गुड़हल के पौधे घरों में आसानी से उपलब्ध होते हैं। गुड़हल के फूल देखने में जितने खूबसूरत होते हैं, स्वास्थ्य के लिए उतने लाभदायक भी। उत्तरी अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में उत्पन्न हुआ यह पौधा अब दुनिया के तमाम देशों में पाया जाता है। दुनियाभर में लोग इस पौधे के विभिन्न हिस्सों का उपयोग भोजन और दवाओं के रूप में करते हैं। गुड़हल के पौधे का वह भाग को फूलों को चारों ओर से पकड़ कर रखता है उसे कैलीक्स कहा जाता है। सूखे हुए कैल्स का उपयोग हिबिस्कस टी यानी गुड़कहल की चाय बनाने के लिए किया जाता है।
गुड़हल की चाय कई सारे स्वास्थ्य लाभों को समेटे हुए है। दुनिया के कई हिस्सों में गुड़हल की चाय का सेवन किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ब्लड प्रेशर को लो करने, बैक्टीरिया से लड़ने और यहां तक कि वजन घटाने में भी इस चाय को बहुत कारगर माना जाता है।
ऐतिहासिक रूप से देखें तो अफ्रीकी देशों में शरीर के तापमान को कम करने, हृदय रोग के इलाज और गले में खराश को दूर करने के लिए गुड़हल की चाय का उपयोग किया जाता था। ईरान में वर्षों से इसका उपयोग हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए किया जाता है। हाल के अध्ययनों ने भी हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के उपचार में गुड़हल की चाय को काफी फायदेमंद माना है। इस लेख में हम आपको गुड़हल की चाय बनाने के तरीके, इसके स्वास्थ्य लाभ और साइड इफेक्ट के बारे में विस्तार से बताएंगे।