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Bowell Sachet डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली दवा है, जो सैशे के रूप में उपलब्ध है। यह दवाई खासतौर से कब्ज के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। इस दवाई Bowell Sachet को अन्य दिक्कतों में भी काम लिया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Bowell Sachet को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है।
कुछ मामलों में Bowell Sachet के कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। सामान्य तौर पर Bowell Sachet के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और बिगड़ जाते हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
यह भी जानना जरूरी है कि Bowell Sachet का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर सुरक्षित है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हल्का है। आगे Bowell Sachet से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Bowell Sachet का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।
अगर आपको पहले से कुछ चिकित्सीय समस्याएं हैं जैसे गैलेक्टोसिमिया तो Bowell Sachet दवा की सलाह नहीं दी जाती है, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। इनके आलावा कुछ अन्य समस्याएं भी हैं जिनमें Bowell Sachet लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे में जानकरी के लिए आगे पढ़ें।
इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Bowell Sachet कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गई जानकारी देखें।
ऊपर दी गई सावधानियों के अलावा ये जानना भी आवश्यक है कि गाडी चलाते समय Bowell Sachet लेना सुरक्षित है और इसकी लत लग सकती है।
Bowell Sachet इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Bowell Sachet की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Bowell Sachet की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
क्या Bowell Sachet का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
Bowell Sachet किसी भी प्रेंग्नेंट महिला के लिए सुरक्षित होती है।
क्या Bowell Sachet का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Bowell Sachet का दुष्प्रभाव इतना कम होता है कि आपको यह महसूस भी नहीं होता है।
Bowell Sachet का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Bowell Sachet का किडनी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
Bowell Sachet का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
लीवर के लिए Bowell Sachet हानिकारक नहीं होती। आप इसे डॉक्टर की सलाह के बिना भी ले सकते हैं।
क्या ह्रदय पर Bowell Sachet का प्रभाव पड़ता है?
हृदय के लिए Bowell Sachet हानिकारक नहीं है।
Bowell Sachet को इन दवाइयों के साथ लेने से गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
मध्यम
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Bowell Sachet को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Bowell Sachet ले सकते हैं -
क्या Bowell Sachet आदत या लत बन सकती है?
Bowell Sachet की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्या Bowell Sachet को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है?
वाहन चलाने के अलावा मशीनों के बीच काम करने में सतर्कता की जरूरत होती है, ऐसे में आप Bowell Sachet का सेवन करके भी इन कामों को आसानी से कर सकते हैं।
क्या Bowell Sachet को लेना सुरखित है?
डॉक्टर के कहने के बाद ही Bowell Sachet का सेवन करें। वैसे यह सुरक्षित है।
क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Bowell Sachet इस्तेमाल की जा सकती है?
नहीं, Bowell Sachet दिमागी विकारों के इलाज में सक्षम नहीं है।
क्या Bowell Sachet को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
खाने के साथ Bowell Sachet को लेना आपकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता है।
जब Bowell Sachet ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
इसके बारे में फिलहाल कोई शोध कार्य नहीं किया गया है। सही जानकारी मौजूद न होने की वजह से Bowell Sachet का क्या असर होगा इस विषय पर अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।
Bowell Sachet की वजह से किडनी फेल नहीं होती है। गंभीर किडनी रोग से जूझ रहे मरीज़ों को Bowell Sachet दी जा सकती है। किडनी खराब होने पर शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं। Bowell Sachet सीरम यूरिआ और क्रिएटिनिन का लेवल कम कर देती है और इससे यूरिक एसिड का स्तर भी घट जाता है। ऐसे कई काम हैं जो किडनी फेल होने पर नहीं हो पाते हैं लेकिन Bowell Sachet वो काम कर देती है।
Bowell Sachet का पेट फूलने और गैस बनने से संबंध होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि Bowell Sachet बड़ी आंत में जाकर घुलती है जिससे गैस बनती है। अगर Bowell Sachet लेने के बाद आपको पेट फूलने की समस्या ज्यादा हो रही है तो डॉक्टर से Bowell Sachet के किसी अन्य विकल्प के बारे में पूछें। डॉक्टर से परामर्श कर उचित उपचार लें।
डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई मात्रा में निर्धारित समय तक Bowell Sachet खाना सुरक्षित है। हालांकि, कुछ लोगों को Bowell Sachet के साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ सकते हैं जिनमें जी मितली, उल्टी, गैस, दस्त, पेट दर्द और ऐंठन शामिल हैं। अगर आपको Bowell Sachet लेने के बाद इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट नज़र आ रहा है तो डॉक्टर से बात करें।
कब्ज: शरीर में Bowell Sachet का पाचन नहीं हो पाता है इसलिए ये बड़ी आंत से होकर गुज़रती है जहां बैक्टीरिया होता है जोकि उसे लैक्टिक एसिड, एसेटिक एसिड और फॉर्मिक एसिड में बदल देता है। इससे मल में फ्लूइड आ जाता है जिससे वह मुलायम हो जाती है और आसानी से मल त्याग किया हो पाता है।
हेपेटिक एंसेफलोपैथी: लिवर के फेल होने पर अमोनिया का शरीर से बाहर निकला मुश्किल हो जाता है। रक्त वाहिकाओं में अमोनिया का लेवल बढ़ने पर ये मस्तिष्क तक पहुंच सकता है और उसे नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अतिरिक्त अमोनिया का शरीर से निकलना जरूरी होता है। Bowell Sachet अमोनिया को रक्त वाहिकाओं से खींचकर मल के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देती है। इस तरह Bowell Sachet अमोनिया का स्तर बढने से रोकती है।
Bowell Sachet डिसैकाराइड या शुगर है जोकि फ्रूक्टोज़ और गैलेक्टोज़ से संश्लेषित है। प्रमुख तौर पर Bowell Sachet का इस्तेमाल कब्ज से राहत पाने के लिए किया जाता है।
इस जानकारी के लेखक है -
B.Pharma, फार्मेसी
5 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
April Hazard Vallerand, Cynthia A. Sanoski. [link]. Sixteenth Edition. Philadelphia, China: F. A. Davis Company; 2019: Page No 739
KD Tripathi. [link]. Seventh Edition. New Delhi, India: Jaypee Brothers Medical Publishers; 2013: Page No 676