दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोविड-19 महामारी वैश्विक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बन चुकी है जिसने दुनियाभर के 180 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। इनमें से अमेरिका, स्पेन, इटली, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश कोविड-19 महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। भारत भी प्रभावित देशों की सूची में शामिल है और फिलहाल यहां पर कोविड-19 का संक्रमण सेकंड स्टेज में है।

भारत में भी कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 11 अप्रैल 2020 के आंकड़ों की मानें तो अब तक भारत में 7 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 6,565 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है, जबकी 239 लोगों की मौत हो चुकी है और 642 लोग संक्रमण से स्वस्थ होकर घर वापस लौट चुके हैं।

कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन भी शामिल है। इतना ही नहीं, भारत में तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन को 21 दिनों से आगे बढ़ाने की संभावना भी जतायी जा रही है।

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इन सख्त कदमों के साथ ही आम लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और जरूरी सुविधाएं प्रदान करने वालों के लिए भी सुरक्षात्मक उपाय और जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोविड-19 से लड़ने में आपके शरीर की इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़ने की क्षमता सबसे अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी को मजबूत कैसे बनाना है इस बारे में भारत सरकार के AYUSH मंत्रालय यानी आयुर्वेद, योग और नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। क्या हैं वे निर्देश, यहां जानें।

  1. आयुर्वेद और कोविड-19 से जुड़ी अहम बात
  2. इम्यूनिटी को बेहतर बनाने के आसान उपाय
  3. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के आयुर्वेदिक उपाय
  4. इम्यूनिटी मजबूत बना सकती हैं ये आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं
  5. खांसी और गला खराब हो तो ये आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाएं
कोविड-19 महामारी के दौरान इम्यूनिटी मजबूत बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने दिए कई सुझाव के डॉक्टर

इसमें तो कोई शक नहीं कि आयुर्वेद से जुड़ी कई बातों और पद्धतियों का अस्तित्व भारत में प्राचीन काल के समय से ही रहा है। लेकिन इनमें से ज्यादातर क्रियाएं और पद्धतियों के पीछे विज्ञान का कोई समर्थन नहीं है। ऐसे में ऐलोपैथिक दवाइयों की तरह रातों-रात असर करने की बजाए आयुर्वेदिक नुस्खे और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली पद्धतियों को जीवनभर अपनाना पड़ता है ताकि इनका पूरा फायदा आपके शरीर को मिल सके।

ऐसे में अगर आप इन आयुर्वेदिक नुस्खों को आज ही अपना भी लें तब भी इस बात के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं कि आपका इम्यून सिस्टम रातों रात मजबूत बन जाएगा। हालांकि आयुष मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए ये दिशा-निर्देश कोविड-19 का इलाज नहीं कर सकते हैं क्योंकि अब तक कोविड-19 का कोई इलाज या टीका खोजा ही नहीं जा सका है। आगे हम आपको जिन पद्धतियों के बारे में बताने जा रहे हैं उन्हें अपनाकर लंबे समय तक आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी लेकिन साथ ही साथ कोविड-19 से बचने के लिए जितने भी उपाय आपको बताए गए हैं उनका भी पालन जरूर करें।

घर पर रहें और घर से बाहर न निकलें, अगर बेहद जरूरी काम से बाहर जाना भी पड़े तो फिजिकल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें, हाथों को लगातार साबुन पानी से धोते रहें, श्वास संबंधी साफ-सफाई का ध्यान रखें। ये कुछ ऐसे सुरक्षात्मक उपाय हैं जिनका पालन आपको अवश्य करना चाहिए, फिर चाहे आप आयुष मंत्रालय के निर्देशों का पालन करें या न करें। साथ ही साथ अगर आपको खुद में कोविड-19 के एक भी लक्षण नजर आते हैं तो घबराने की बजाए तुरंत डॉक्टर या आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के नंबर पर फोन करें।

(और पढ़ें: कोविड-19 के मरीज को कब किया जाता है डिस्चार्ज, भारत या अन्य देशों में क्या हैं प्रोटोकॉल)

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आयुष मंत्रालय की तरफ से कुछ बेहद सामान्य उपायों के बारे में बताया गया है जिन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि इम्यूनिटी और फिटनेस लेवल को भी:

  • दिनभर में कई बार गर्म या गुनगुना पानी पीते रहें।
  • हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए योग, प्राणायाम या मेडिटेशन जरूर करें।
  • अपने खाने में वैसे मसालों को जरूर शामिल करें जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जैसे- हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन।
  • हर दिन 1 चम्मच या करीब 10 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन जरूर करें। च्यवनप्राश, पारंपरिक, बायोऐक्टिव और 100 फीसदी प्राकृतिक हेल्थ सप्लिमेंट है। वैसे लोग जिन्हें डायबिटीज है उनके लिए मार्केट में शुगर-फ्री च्यवनप्राश भी आसानी से मिल जाता है।
  • रोजाना दिन में एक या दो बार पारंपरिक औषधीय काढ़े का सेवन जरूर करें। इसे बनाने के लिए तुलसी के पत्तों के साथ दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक, मुनक्का या किशमिश, गुड़ और नींबू का रस मिलाकर काढ़ा तैयार करें।
  • रोजाना दिन में एक या 2 बार हल्दी वाले दूध का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। हल्दी वाला दूध बनाने के लिए 150 एमएल गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालें और अच्छे से मिक्स करके पी लें।

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अगर आपकी नाक बंद है या नेजल पैसेज ब्लॉक हो गया है तो इन बेहद आसान आयुर्वेदिक प्रक्रियाओं की मदद से आपकी बंद नाक खुल जाएगी। ऐसे में आपको इन प्रक्रियाओं को रोजाना कम से कम एक बार जरूर करना चाहिए:

  • नाक में तेल डालना : एक बार सुबह के समय और एक बार शाम के समय अपनी नाक के दोनों छिद्रों में एक-एक बूंद घी, तिल का तेल या नारियल तेल डालें।
  • ऑइल पुलिंग : अपने मुंह में 1 चम्मच नारियल का तेल या तिल का तेल रखें लेकिन उसे गले के नीचे न जाने दें। 2-3 मिनट तक इस तेल को मुंह में ही घुमाते रहें और इससे कुल्ला करें और फिर इसे थूक दें। इसके बाद अपने मुंह को गर्म पानी से साफ कर लें। इस प्रक्रिया को रोजाना कम से कम 2 बार जरूर दोहराएं।

कोविड-19 महामारी ऐसे समय में हुई है जब मौसम बदल रहा है। इसलिए मौसमी बीमारियां जैसे खांसी और गला खराब जैसी दिक्कतें भी इस समय अपना सिर उठा सकती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए आप प्राकृतिक नुस्खे अपना सकते हैं लेकिन आपको बता दें कि ये लक्षण कोविड-19 के भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपकी खांसी या गला खराब होने की दिक्कत 3 दिन से ज्यादा रहे तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर या आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा से संपर्क करना चाहिए। अगर आपको बुखार, सांस लेने में दिक्कत, बदन दर्द या दूसरे लक्षण भी हों तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

खांसी या गला खराब की समस्या जिसका कोविड-19 से कोई लेना-देना नहीं है उसे दूर करने के लिए आप निम्नलिखित आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं:

  • पानी में पुदीने की पत्तियां या अजवायन डालकर पानी को उबालें और उससे स्टीम लें। स्टीम लेने की इस प्रक्रिया को आप रोजाना दिन में 1 बार जरूर अपनाएं।
  • एक कटोरी में लौंग का पाउडर और शहद को मिक्स करें। खांसी या गले में खुजली हो तो इस मिश्रण को दिन में 2 से 3 बार जरूर लें।

(और पढ़ें: क्या कोविड-19 हवा से फैलने वाली बीमारी है, यहां जानें इसकी पूरी डीटेल)

Dr. Harshaprabha Katole

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आयुर्वेद
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Dhruviben C.Patel

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Dr Prashant Kumar

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2 वर्षों का अनुभव

Dr Rudra Gosai

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1 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

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  5. Patwardhan, B. Bridging Ayurveda with evidence-based scientific approaches in medicine. EPMA J. 2014; 5(1): 19. PMID: 25395997
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