ओलोंग टी उस फूल की पत्तियों, कली और टहनी से बनती है, जिससे ब्लैक टी और ग्रीन टी को बनाया जाता है. इसका नाम कैमल्लिया सीनेंसिस है. इन सब चाय में यह अंतर है कि इनकी पत्तियों को अलग-अलग समय सीमा के लिए फर्मेंट किया जाता है. ग्रीन टी को फर्मेंट नहीं किया जाता है, जबकि ब्लैक टी को पूरी तरह से फर्मेंट किया जाता है.
ओलोंग टी में चाय की पत्तियों को आंशिक तौर पर फर्मेंट किया जाता है. इसी फर्मेंटेशन की वजह से चाय को अपना कलर और अरोमा मिलता है. ओलोंग टी दुनिया भर में इस्तेमाल की जाने वाली चाय के केवल 2% को रिप्रेजेंट करती है. इसमें डार्क और ग्रीन टी दोनों के गुण होने की वजह से यह वजन और स्ट्रेस कम करने में मददगार है. वहीं, जब आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो यह एंजाइटी, सिरदर्द, इनसोम्निया आदि का कारण बन सकती है. आज इस लेख में हम ओलोंग टी के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे -
(और पढ़ें - जैस्मीन टी के फायदे)