ट्रॉपिकल स्प्रू क्या है?
ट्रॉपिकल स्प्रू पाचन से जुड़ा एक दुर्लभ रोग है, जिसमें पोषक तत्वों को अवशोषित करने की छोटी आंत की क्षमता में कमी आ जाती है। यह समस्या उन लोगों में होती है, जो लंबे समय तक ट्रॉपिकल यानी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहते हैं। ट्रॉपिकल स्प्रू आंतों की सूजन के कारण होता है। इस सूजन की वजह से भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में कठिनाई आती है। इसे मालएब्जॉर्प्शन भी कहा जाता है। ट्रॉपिकल स्प्रू में मुख्य रूप से फोलिक एसिड और विटामिन बी12 को अवशोषित करने में कठिनाई आती है।
यदि कोई व्यक्ति मालएब्जॉर्प्शन से ग्रस्त है, तो इसका मतलब है कि उसके आहार में पर्याप्त विटामिन और पोषक तत्व की कमी है। यह कई अलग-अलग लक्षणों का कारण बन सकता है। बता दें, शरीर को ठीक से काम करने के लिए विटामिन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
ट्रॉपिकल स्प्रू के संकेत और लक्षण क्या हैं?
ट्रॉपिकल स्प्रू के लक्षणों में निम्न में से कोई भी शामिल हो सकता है :
- पेट में मरोड़
- दस्त, जो उच्च वसा वाले आहार से स्थिति को खराब कर सकता है
- अधिक मात्रा में गैस
- खट्टी डकार
- चिड़चिड़ापन
- मांसपेशियों में ऐंठन
- सुन्न होना
- शरीर पीला पड़ना
- वजन घटना
ट्रॉपिकल स्प्रू का कारण क्या है?
ट्रॉपिकल स्प्रू की समस्या तभी होती है जब आप किसी ट्रॉपिकल एरिया यानी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों जाते हैं। इन क्षेत्रों में शामिल हैं :
- कैरेबियाई क्षेत्र
- भारत
- दक्षिण अफ्रीका
- दक्षिण - पूर्व एशिया
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह स्थिति आंतों में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने के कारण होती है, लेकिन उन विशिष्ट जीवाणुओं की पहचान नहीं हुई है, जिनके कारण ट्रॉपिकल स्प्रू की समस्या होती है।
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ट्रॉपिकल स्प्रू का निदान कैसे होता है?
ट्रॉपिकल स्प्रू के लक्षण कई अन्य स्थितियों से भी मिलते-जुलते हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं :
- जिऑरडायसिस (जिऑर्डिया नामक परजीवी के कारण होने वाला आंतों का संक्रमण)
- क्रोन (क्रोहन) रोग
- अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंतों में सूजन)
- इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
यदि आप उपरोक्त लक्षणों को नोटिस करते हैं और डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाते हैं, तो डॉक्टर कई टेस्ट (सीरीज ऑफ टेस्ट) करवाने का सुझाव दे सकते हैं। डॉक्टर निम्न स्थितियों को ट्रॉपिकल स्प्रू मान सकते हैं :
- यदि कोई व्यक्ति उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में रहता है और उसमें उपरोक्त लक्षण मौजूद हों।
- यदि कोई व्यक्ति उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से होकर आया हो और उसमें उपरोक्त लक्षण मौजूद हों।
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ट्रॉपिकल स्प्रू का इलाज कैसे होता है?
(1) एंटीबायोटिक्स
ट्रॉपिकल स्प्रू की स्थिति में एंटीबायोटिक दवाएं असरदार हो सकती हैं क्योंकि यह उन बैक्टीरिया को मारने में सक्षम हैं, जो इस स्थिति को ट्रिगर करती हैं। एंटीबायोटिक्स दवाओं का कोर्स दो सप्ताह या एक वर्ष की अवधि के लिए चल सकता है।
(2) मालएब्जॉर्प्शन का इलाज
ट्रॉपिकल स्प्रू की समस्या को ट्रिगर करने वाले बैक्टीरिया को मारने के अलावा, मालएब्जॉर्प्शन का इलाज करने की भी आवश्यकता होती है। इसमें डॉक्टर विटामिन, पोषक तत्वों और इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति के लिए थेरेपी लिख सकते हैं। ऐसे में जल्द से जल्द सप्लीमेंट लेने की जरूरत होती है, जिनमें शामिल है :
- तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स
- आयरन
- फोलिक एसिड
- विटामिन बी 12