हर महिला अपने बच्चे की देखभाल अच्छे से करना चाहती है और अगर बात नवजात शिशु की हो तो देखभाल और चिंता दोनों बढ़ जाती है। जैसा कि आप जानती हैं, नवजात शिशु कुछ शुरूआती महीनों तक सिर्फ स्तनपान करता है। इसी पर उसका विकास और वृद्धि निर्भर होती है। लेकिन अगर माँ के दूध का उत्पादन सही तरीके से न हो तो ऐसे में आपका शिशु भूखा रहता है और उसको पोषण भी नहीं मिल पाता। इसलिए हम इस लेख में ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय बता रहे हैं। माँ का दूध बढ़ाने के यह तरीके आप आसानी से घर पर रह कर ही अपना सकती हैं।

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तो आइये आपको बताते हैं माँ के दूध को बढ़ाने के उपाय, लेकिन उससे पहले पहले बताते हैं माँ के दूध के कम होने के कारण -

  1. माँ का दूध कम क्यों होता है - Breast milk kam kyon hota hai
  2. माँ के दूध का उत्पादन कम है या नहीं, कैसे करें पता - Maa ke doodh ka utpadan kam hai ya nahi, kaise kare pata
  3. क्या ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाया जा सकता है - Kya breast milk badhaya ja sakta hai
  4. माँ का दूध बढ़ाने के उपाय व तरीके - Maa ka doodh badhane ke upay
  5. माँ का दूध कैसे बढ़ाएं - Maa ka doodh kaise badhaye
  6. माँ का दूध बढ़ाने के नुस्खे - Maa ka doodh badhane ke gharelu nuskhe
माँ का दूध कैसे बढ़ाएं, उपाय और तरीके के डॉक्टर
माँ का दूध कम क्यों होता है - Breast milk kam kyon hota hai

माँ का दूध कम होने के कारण इस प्रकार है –

1. स्वास्थ्य समस्याएं -

कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण माँ के दूध के उत्पादन में कमी आ सकती है। स्वास्थ्य समस्याएं जैसे गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर, ​पीसीओएस (PCOS), ​शुगर

2. पहला हुआ ब्रेस्ट ऑपरेशन -

ब्रेस्ट सर्जरी जैसे ब्रेस्ट साइज कम करने का ऑपरेशन, ब्रेस्ट में गाँठ (cyst) को निकालने का ऑपरेशन या मास्टेक्टॉमी (इस प्रक्रिया द्वारा सर्जन पूरा स्तन निकाल देते हैं।) के कारण ग्लैंडुलर टिशू में कमी आ जाती है। इनकी वजह से माँ के दूध में कमी हो सकती है।

इसके अलावा ब्रेस्ट निप्पल में छेद करवाने से ब्रेस्ट मिल्क के लिए जरूरी तंत्रिका खराब हो सकती हैं। हो सके तो ऐसा न करवाएं।

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3. भावनात्मक कारक –

चिंता और तनाव के कारण स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध का उत्पादन कम होने लगता है। स्तनपान कराने के लिए अपने लिए एक निजी जगह व आरामदायक वातावरण देखें। ऐसे आपका मूड अच्छा रहेगा और तनाव कम होगा।

4. धूम्रपान करना -

ऐसा पाया गया है कि जो महिलाऐं सिगरेट पीती हैं, उनमें दूध के कम बनने की समस्या होती है।

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5. कुछ प्रकार की दवाओं के कारण -

हार्मोनल गर्भनिरोधक उपाय के कुछ प्रकार ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में कमी ला सकते हैं।​ एलर्जी की दवाइयों जैसी कुछ दवा लेने से ब्रैस्ट मिल्क कम हो सकता है।

6. शराब पीना -

अधिक मात्रा में शराब पीने से माँ के दूध का उत्पादन कम हो सकता है।

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यह सोचकर आप भी चिंतित हो सकती हैं कि कहीं आपके दूध का उत्पादन भी कम न हो, लेकिन माँ में दूध के कम उत्पादन की समस्या बहुत कम होती है। ज्यादातर महिलाएं अपने बच्चों की जरूरत के अनुसार पर्याप्त दूध बना ही लेती हैं। सभी शिशुओं की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। ज्यादातर नवजात शिशुओं को एक दिन में 7 से 12 बार स्तनपान कराने की जरूरत होती है। 

यह समझने के लिए कि आप पर्याप्त दूध बना पा रहीं हैं कि नहीं, आप ये आसान टेस्ट आजमा सकती हैं: अगर आपके बच्चे का वजन बढ़ रहा है और रोजाना नियमित रूप से उसके डायपर को बदलने की जरूरत पड़ रही है, तो इसका मतलब आपके बच्चे का पेट अच्छे से भर रहा है। और ऐसा तभी होता है जब पर्याप्त दूध का उत्पादन कर रही हैं। 

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इसके अलावा, जब आपके बच्चे को पर्याप्त दूध मिलता है, तो चार महीने तक हफ्ते-दर-हफ्ते उसका वजन अपेक्षित रूप से बढ़ता रहता है।

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अगर माँ के दूध का उत्पादन कम है तो, सप्लीमेटिंग एक विकल्प हो सकता है। सप्लीमेटिंग लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। वह आपको एक खास प्लैन बतायेंगी जिसका पालन करने से आपके दूध का उत्पादन बढ़ने लगेगा। 

अंत में इस बात का ध्यान रखिये कि जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, वह और अच्छे से दूध पीना सीख जाता है। इसका मतलब है कि भले ही वह स्तनपान बहुत कम समय के लिए कर रहा हो, फिर भी वह पर्याप्त दूध पी ही लेता है। तो अगर आपका शिशु समय के साथ कम समय के लिए स्तनपान कर रहा हो, तो इसका यह मतलब नहीं कि आप पूरी तरह से ब्रेस्ट मिल्क नहीं बना पा रही हैं।

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अगर आप चिंतित हैं कि आप अपने बच्चे को पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क नहीं दे पा रही हैं तो आप अकेली नहीं हैं। हासिल डाटा के अनुसार, ज्यादातर महिलायें अपने बच्चों को स्तनपान कराना शुरू कर देती हैं, लेकिन वह कुछ महीनों में स्तनपान कम कर देती हैं या बिल्कुल बंद कर देती हैं। सबसे आम कारणों में से एक है कि उन्हें दूध के अपर्याप्त उत्पादन की चिंता होने लगती है।

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कई महिलाओं को दूध के अधिक या कम उत्पादन से फर्क नहीं पड़ता। हालाँकि, अगर आप ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को बढ़ाना चाहते हैं तो आगे हमने आपके लिए कुछ उपाय और तरीके बताएं हैं -

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माँ का दूध बढ़ाने के उपाय व तरीके - Maa ka doodh badhane ke upay

माँ का दूध बढ़ाने के उपाय इस प्रकार है -

शिशु की पोजीशन का ध्यान रखें -

इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपका बच्चा सही पोजीशन में हो और दूध पी रहा हो। दूध पिलाने के साथ-साथ यह भी देखें कि वो दूध पी रहा है या नहीं।

ब्रेस्ट पम्प का इस्तेमाल करें -

दो बार स्तनपान करवाने के बीच में ब्रेस्ट पम्प के इस्तेमाल से दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है। आप ब्रेस्ट पम्प का इस्तेमाल इन परिस्थितियों में कर सकती हैं -

  • जब स्तनपान कराते वक़्त दूध बचा हुआ रह गया हो।
  • स्तनपान कराते समय दूध अगर बीच-बीच में रुक रहा हो।

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दोनों स्तन से स्तनपान करवाएं -

अपने बच्चे को दोनों ब्रेस्ट से दूध पिलायें। पहले एक ब्रेस्ट से दूध पिलाना शुरू करें। दूसरे ब्रेस्ट से दूध पिलाना तब तक शुरू न करें जब तक पहले ब्रेस्ट से दूध निकलने की मात्रा कम न हो जाए। इस तरह दोनों स्तन से दूध पीने से दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

माँ का दूध कैसे बढ़ाएं - Maa ka doodh kaise badhaye

जितना जल्दी हो सके स्तनपान कराना शुरू कर दें -

अगर आप अपने बच्चे को स्तनपान देर से कराना शुरू करते हैं तो दूध का उत्पादन कम हो सकता है। नवजात शिशु को जन्म देने के बाद उसे अच्छे से पकड़ें और डिलीवरी के बाद के शुरूआती कुछ घंटे के भीतर स्तनपान कराना शुरू कर दें।

बच्चों को निप्पल कुछ दिनों बाद ही दें -

शिशु के जन्म के समय से ही निप्पल ना लगाएं यदि आप उसे निप्पल लगाना चाहते हैं, तो उसे शिशु के जन्म से कम से कम तीन से चार सप्ताह के बाद शुरू करें। ऐसा करने से तब तक आपको बच्चे की नियमित रूप से देखभाल करने की आदत पड़ जाती है और दूध का उत्पादन भी अच्छे से होता है।

अधिक बार स्तनपान करवाएं -

स्तनपान ज्यादा बार करवाएं और अपने बच्चे पर छोड़ दें कि उन्हें माँ के दूध को कब पीना छोड़ना है। जब बच्चा स्तनपान करता है तो जितना आप स्तनपान करवाएंगी, उतना ज्यादा माँ के दूध का उत्पादन होगा। पूरे दिन में औसतन दस बार स्तनपान कराने से दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कम या सामान्य स्तनपान किसी परेशानी का लक्षण है।

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माँ का दूध बढ़ाने के नुस्खे - Maa ka doodh badhane ke gharelu nuskhe

माँ का दूध बढ़ाने का एक तरीका है कि यहाँ बताये स्पेशल बिस्कुट बनाएं। इन बिस्कुट पर कोई रिसर्च मौजूद नहीं है, लेकिन इनमें मौजूद कुछ सामग्रियां दूध का उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं। इनमें से कुछ खाद्य पदार्थों और जड़ी बूटियों में गैलक्टागोगुस नामक पदार्थ होता है जो कि दूध के उत्पादन को बढ़ाता है, जैसे कि ​ओट्स, अंकुरित गेहूं और ​अलसी के बीज।

सम्पूर्ण सामग्री –

  • एक बड़ी चम्मच अंकुरित गेहूं और दो कप गेहूं का आटा।
  • दो बड़ी चम्मच अलसी के बीज और दो कप ओट्स।
  • चार अंडे की जर्दी।
  • एक कप बटर
  • खमीर।
  • एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा
  • आधा छोटा चम्मच वनीला एक्सट्रैक्ट 
  • आधा चम्मच नमक
  • आधा कप सफेद चीनी और आधा कप ब्राउन शुगर।

बनाने की विधि –

  1. सबसे पहले ओवन को 170 डिग्री सेल्शियस तक गर्म कर लें।
  2. फिर एक छोटे कटोरे में पानी लेकर अलसी के बीज को मिलाएं और सोखने को रख दें।
  3. 5-10 मिनट तक उन्हें पानी में भीगने दें। 
  4. अब दूसरे कटोरे में सफेद व ब्राउन शुगर और मक्खन को मिला लें।
  5. अब उसमें अंडे की जर्दी और वनीला एक्सट्रैक्ट को भी मिक्स करें।
  6. फिर पूरे मिश्रण को एक मिनट तक अच्छे से मिलाएं या तब तक मिलाएं जब तक सभी सामग्रियां पूरी तरह से मिल न जाएँ।
  7. अब अलसी के बीज और पानी के मिश्रण को छन्नी से एक अलग कटोरे में छान लें। फिर उसमें से अलसी को निकाल लें। 
  8. अब एक अन्य कटोरे में बेकिंग सोडा, अंकुरित गेहूं, गेहूं का आटा, खमीर, और नमक को मिलाएं। अब इसमें मक्खन वाले मिश्रण व अलसी को डाल दें और अच्छे से पूरे मिश्रण को चलाएं। अच्छे से पूरे मिश्रण को चलाने के बाद इसमें ऊपर से ओट्स डालें।
  9. अब इस मिश्रण से दो छोटे-छोटे लड्डू बनाएं और ओवन की प्लेट पर इन लड्डू को रख दें।
  10. अब इन्हें करीबन 10 मिनट तक गर्म करें या फिर तब तक जब तक उसकी परत सुनहरी न हो जाये।
  11. बिस्कुट बनने के बाद उन्हें दो मिनट के लिए ओवन में ही रहने दें और बाहर निकालकर किसी ठंडी जगह पर रख दें। 

अन्य खाद्य पदार्थ, जड़ी बूटियाँ और सप्लीमेंट्स -

"कनैडियन ब्रेस्टफीडिंग फॉउंडेशन" के अनुसार कुछ अन्य खाद्य पदार्थ और जड़ी बूटियां भी हैं जो माँ के दूध का उत्पादन करने में मदद करते हैं। निम्नलिखित खाद्य पदार्थ और जड़ी बूटियां जैसे -

कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात जरूर करें, खासकर तब जब आप इन्हें स्तनपान के दोरान लेने वाली हो, क्योंकि प्राकृतिक उपायों से भी आपको नुकसान पहुँच सकता है।

(और पढ़ें - स्तनपान से जुड़ी समस्याएं)

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