हमारी सेहत पर पर्यावरण का बड़ा असर पड़ता है। इसी पर्यावरण में कई सूक्ष्मजीव भी पनपते हैं, जो कई बीमारियों का कारण बनते हैं। ऐसी ही एक बीमारी है ट्रॉपिकल स्प्रू, जिसे हिंदी में संग्रहणी कहा जाता है और यह आज हम भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा बन गई है। चलिए जानते हैं इसके बारे में -
यह बीमारी न केवल भारत में रहने वालों में हैं, बल्कि जो लोग बाहर से आकर यहां एक महीने रह लेते हैं, उन्हें भी अपनी चपेट में ले लेती है। ऐसे यात्रियों में ‘ट्रेवलर्स डायरिया’ का डर रहता है। शुक्र इस बात का है कि आजकल महामारी से ग्रस्त किसी भी देश का दौरा करने से पहले यात्रियों के लिए विभिन्न तरह की एंटीबायोटिक उपलब्ध हैं। यही कारण है कि यात्रियों में ट्रॉपिकल स्प्रू के मामले तेजी से घटे हैं।