कोरोना के इस दौर में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करना जरूरी है. इम्यून फंक्शन के सही तरह से काम करने के लिए बॉडी को बाहरी बैक्टीरिया और अपने टिशू के बीच पहचान करने की जरूरत रहती है. इसमें सही पाचन क्षमता और न्यूट्रिएन्ट को एब्जॉर्ब करने की क्षमता शामिल है. होम्योपैथी हेल्थी गट और ब्रेन के कनेक्शन के लिए संबंध स्थापित करने के लिए एक कारगर तरीका है.

होम्योपैथी दवाइयां बिना किसी साइड इफेक्ट के इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करती हैं. इम्यूनिटी बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा के तौर पर आर्सेनिक एल्बम और ऑसिमम सैंक्टम बढ़िया तरीके से काम करती हैं.

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आज इस लेख में हम इम्यूनिटी बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा के बारे में विस्तार से जानेंगे-

  1. होम्योपैथिक दवा कैसे काम करती है?
  2. इम्यूनिटी बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा
  3. सारांश
इम्यूनिटी बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा व इलाज के डॉक्टर

बॉडी पर बैक्टीरिया द्वारा हमला करने के दौरान उनसे लड़ने के लिए एक मजबूत इम्यून सिस्टम का होना जरूरी है. मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए होम्योपैथिक दवा शानदार तरीके से काम करती है. होम्योपैथी में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का एक आसान तरीका है - जैसी बीमारी वैसा इलाज. यानी कि बीमारी के लक्षण बीमारी पैदा करने वाले उपाय से मिलने चाहिए. होम्योपैथिक चिकित्सक लक्षणों को ठीक करने के लिए उस उपाय को चुनते हैं, जो आमतौर पर इन लक्षणों से पैदा होते हैं. होम्योपैथी में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाइयों का इस्तेमाल 200 से अधिक वर्षों से किया जा रहा है.

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कोविड में लोगों की भीड़ और कीटाणुओं के आस-पास होने के साथ ही हेल्दी खाना नहीं खाने से व्यक्ति बीमार हो जा सकता है. ऐसे में इम्यूनिटी पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. ऊपर से कोरोना वायरस का नया वेरियंट आ चुका है, तो इम्यून सिस्टम को मजबूत करना और भी जरूरी हो गया है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया और जेल्सिमियम जैसी कुछ होम्योपैथिक दवाइयां कारगर हैं. आइए, इम्यूनिटी बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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जेल्सिमियम

जेल्सीमियम एक पौधा है, जिसकी जड़ और डंठल का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए किया जाता है. जेल्सिमियम का इस्तेमाल कोल्ड, कॉमन फ्लू, सिरदर्द, डलनेस जैसी समस्याओं को ठीक करने में मददगार है. यह होम्योपैथी की एक महत्वपूर्ण दवा है, जो कोल्ड और इंफ्लुएंजा को ठीक करने में मदद करती है. इस दवा के इस्तेमाल से थकान से भी लड़ने में मदद मिलती है. यह माइग्रेन और चेहरे पर नसों में होने वाले दर्द के इलाज के लिए भी लाभकारी है.

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इकिनेशिया

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर इकिनेशिया इम्यूनिटी को शानदार तरीके से बूस्ट करते हुए कॉमन कोल्ड से लड़ने में मदद करता है. यह रेसिस्टेंस पावर को बढ़ाने में कारगर भी है. यह बैक्टीरिया की शक्ति को कम करके स्वस्थ करने में सहायक है. इसकी खास बात यह है कि यह किसी भी तरह के इन्फेक्शन में कारगर है. इसे होम्योपैथी की एंटी बैक्टीरियल कीमोथेरेपी कहा जाता है. इसी वजह से यह बायोलॉजिकल इम्यूनिटी को बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम पर लाभकारी असर डालता है.

शोध के अनुसार, यह होम्योपैथिक दवा इन्फेक्शन और वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को तैयार करती है. इसकी वजह से व्यक्ति बीमारी से जल्दी उबर पाता है. यह इंफेक्शन से लड़ने वाले व्हाइट ब्लड सेल की संख्या को बूस्ट करते हुए कोल्ड के लक्षणों को कम करता है. यह एंजायटी को कम करने में भी मददगार है.

इसके साथ ही एकिनेशिया के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण स्किन से जुड़ी परेशानियों को ठीक करने में मदद करते हैं. शोध यह भी कहते हैं कि इकिनेशिया कैंसर सेल के विकास को दबाकर कैंसर से भी सुरक्षा करने में अहम भूमिका निभाता है.

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ऑसिमम सैंक्टम

इस दवा में तुलसी के गुण हैं, जो कोल्ड और इंफेक्शन के साथ केमिकल स्ट्रेस, फिजिकल स्ट्रेस से सुरक्षा करता है. खांसी के लिए बढ़िया दवा के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. शोध बताते हैं कि ऑसिमम सैंक्टम में एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटी फंगल एक्टिविटी है. ये सब मिलकर इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं और इम्यूनिटी पर अटैक करने वाली बीमारियों से व्यक्ति की रक्षा करते हैं.

इसका एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण मिलकर चोट को तेजी से ठीक करने में अहम भूमिका भी निभाते हैं. ऑसिमम सैंक्टम का इस्तेमाल ब्लड ग्लूकोज, ब्लड प्रेशर और लिपिड लेवल को सामान्य करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है. यह अपने एंटीडिप्रेसेंट गुणों की वजह से मेमोरी और कॉग्निटिव फंक्शन पर पॉजिटिव प्रभाव भी डालता है.

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आर्सेनिक एल्बम

आर्सेनिक एल्बम ऐसी दवा है, जो कोरोना के समय में भारत के आयुष मंत्रालय द्वारा सेवन करने के लिए सलाह दी जा रही है. किसी भी तरह के वायरल इन्फेक्शन के शुरुआत में यह सबसे बढ़िया तरीके से काम करती है. विभिन्न तरह की एलर्जी, डाइजेस्टिव डिसऑर्डर, फूड प्वाइजनिंग, इनसोमनिया, एंजाइटी, डिप्रेशन और ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर में यह दवा फायदेमंद साबित हुई है.

चाइनीज मेडिसिन फार्मूला में भी आर्सेनिक एल्बम का इस्तेमाल किया जाता रहा है. सोरायसिस, अस्थमा, ज्वाइंट पेन, कफ, खुजलीकैंसर के साथ ही एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट के तौर पर भी आर्सेनिक एल्बम का इस्तेमाल किया जाता है. इसे एक बढ़िया पेन किलर के तौर पर भी जाना जाता है.

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टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया

टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया को गुडूची यानी गिलोय के नाम से जाना जाता है. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यह एक कारगर होम्योपैथिक दवा है. प्लेटलेट्स बढ़ाने में यह बढ़िया तरीके से काम करता है, हीमोग्लोबिन कम की स्थिति में भी यह कारगर है. इसका जिक्र सालों पहले के आयुर्वेदिक साहित्य में भी किया गया है. यह एक शानदार होम्योपैथी दवा है, जिसमें एंटी एलर्जी के साथ ही एंटी डायबिटिक, एंटी स्पैज्मोडिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी एलर्जी और एंटी स्ट्रेस जैसे गुण हैं.

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कोरोना वायरस के इस दौर में जरूरी है कि इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना जरूरी है. यूं भी हेल्दी रहने के लिए इम्यूनिटी बूस्ट करना जरूरी है. इम्यूनिटी बढ़ाने में आर्सेनिक एल्बम और एकिनेशिया जैसी होम्योपैथिक दवाइयां अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन इनके सेवन से पहले होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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