विटामिन डी क्या है?
विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है। ये सूर्य के प्रकाश (धूप) के संपर्क में आने पर शरीर की कोशिकाओं द्वारा बनने वाला एक स्टेरॉयड है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं ले सकते हैं या आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां धूप कम आती है तो ऐसी स्थिति में सप्लीमेंट्स से भी विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है।
(और पढ़ें - विटामिन डी की कमी)
दूध या अंडे जैसे खाद्य पदार्थों से मिलने वाना विटामिन डी हड्डियों और संपूर्ण सेहत के लिए पर्याप्त नहीं होता है। अब, आपको कैसे पता चलेगा कि आपको पर्याप्त धूप मिल रही है और शरीर इसे विटामिन डी में परिवर्तित कर रहा है?
तो चलिए इस लेख के ज़रिए जानते हैं विटामिन डी से जुड़ी कुछ महत्वूपर्ण बातें।
- विटामिन डी कहाँ से मिलता है? - Vitamin D ke srot
- विटामिन डी के फायदे - Vitamin D ke fayde
- एक दिन में कितना विटामिन डी लेना चाहिए? - Vitamin D kitna khana chahiye
- विटामिन डी की कमी के नुकसान
- अधिक मात्रा में विटामिन डी लेने से नुकसान - Vitamin D jyada lene ke nuksan
- निष्कर्ष
विटामिन डी कहाँ से मिलता है? - Vitamin D ke srot
विटामिन डी के कुछ अच्छे स्रोत इस प्रकार हैं:
- धूप
- दूध (और पढ़ें - दूध पीने के फायदे)
- अंडे का पीला भाग (और पढ़ें - अंडे खाने के फायदे)
- टमाटर (और पढ़ें - टमाटर खाने के फायदे)
- हरी सब्जियां
- शलजम (और पढ़ें - शलजम खाने के फायदे)
- नींबू (और पढ़ें - नीम्बू के फायदे)
- माल्टा
- मूली (और पढ़ें - मूली खाने के फायदे)
- पत्ता गोभी (और पढ़ें - पत्ता गोभी खाने के लाभ)
- पनीर (और पढ़ें - पनीर खाने के लाभ)
विटामिन डी के फायदे - Vitamin D ke fayde
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
- विटामिन डी हमारे शरीर में सीरम कैल्शियम और फास्फोरस की सही मात्रा को बनाये रखने में मदद करता है।
- साथ में यह आंत से इन खनिजों को अवशोषण कर के हड्डियों तक पहुंचाने का काम भी करता है।
- विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है।
- यह हमारे शरीर में संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- विटामिन डी मांसपेशियों, नसों के लिए बहुत ही आवश्यक है।
- यह हृदय रोग और हाई बीपी से भी हमें छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
- यह दिमाग को तेज रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
एक दिन में कितना विटामिन डी लेना चाहिए? - Vitamin D kitna khana chahiye
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में , रोज कितना विटामिन डी लेना चाहिए? इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट भारतीय जनसंख्या की जरूरतों और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में सहायता करता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। FSSAI की नई रिपोर्ट में विभिन्न आयु समूहों के लिए विटामिन डी की जरूरी दैनिक मात्रा को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
1. बच्चे (1-9 वर्ष)
बच्चों के विकास और हड्डियों के सही गठन के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है। FSSAI के अनुसार, 1-9 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए रोजाना 400 IU (अंतर्राष्ट्रीय इकाइयाँ) विटामिन डी की जरूरत होती है। यह मात्रा बच्चों की बढ़ती हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।
2. किशोर (10-18 वर्ष)
किशोरावस्था में हड्डियों का तेजी से विकास होता है, इसलिए इस आयु वर्ग के लिए विटामिन डी की आवश्यकता अधिक होती है। FSSAI ने 10-18 वर्ष के किशोरों के लिए रोजाना 600 IU विटामिन डी की अनुशंसा की है। यह मात्रा हड्डियों के विकास और समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
3. वयस्क (19-70 वर्ष)
वयस्कों के लिए विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना महत्वपूर्ण है ताकि हड्डियों की मजबूती और इम्यून सिस्टम की शक्ति बनी रहे। FSSAI के अनुसार, 19-70 वर्ष के वयस्कों के लिए रोजाना 600 IU विटामिन डी की जरूरत होती है।
4. वरिष्ठ नागरिक (70 वर्ष से अधिक)
वरिष्ठ नागरिकों में हड्डियों की कमजोरी और विटामिन डी की कमी का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को रोज 800 IU विटामिन डी लेना चाहिए , यह मात्रा हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और गिरने के जोखिम को कम करने में मदद करती है।
5. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने और अपने शिशु के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त विटामिन डी की आवश्यकता होती है। रोज 600 IU विटामिन डी शिशु के हड्डियों के विकास और माताओं के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
विटामिन डी की कमी के नुकसान
विटामिन डी एक एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है जिसके कारण हमारे शरीर की अनेकों बीमारियों से बचाव होता है। पर विटामिन डी की कमी से निम्नलिखित स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं -
बच्चों में -
- मांसपेशियों में ऐंठन
- चिड़चिड़ापन
- देर से खड़ा होना और चलना
- नरम खोपड़ी या कमजोर घुमावदार पैर
- सांस लेने में दिक्कत
- बार-बार संक्रमण
वयस्कों में -
- हड्डियों में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द।
- मांसपेशियों की कमजोरी
- थकान
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- बेचैनी
- सीढ़ियाँ चढ़ने में दिक्कत
- मनोबल कम होना
- बालों का झड़ना
- कमजोर दांत
- कलाई और एड़ियों का फूलना
- सोरायसिस
- डायबिटीज
- हाई ब्लड प्रेशर
- हृदय रोग
- श्वसन संक्रमण
- कब्ज
- दस्त
(और पढ़ें – मांसपेशियों में दर्द का कारण)
अधिक मात्रा में विटामिन डी लेने से नुकसान - Vitamin D jyada lene ke nuksan
विटामिन डी हमारे लिए बहुत उपयोगी है। यह एक एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है जो कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। विटामिन डी का अधिक सेवन हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अधिक सेवन से हमारे शरीर में कैल्शियम की मात्रा अधिक हो जाती है जिसके कारण शरीर में अनेक प्रकार की समस्या होने लगती हैं जैसे
निष्कर्ष
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसकी पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। FSSAI की नई रिपोर्ट ने विभिन्न आयु समूहों और विशेष परिस्थितियों के लिए विटामिन डी की दैनिक अनुशंसित मात्रा को बताया गया है। बच्चों, किशोरों, वयस्कों, वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सभी के लिए विटामिन डी की मात्रा निर्धारित की है। सूर्य की रोशनी, भोजन और सप्लीमेंट्स को मिला कर विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा को सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे हड्डियों की मजबूती और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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विटामिन डी के स्रोत, फायदे और नुकसान के डॉक्टर

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Dt. Surbhi Upadhyay
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Dt. Manjari Purwar
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Dt. Akanksha Mishra
पोषणविद्
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