पेठे का पौधा व्यापक रूप से उगाया जाता है। यह कुकुर्बिटेल्स (Cucurbitaceae) परिवार का सदस्य है। पेठा का फल कूष्मांड, भतुआ, कोंहड़ा आदि नामों से भी जाना जाता है। पेठा का वानस्पतिक नाम 'बेनिनकेसा हिस्पिडा' (Benincasa hispida) है। इसकी सबसे पहले खेती दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में की गई थी। लेकिन अब इसे सारे एशिया में उगाया जाता है। इस फल को पाक सब्जियों (खाने पकाने के लिए) के रूप में उपयोग किया जाता है। इससे भारत में एक मिठाई भी बनाई जाती है, जिसे पेठा (मिठाई) भी कहते हैं।
पेठा एक मजबूत बेल वाला पौधा है। इसकी बेल 1-2 मीटर (3-6 फीट) तक बढ़ सकती है। यह पौधा जुलाई-सितंबर के दौरान बोया जाता है। पौधे गर्म उष्णकटिबंधीय (tropical) और उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) जलवायु में बढ़ता है। यह हल्की, नाज़ुक और अच्छी तरह से सूखी मिट्टी में पनपता है। यह सफेद मोम के साथ हरे रंग वाला पौधा होता है। पेठा की 25 - 40 सेमी लंबाई और वजन 30 पाउंड तक होता है। इस फल का छिलका पतला होता है। इसमें अंदर रसदार और मीठा गूदा होता है जो आमतौर पर फ्लैट, अंडाकार और सफ़ेद और पीले भूरे रंग के बीज के साथ होता है। पेठा फल ठंडे मौसम के दौरान पकता है।
पेठा पोषण के साथ भरपूर है। इसमें विटामिन बी 1 और बी 3 और विटामिन सी शामिल हैं। इसमें कैल्शियम, सोडियम, जस्ता, लोहा, फास्फोरस, मैंगनीज, तांबा, मैग्नीशियम, सेलेनियम और पोटेशियम जैसे विभिन्न खनिज भी शामिल होते हैं। पोटेशियम में इसकी उच्च सामग्री के कारण, यह रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इसमें लगभग 96% पानी होता है। इसलिए जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनको इसका सेवन करना चाहिए।
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