आपको थायराइड की वजह से पैरों में दर्द होता है। आप टैबलेट जेमकैल की 1 गोली रोजाना 2 महीने तक लें। टैबलेट इवियोन 400 एमजी की 1 गोली रोज़ 15 दिन तक लें।
हां, लो ब्लडप्रेशर के कारण सुस्ती, थकान, कमजोरी और सिर चकराने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
आप अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं। रोज़ाना एक अंडा दूध के साथ खाया करें। एक हफ्ते में 2-3 बार सोया या पनीर खाएं। आप एक चम्मच रोज़ाना व्हे प्रोटीन भी लें और रोज़ एक्सरसाइज किया करें।
अक्सर लोगों को दोपहर का खाना खाने के बाद नींद आती है। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक लेने से आपको नींद आ सकती है। भोजन में चावल की मात्रा कम कर दें। पौष्टिक आहार लें और रोज एक्सरसाइज करें।
आप एक बार अपने ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और आयरन की जांच करवा लें और इसकी रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाएं। तभी आपको इसका सही कारण पता चल पाएगा।
आप पौष्टिक आहार लें। आपके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने बवासीर का इलाज करवाएं। बवासीर की वजह से ब्लीडिंग होती है जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। इससे आपको कमजोरी भी हो सकती है।
कई वजहों से कमजोरी हो सकती है। इसलिए कारण का पता लगने के बाद ही इलाज और दवा दी जाती है और इसका पूरा कोर्स होता है।
सामान्य तौर पर, वायरल संक्रमण, हाइपरथायराइडिज्म और नींद न आने की वजह से कमजोरी हो सकती है। 7 से 8 घंटे की नींद लें, अगर आपको किसी तरह का संक्रमण है तो उसका इलाज करवाएं। अधिक एक्सरसाइज और लगातार काम करने की वजह से भी आपको कमजोरी हो सकती है। आप एक बार डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करवा लें।
एड्रेनल ग्लैंड में असंतुलन की वजह से ऐसा हो सकता है क्योंकि ये हार्मोन कोशिकाओं की ऊर्जा को नियंत्रित करते हैं। ये कोशिकाएं खासकर आपके मस्तिष्क में होती हैं। इसमें असंतुलन आने पर शारीरिक ताकत में कमी आती है। सुबह बिस्तर से उठने में दिक्कत होती है, थकान और सुस्ती जैसी समस्याएं होने लगती हैं। और इसी के साथ ये आपके दिमाग और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है जिससे आपको तनाव जैसी समस्या भी हो सकती है। तनाव से दूर रहें। खाना अच्छी तरह से खाएं और अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों का सेवन कम करें। डॉक्टर की सलाह से आप कुछ सप्लीमेंट भी ले सकते हैं जैसे मैग्नीशियम सिट्रेट पाउडर और मैलिक एसिड। ये आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। सुस्ती और थकान लाने वाली गतिविधिओं से दूर रहें। एड्रेनल ग्लैंड को संतुलित रखने की कोशिश करें। आप डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच भी करवा सकते हैं और उनसे सलाह लेते रहें।
आपको यह समस्या लंबे समय से है तो ऐसा तनाव, ज्यादा काम करने, नींद न आने और टेंशन की वजह से हो सकता है। आप रोज योग और सांस से संबंधित एक्सरसाइज करें, अच्छी नींद के लिए 7 से 8 घंटे की नींद लें। हरी सब्जियां और फल ज्यादा खाएं।
आपको अपने पिता को अस्पताल में भर्ती करवाना होगा। उनको कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं हैं इसलिए ऑनलाइन सलाह लेने की बजाय डॉक्टर को दिखाएं। दस्त की वजह से उनको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है इसलिए उन्हें खूब पानी पिलाएं।
अगर आपको कंपकपी, सीने में दर्द, चक्कर आने की समस्या रहती है और साथ ही आप चिंता में भी रहते हैं तो इसकी वजह हाइपोग्लाइसीमिया, हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोवोल्मिया हो सकती है। आपको एंग्जायटी डिसऑर्डर (अधिक चिंता करने की समस्या) भी हो सकता है। सीने में दर्द के लिए आप अपना ई.सी.जी. करवा लें। इसकी सही वजह जानने के लिए अस्पताल से अपनी जांच करवाएं।
आपकी सारी रिपोर्ट नॉर्मल हैं तो हो सकता है कि यह समस्या आपको चिंता या नींद से संबंधित विकार, कुछ दवाइयां लेने से, अनुमस्तिष्क विकार के कारण भी हो सकती है। इन समस्याओं से बचने के लिए आप योगा और मेडिटेशन (ध्यान) करें और शराब, स्मोकिंग, चाय व कॉफी आदि से दूर रहें। अच्छी और गहरी नींद लें और अपनी डाइट में फलों को शामिल करें। आप एक बार न्यूरोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी जांच करवा लें।