भैंस की पूंछ उसके शरीर का एक ऐसा भाग है, जिसमें चोट लगने का खतरा सबसे अधिक रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भैंस की पूंछ किसी दूसरे जानवर के खुरों के नीचे आने का खतरा अधिक रहता है। कई बार खुर के नीचे आने से पूंछ बुरी तरह घायल हो जाती है, जिसमें कई प्रकार के इन्फेक्शन व अन्य कई रोग हो जाते हैं।
इतना ही नहीं कई बार इन्फेक्शन इतना गंभीर हो जाता है कि वह दवाओं से नियंत्रित नहीं हो पाता है। ऐसे में खुद डॉक्टर को पूंछ को काटना पड़ता है।
नियमित रूप से सफाई करने और पूंछ को खुरों के नीचे आने से बचाने से पूंछ को कटने से बचाया जा सकता है। हालांकि, यदि पूंछ घायल हो गई है, तो इलाज करने से पहले डॉक्टर पूंछ का करीब से परीक्षण करते हैं। जरूरत पड़ने पर वे सैंपल लेकर लैब में भी भेज सकते हैं। ऐसे में सैंपल के रिजल्ट के आधार पर ही इलाज शुरू किया जाता है।
यदि स्थिति का समय पर इलाज न किया जाए, तो संक्रमण बढ़कर पूंछ के एक बड़े हिस्से को नष्ट कर सकता है। इतना ही नहीं समय पर इलाज शुरू न करने पर पूंछ का संक्रमण अन्य हिस्सों तक भी बढ़ सकता है, जैसे खुर आदि।