लैबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जा सकता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

गाय को मोक होने का इलाज भी उसके अंदरूनी कारणों व रोग की गंभीरता के अनुसार किया जाता है। यदि दस्त की समस्या गंभीर नहीं है, तो घरेलू उपायों की मदद से भी रोग का निवारण किया जा सकता है। यदि गाय को गंभीर दस्त हुए हैं, तो पशु चिकित्सक गाय को साफ व स्वच्छ आहार देने और ठंडे स्थान पर रखने की सलाह दे सकते हैं। पशु चिकित्सक इस दौरान गाय को ठंडी चीजें खिलाने की सलाह देते हैं जैसे सरसों की खल, सरसों का तेल, दही और छाछ आदि। साथ ही इस दौरान गाय को गर्म चीजें देने से मना किया जाता है, जैसे बिनोला व अन्य अनाज।

यदि गाय को वायरल बोवाइन डायरिया हो गया है, तो चिकित्सक गाय के लक्षणों व परेशानियों के अनुसार दवाएं देते हैं। गाय को दस्त होने पर उसके इलाज में मुख्यत: रिहाइड्रेशन फ्लूइड और विभिन्न प्रकार के खनिज व अन्य पोषक तत्व दिए जाते हैं। ये गाय के शरीर में पानी व जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने से रोकते हैं और दस्त को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ