नोट - टीबी का इलाज करने के लिए आप अपने डॉक्टर से सही निदान और इलाज के लिए बात करें। ट्यूबरक्लोसिस का इलाज अगर बीच में छोड़ दिया जाता है तो ये और घातक हो सकता है, इससे संक्रमित अंगों के उत्तक कम हो सकते हैं। यहाँ बताये गए घरेलू उपाय को डॉक्टर के इलाज का विकल्प नहीं, बल्कि सहयोगी उपाय मानें।
ट्यूबरक्लोसिस को टीबी भी कहा जाता है, और "माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस" नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। हालांकि ये मूल रूप से एक श्वसन संक्रमण इस स्थिति के साथ साथ ट्यूबरक्लोसिस शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित और प्रभावित करता जाता है। ये संक्रमण धीरे धीरे लसिका ग्रंथि (lymph nodes) और खून के ज़रिये फैलता जाता हैं।
ये संक्रमण ज़्यादातर एक व्यक्ति के ज़रिये नहीं फैलता लेकिन बार बार लम्बे समय तक बैक्टीरिया के सम्पर्क में आने से आपका जोखिम बढ़ सकता है। अन्य कारक जैसे कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता और अनुचित आहार इस स्थिति में दिखने लगते हैं।
तपेदिक के लक्षण जैसे आमतौर पर थकान महसूस होना, जल्दी जल्दी खांसी आना (शुरुआती चरणों में बलगम के साथ खून आना), अस्वाभाविक सांस या सांस लेने में तकलीफ, वज़न कम होना, रात में पसीने आना, बुखार, और छाती, किडनी और कमर के आसपास दर्द होना।
तो आइये आपको बताते हैं टीबी के कुछ घरेलू उपाय –