पानी सभी के लिए जरूरी होता है। निश्चित मात्रा में पानी पीने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं। लेकिन यह बात शिशुओं पर लागू नहीं होती है। डॉक्टर एक निश्चित आयु तक शिशुओं को पानी नहीं देने की सलाह देते हैं। शिशु को कब और कितना पानी पिलाना चाहिए, जैसे कई प्रश्न, हाल ही में मां-बाप बनने वालों के लिए एक बड़ी समस्या का कारण होते हैं। कई बार बाहर तेज गर्मी होने पर महिलाओं को लगता है कि उन्हें अपने शिशु को पानी पिलाना चाहिए। लेकिन डॉक्टर शिशु को शुरुआती कुछ महीनों तक पानी पिलाना सही नहीं मानते हैं। 

(और पढ़ें - शिशु की देखभाल)

इस लेख में आपकी समस्या को ध्यान में रखते हुए बच्चे को पानी कब और कितना पिलाना चाहिए के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही शिशु को पानी कैसे पिलाएं और 6 महीने से पहले शिशु को पानी पिलाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया जा रहा है।

(और पढ़ें - 6 महीने के बच्चे का डाइट चार्ट)

  1. बच्चे को पानी पिलाना कब से शुरू करें - Bache ko pani kab pilana chahiye
  2. नवजात शिशु को कितना पानी पिलाना चाहिए - Shishu ko kitna pani dena chahiye
  3. बेबी को पानी पिलाने के लिए कैसे प्रोत्साहित करें - Baby ko pani pilane ke liye kaise protsahit kare
  4. 6 महीने से पहले बच्चे को पानी देने से क्या समस्या होती है - 6 mahine se pahle bache ko pani dene se kya samasya hoti hai

कई माता-पिता को यह मालूम नहीं होता है कि वह शिशु को कब से (किस आयु से) पानी पिलाना शुरू करें। व्यस्कों को प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है, लेकिन शिशु के साथ ऐसा नहीं होता है। बच्चों और शिशुओं की पानी की आवश्यकता उनकी आयु के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यदि शिशुओं का शरीर पानी को पचाने के लिए तैयार ना हो और ऐसे में उनको ज्यादा पानी पिला दिया जाए, तो इससे शिशु की सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आगे जानते है शिशु को शारीरिक विकास कैसे होता है और किस आयु में उसको पानी पिलाना उचित माना जाता है। 

(और पढ़ें - शिशु का टीकाकरण चार्ट)

जन्म से 4 महीनों तक के शिशु

मां का दूध पीने वाले बच्चों को पानी की आवश्यकता नहीं होती है। मां का दूध शिशु के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों और तरल की पूर्ति करने के लिए पूर्ण होता है। इससे शिशु का शरीर हाइड्रेट (पानी की सामान्य मात्रा) बना रहता है। इसीलिए कहा जा सकता है कि जब तक आप अपने शिशु को स्तनपान करा रहीं है तब तक आपको उसे पानी पिलाने के विषय पर अधिक चिंतित नहीं होना चाहिए। 

(और पढ़ें - बच्चों की सेहत के इन लक्षणों को न करें नजर अंदाज)

इसके साथ ही डिब्बे का दूध पीने वाले शिशुओं को भी पानी की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। अधिकतर डिब्बे वाले दूध को बनाने के लिए कुछ विशेष निर्देश दिए होते हैं, इन निर्देशों में पानी की निश्चित मात्रा को मिलाने की सलाह दी जाती है। यदि आप इसको बताए गए तरीकों के अनुसार तैयार करते हैं तो डिब्बे वाला दूध भी आपके बच्चों के शरीर में पानी की निश्चित मात्रा को बनाए रखता है। 

(और पढ़ें - बच्चों को सिखाएं अच्छी सेहत के लिए अच्छी आदतें)

5 से 12 महीनों तक के शिशु

6 महीनों का होने तक शिशु को मां के दूध के अलावा अन्य किसी भी तरल पदार्थ की आवश्यकता नहीं होती है। पांच से आठ महिनों के शिशु को जब आप धीरे-धीरे ठोस आहार देना शुरू करती हैं तब उसे पानी पीने के लिए दिया जा सकता है।

(और पढ़ें - उम्र के हिसाब से कितना वजन होना चाहिए)

साल भर का होने पर भी आप अपने शिशु को स्तनपान कराती रहें। इस दौरान आप शिशु को भोजन के साथ पानी में मिक्स जूस या पानी भी दे सकती हैं, जबकि अन्य प्रकार के पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक आदि शिशु को नहीं देनी चाहिए। कई बार महिलाओं को हर समय शिशु के प्यासा होने को लेकर चिंता रहती है, लेकिन पानी पीना शुरू करने के कुछ दिनों बाद शिशु खुद बेचैन होकर, प्यासा होने के संकेत देने लगता है। 

(और पढ़ें - बच्चे को बोतल से दूध पिलाने के फायदे)  

Baby Massage Oil
₹256  ₹280  8% छूट
खरीदें

आगे आपको बच्चों को कितना पानी पिलाना चाहिए के विषय में विस्तार से बताया गया है-

6 से 12 महीने तक के शिशु को कितना पानी पिलाएं

शिशु जब केवल स्तनपान करता है तो वह प्रतिदिन करीब 708 ग्राम से 850 ग्राम तक दूध पीता है, लेकिन जैसे-जैसे शिशु अन्य ठोस आहार लेना शुरू करता है, वैसे-वैसे उसके दूध पीने की मात्रा में कमी होती है और वह दिन में करीब 396 ग्राम से 708 ग्राम तक दूध पीने लगता है।

(और पढ़ें - शिशु का वजन कैसे बढ़ाएं)

शिशु के दूध पीने की आदत उसको दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों और भोजन करने की संख्या पर निर्भर करती है। 6 से 12 महीनें के शिशु के संपूर्ण पोषण और सही विकास के लिए खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं।

(और पढ़ें - नवजात शिशु की खांसी का इलाज)

इस क्रम में शिशु को खाद्य पदार्थ धीरे धीरे देना शुरू किया जाता है। अगर इस समय शिशु पर्याप्त मात्रा में डिब्बे वाला और मां का दूध पीता है, तो उसको पूरे दिन दो से चार ओंस यानी करीब 60 से 110 ग्राम पानी की आवश्यकता होती है। 

(और पढ़ें - बच्चे की मालिश कैसे करें)

12 महीनों से अधिक शिशु को कितना पानी देना चाहिए

12 महीनों का होने तक शिशु के दूध पीने की आदत कम हो जाती है और वह एक दिन में केवल 16 ओंस यानी 450 ग्राम दूध पीता है। इस समय आप शिशु को सुबह, दोपहर और शाम, खाने की आदत डालें। इसके अलावा आप बच्चे को अलग-अलग खाद्य पदार्थ देने की कोशिश करें। दूध पीने में कमी, अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन और शारीरिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होने से, शिशु को स्वाभाविक रूप से पानी पीने की इच्छा होने लगती है।

(और पढ़ें - मिट्टी खाने का इलाज)

विशेषज्ञों के अनुसार एक साल के शिशु को दिन में करीब 1.3 लीटर पानी पीने की जरूरत होती है, जिसमें दूध, खाने और अन्य स्त्रोतों से मिलने वाले तरल को भी शामिल किया जाता है। निश्चित मात्रा में पानी या तरल लेने से शिशु के मल त्याग की प्रक्रिया सामान्य बनती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है।  

(और पढ़ें - पानी की कमी का इलाज)

बच्चे के पीने का पानी कैसे तैयार करें

शिशु को उबला हुआ ही पानी पीने को दें। इसके लिए आप पानी को उबाल कर सामान्य तापमान में ठंडा कर लें। पानी को उबालने से उसमें मौजूद सभी सूक्ष्मजीव समाप्त हो जाते हैं और इस पानी से इंफेक्शन होने का खतरा भी कम हो जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि डिब्बे वाले दूध को तैयार करते समय भी इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।     

(और पढ़ें - बच्चों के दांत निकलने की उम्र क्या है)  

शिशु को पानी पिलाने के लिए आपको ऐसे कप का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे बच्चा आसानी से पानी पी सके। इसके लिए अधिकतर लोग सिपर का इस्तेमाल करते हैं। आगे आपको कुछ ऐसे उपाय बताए जा रहें हैं जिनकी मदद से आपका बच्चा आसानी से पानी पीना शुरू कर देगा।

  • बच्चे को कप या सिपर में ही पानी दें। शुरू-शुरू में शिशु को पानी पिलाने के लिए आप मदद करें। (और पढ़ें - बेबी को सुलाने के तरीके
     
  • पहली बार पानी पीते समय शिशु के हाथ से कप गिरना और उसका गला भी बंद होना आम बात बात है। ऐसे में आप घबराएं नहीं, इससे बचने के लिए एक बार में शिशु को थोड़ा ही पानी पीने को दें। (और पढ़ें - बच्चे को दूध छुड़ाने का तरीका)
     
  • शिशु को पानी पिलाते समय आप उसके निचले होंठ पर कप को रखें, ताकि वह पानी पीने के सही तरीके को समझ सकें। (और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)
     
  • शिशु माता-पिता की नकल करके कई चीजों को सीखता है, ऐसे में खुद आप पानी पीते हुए बच्चे को कप से पानी पीने के सही तरीके को बता सकती हैं। (और पढ़ें - बच्चों की खांसी के घरेलू उपाय
  • नए डिजाइन या अलग-अलग रंगों के सिपर या कप में पानी पीना बच्चे को अच्छा लगता है। साथ ही आप अलग-अलग रंग के स्ट्रॉ (Straw: पानी या जूस पीने वाला पाइप) का भी प्रयोग कर सकते हैं। (और पढ़ें - ग्राइप वाटर के फायदे)
     
  • शिशु को पानी देने से पहले बाहरी वातावरण का भी ध्यान रखें। शिशु अपने शरीर के तापमान को व्यस्कों की तरह नियंत्रित नहीं कर पाते हैं, ऐसे में शरीर के तापमान को जल्द सामान्य करना उनके लिए मुश्किल भरा होता है। इसलिए शिशु को शारीरिक गतिविधियों से पहले और बाद में तरल पदार्थ लेने के लिए प्रोत्साहित करें। विशेषज्ञों के अनुसार हर 20 मिनट में बच्चे को करीब 4 ओंस यानी की 100 ग्राम तरल की आवश्यक होती है। 

(और पढ़ें - बच्चों को मोटा करने के उपाय)

Badam Rogan Oil
₹396  ₹599  33% छूट
खरीदें

6 महीने से पहले शिशु को पानी पिलाने से इंफेक्शन होने की संभावना होती है। साथ ही इसकी वजह से शिशु का दूध पीना भी कम हो जाता है, जिससे बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाते हैं। गंभीर मामलों में शिशु के द्वारा अधिक पानी पीने से वाटर इंटोक्सिकेशन (Water intoxication) होने की संभावनाएं हो सकती है। इस समस्या में शिशु के रक्त में सोडियम घुलने से ऊतकों में सूजन आ जाती है, जो मस्तिष्क की गतिविधि के लिए घातक होती है। (और पढ़ें - बच्चे को चलना कैसे सिखाएं)

वाटर इंटोक्सिकेशन होने पर निम्न तरह के लक्षण दिखाई देते हैं।

इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर आप शिशु को तुरंत किसी डॉक्टर के पास लेकर जाएं।     

सम्बंधित लेख

ऐप पर पढ़ें