इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया में अब तक जो भी चीज बनी है उसका फायदा और नुकसान दोनों पहलू होता है। यही वजह है कि अगर किसी चीज का सीमित मात्रा में सेवन किया जाए तो यह फायदेमंद होती है और अगर उसकी अति कर दी जाए तो उससे आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही वाइन के साथ भी है। इन दिनों रेड वाइन के सेहत से जुड़े फायदों पर दुनियाभर में काफी चर्चा हो रही है। बहुत से लोगों का मानना है कि थकान भरे दिन के बाद अगर एक गिलास रेड वाइन का सेवन किया जाए तो यह हेल्दी डाइट का हिस्सा हो सकता है, तो वहीं बाकी लोग रेड वाइन को ओवररेटेड यानी वास्तविकता से अधिक महत्व दिया जाने वाला मानते हैं।
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रेड वाइन में महत्वपूर्ण और शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो फ्री रैडिकल्स से लड़कर शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। साथ ही यह ब्लड के प्लेटलेट्स को खून का थक्का जमने से भी रोकते हैं। ऐसे में अधिकतर सूत्रों का यही मानना है कि रेड वाइन पीना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। रेड वाइन को लेकर अब तक जितने भी अध्ययन हुए हैं उन सभी में यही बात सामने आयी है कि सीमित मात्रा में रेड वाइन का सेवन हृदय रोग सहित कई बीमारियों के खतरे को कम करता है। हालांकि, सीमित मात्रा में सेवन और अत्यधिक सेवन के बीच एक बेहद बारीक रेखा होती है जिसे अक्सर लोग पार कर देते हैं।
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तो आखिर रेड वाइन क्या है, कैसे बनती है, यह सेहत के लिए किस तरह से फायदेमंद है और बीमारियों से बचाने में किस तरह से मददगार हो सकती है और अगर इसका बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह किस तरह से शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है, इन सभी के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।